साहिबगंज: जिले का मिनी बाबा धाम कहे जाने वाला शिवगामी धाम में भी इस वर्ष कोरोना का असर दिख रहा है. झारखंड सहित पश्चिम बंगाल, बिहार, नेपाल और आोडिशा से पहुंचने वाले श्रद्धालु इस वर्ष कोरोना के भय और प्रशासन की अपील के बाद सावन के पहली सोमवारी को नहीं पहुंचे. यहां श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं उमड़ी और श्रद्धालुओं ने घर पर ही रहकर पूजा अर्चना की.
शिवगामी धाम की अनोखी कहानी
शिवगामी धाम जिले के बरहेट प्रखंड में स्थित है. इस गुफा में श्रद्धालु झुककर पूजा अर्चना करते हैं. साल भर इस गुफा से पानी टपकता है और गुफा के बाहर झरना का पानी साल भर गिरता रहता है. ये पानी कहां से आता है, आज तक किसी को मालूम नहीं चल पाया. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालु साहिबगंज और राजमहल गंगा घाट से कांवर में जल भरकर पैदल गेरुवा वस्त्र पहनकर लगभग 70 किमी चलकर शिवगामी धाम में बाबा भोले का दर्शन करते हैं.
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इस वर्ष कोविड-19 का असर शिवगामी धाम पर पड़ा है, चारो तरफ बैरिकेडिंग लगायी गयी है. मंदिर का दरवाजा बंद कर दिया गया है. सिर्फ पुरोहित सुबह-शाम आरती और श्रृंगार करते हैं.
क्या है पुजारियों का कहना
मंदिर के पुजारी का कहना है कि इस वर्ष श्रद्धालु नहीं आ रहे है और जिला प्रशासन ने भी सख्त हिदायत और अपील की है. इसके लिए प्रशासन ने फोर्स तैनात की है. शिवगामी धाम कमेटी के अध्यक्ष ने कहा है कि श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि घर पर ही रहकर पूजा करें, जो भी श्रद्धालु आ रहे है, उन्हें बैरिकेडिंग स्थल से घुमा दिया जा रहा है.
5 करोड़ का रोजगार हुआ प्रभावित
कोरोना का कारण मंदिर परिसर में करीब 5 करोड़ रुपये का रोजगार प्रभावित हुआ है, 10 हजार लोग इससे प्रभवित हुए हैं, स्थानीय लोगों को इससे रोजगार मिलता था. 50 वर्ष में पहली बार कोविड-19 की वजह से मेले पर ग्रहण लगा हुआ है, जिसके कारण उनके सामने आर्थिक दिक्कतें आ गयी हैं, जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.