साहिबगंज: जिले में गंगा का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से आठ सेमी उपर है. सोमवार को केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सुबह आठ बजे तक 27.33 मीटर पानी मापा गया. जबकि साहिबगंज में खतरे का निशान का मानक 27.25 मीटर है. इस साल गंगा का अधिकतम पानी 13 अगस्त को 27.76 मीटर पहुंच था अब पानी धीरे धीरे घटने लगा है. हर दिन पांच से सात सेमी पानी घटता है, लेकिन अभी भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है.
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जिले में बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन की टीम ने दियारा क्षेत्र का दौरा किया है. साहिबगंज के डीसी राम निवास यादव और एसपी नौशाद आलम ने गंगा के बाढ़ प्रभावित कई इलाकों का दौरा किया. जिला प्रशासन की टीम बाढ़ प्रभावित गांव लाल बथानी पहुंची, जहां डीसी और एसपी ने लोगों का हालचाल लिया. गांव वालों ने बताया कि दियारा क्षेत्र में पानी घुसने से मवेशी पालकों को परेशानी का सामना कर पड़ रहा है. खेत में पानी घुसने से किसानों को मवेशियों के लिए चारा लेने में दिक्कत हो रही है. नाव के अभाव में किसान चारा गंगा नदी में पानी में डूबकर किसी तरह ला रहे हैं.
गांव के लोगों ने कहा कि इस बार जिला प्रशासन के तरफ से नाव नहीं दी गई है, जिस कारण उन लोगों के आवागमन में दिक्कत हो रही है. गांव के लोगों ने बताया कि इस बाढ़ में अब तक तीन लोग की मौत गंगा में डूबने से हो चुकी है. गांव वालों की परेशानी को लेकर डीसी राम निवास यादव ने कहा कि जल्द ही किसानों की मांगों को पूरा करने का काम किया जाएगा.
जिला पुलिस कप्तान नौशाद आलम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगो को हाल जाना. पुलिस कप्तान पूरी टीम के साथ लाल बथानी पहुंचे. ग्रामीणों के बीच बैठकर बाढ़ प्रभावितों की समस्या सुनी. गांव वालों ने एसपी को बताया कि बाढ़ के बाद दियारा क्षेत्र में केलाई के फसल की बुआई की जाती है. चुंकि दियारा क्षेत्र अनसर्वे है, ऐसी स्थिति में बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड के अपराधी किस्म के तत्व किसानों पर हावी हो जाते हैं. गांव वालों ने कहा कि फसल को लूट लिया जाता है. एसपी ने ग्रामीणों से कहा कि उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा और किसी भी अपराधी को छोड़ा नहीं जाएगा. एसपी ने गांव वालों से कहा कि कोई ऐसा मामला आता है तो गुप्त सूचना पुलिस को दें ताकी उसपर तुरंत कार्रवाई की जा सके.