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बांग्लादेशियों के लिए सेफ जोन बना साहिबगंज! वोट बैंक के नाम पर नहीं हो रही कार्रवाई

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Published : Aug 31, 2019, 3:17 PM IST

साहिबगंज का विकास बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से प्रभावित हो रहा है. संथाल परगना के साहिबगंज जिले में राजमहल, राधानगर और उधवा प्रखंड में बांग्लादेशी घुसपैठी घनी आबादी में तब्दील हो गए हैं. लोगों का कहना है कि गंगा नदी में फेरी सेवा घाट के जरिए बांग्लादेशी बिना किसी रोकटोक के घुस आते हैं. हालांकि, जिला प्रशासन समय-समय पर घुसपैठियों की पहचान कर कार्रवाई करता है.

बांग्लादेश घुसपैठी

साहिबगंज: संथाल परगना के साहिबगंज जिले में राजमहल, राधानगर और उधवा प्रखंड बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए सेफ जोन बन गया है. यहां गंगा नदी में फेरी सेवा घाट के जरिए बांग्लादेशी बिना किसी रोकटोक के घुस आते हैं. इसके बाद रिश्वत के बदौलत वोटर कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज बनवाकर यहां की नागरिकता हासिल कर लेते हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

वोट बैंक के नाम पर कार्रवाई नहीं
स्थानीय मुरली तिवारी का कहना है कि यह लापरवाही झारखंड सरकार की है, जो वोट बैंक के नाम पर कोई कारवाई नहीं करती है. सरकार का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई ठोस पहल झारखंड सरकार नहीं उठाई है.

घुसपैठियों की घनी आबादीः अनंत ओझा
स्थानीय श्याम सुंदर पौद्दार का कहना है कि बॉर्डर के दोनों तरफ के मुसलमानों का वेश-भूषा एक जैसा है. इसलिए सही और गलत का निष्पक्ष जांच झारखंड सरकार की तरफ से होनी चाहिए. वहीं राजमहल विधायक अनंत ओझा का कहना है कि साहिबगंज जिला कोई धर्मशाला नहीं है, जो आया और बस गया. उन्होंने कहा कि ये घुसपैठिए एक घनी आबादी का रूप ले चुके हैं. यह जांच का विषय है.

ये भी पढे़ं: कई बड़े बैंकों के विलय का एलान, जानें कहां होंगे बदलाव

पहचान कर कार्रवाई जारी
जिले के उपायुक्त ने बताया कि बांग्लादेशी घुसपैठी के संबंध में सरकार की तरफ से कोई निर्देश नहीं आया है, फिर भी जिला प्रशासन का जो दायित्व है वह कर रहे हैं. दूसरे राज्यों से लोगों का आना और गलत तरीके से बस जाना ये गलत है. इसे पहचान कर कार्रवाई की जाती है.

साहिबगंज: संथाल परगना के साहिबगंज जिले में राजमहल, राधानगर और उधवा प्रखंड बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए सेफ जोन बन गया है. यहां गंगा नदी में फेरी सेवा घाट के जरिए बांग्लादेशी बिना किसी रोकटोक के घुस आते हैं. इसके बाद रिश्वत के बदौलत वोटर कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज बनवाकर यहां की नागरिकता हासिल कर लेते हैं.

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वोट बैंक के नाम पर कार्रवाई नहीं
स्थानीय मुरली तिवारी का कहना है कि यह लापरवाही झारखंड सरकार की है, जो वोट बैंक के नाम पर कोई कारवाई नहीं करती है. सरकार का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई ठोस पहल झारखंड सरकार नहीं उठाई है.

घुसपैठियों की घनी आबादीः अनंत ओझा
स्थानीय श्याम सुंदर पौद्दार का कहना है कि बॉर्डर के दोनों तरफ के मुसलमानों का वेश-भूषा एक जैसा है. इसलिए सही और गलत का निष्पक्ष जांच झारखंड सरकार की तरफ से होनी चाहिए. वहीं राजमहल विधायक अनंत ओझा का कहना है कि साहिबगंज जिला कोई धर्मशाला नहीं है, जो आया और बस गया. उन्होंने कहा कि ये घुसपैठिए एक घनी आबादी का रूप ले चुके हैं. यह जांच का विषय है.

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पहचान कर कार्रवाई जारी
जिले के उपायुक्त ने बताया कि बांग्लादेशी घुसपैठी के संबंध में सरकार की तरफ से कोई निर्देश नहीं आया है, फिर भी जिला प्रशासन का जो दायित्व है वह कर रहे हैं. दूसरे राज्यों से लोगों का आना और गलत तरीके से बस जाना ये गलत है. इसे पहचान कर कार्रवाई की जाती है.

Intro:राज्यसभा सांसद ने डीसी से मिल पीटीजी समुदाय का सुरक्षा और संवर्धन को लेकर दिया नसीहत। मुश्लिम से शादी के बाद जाति प्रमाणपत्र करे रदद्। मुश्लिम लोग शादी कर इसका गलत उठा रहे है फायदा।



Body:राज्यसभा सांसद ने डीसी से मिल पीटीजी समुदाय का सुरक्षा और संवर्धन को लेकर दिया नसीहत। मुश्लिम से शादी के बाद जाति प्रमाणपत्र करे रदद्। मुश्लिम लोग शादी कर इसका गलत उठा रहे है फायदा।
स्टोरी-साहिबगंज---- राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने आदिम जनजाति समुदाय के लोगों की सुरक्षा और समर्थन को लेकर जिले के उपायुक्त से मिले। सुमित समीर उरांव ने कहा कि संथाल परगना में आदिम जनजाति समुदाय के संख्या अधिक है लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस सीधे-साधे वाहनों से शादी कर इसका गलत फायदा उठा रहे हैं खासकर जमीन हड़पना हो या चुनाव लड़ना हो ।इन समुदाय की लड़कियों से शादी कर इनका जाति प्रमाण पत्र बनाकर सरकार के कई योजनाओं का फायदा उठा रहे हैं ।चुनाव में इन पीटीजी की लड़कियों को आधार बनाकर टिकट दिला कर राजनीति का फायदा उठा रहे हैं।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि पीटीजी समुदाय के संबंध में जिले के उपायुक्त से मिलकर इनकी सुरक्षा और समर्थन को लेकर मिले हैं और उनको ज्ञापन सौंपा है की इन आदिम जनजाति जनजाति की लड़कियां जो मुस्लिम से शादी कर रही हैं वह एसटी में नहीं आएगी क्योंकि अपनी संस्कृति और धर्म नीति को त्याग कर दूसरे समुदाय के लोगों से शादी कर ली है इसलिए उपयुक्त से अनुरोध किया गया कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर इनका जाति प्रमाण पत्र रद्द किया जाए ताकि सरकार की योजना का लाभ नहीं उठा सके।
बाइट- समीर उरांव,राज्यसभा सांसद,बीजेपी



Conclusion:सही मायने में देखा जाए तो मुस्लिम समुदाय के लोग आदिम जनजाति के लोगों पर हावी है उनसे शादी करना और इनका शोषण करना इनका फिदरत बन चुका है ।इनका शोषण सबसे अधिक हो रहा है कुछ पैसे का लालच देकर इनका शारीरिक शोषण और इनका जमीन का हड़पना मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा अधिक किया जाता है निश्चित रूप से इस पर लगाम लगने की जरूरत है।।
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