साहिबगंज: सीसीए एक्ट के तहत मंडल कारा में बंद पत्थर व्यवसायी और अवैध खनन मामले में ईडी के गवाह जयप्रकाश यादव उर्फ मुंगेरी यादव को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार की देर शाम रिहा कर दिया गया. उनकी रिहाई के बाद कर्मियों और सहयोगियों के बीच उन्हें मंडलकारा से स्कॉट कर रिफ्यूजी कॉलोनी स्थित घर तक पहुंचाया गया.
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जहां जयप्रकाश यादव ने प्रेस को संबोधित कर बताया कि राजनीतिक कारणों से जानबूझ कर उनके खिलाफ झूठा मुकदमा किया गया. फिर जबरन उन पर सीसीए लगा दिया गया. सत्य की जीत होती है. इसकी लड़ाई उन्होंने लड़ी. सुप्रीम के जजों के बेंच ने माना कि सीसीए द्वेष पूर्ण था और इसे खारिज कर दिया.
'पॉलिटिकल लोगों ने किया लड़ाई लड़ने को मजबूर': मुंगेरी यादव ने कहा कि इस लड़ाई को वह लड़ना नहीं चाहते थे. लेकिन कुछ क्रिमिनल और पॉलिटिकल लोगों ने मिलकर उन्हें इस लड़ाई के लिए मजबूर किया. उन्होंने कहा कि 25 वर्षों के साहिबगंज के उनके इतिहास में उन्होंने किसी का नुकसान नहीं किया. सिर्फ अपना बिजनेस किया है. हजारों को रोजगार दिया.
उन्होंने आगे कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है. उन्होंने कहा कि अवैध खनन मामले में बतौर ईडी गवाह वह कोई समझौता नहीं करेंगे. जो सत्य है, उसको सामने लाएंगे. निर्दोष होने के बावजूद सीसीए लगाने के चलते हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से कम्पलसेसन की मांग करेंगे.
आर्म्स एक्ट में पुलिस ने किया था गिरफ्तार: गौरतलब हो कि ईडी के गवाह और पत्थर कारोबारी प्रकाश चंद्र यादव उर्फ मुंगेरी यादव को 29 जुलाई 2022 को साहिबगंज पुलिस ने आर्म्स एक्ट के आरोप में रांची एयरपोर्ट के पास से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में मंडलकारा भेज दिया था. इसके बाद उनके ऊपर पहले 3 महीना फिर बाद में तीन और फिर छह महीने का सीसीए लगाया गया था.