साहिबगंज: भाजपा के वरिष्ठ और दिग्गज नेता सह पत्थर व्यवसायी दिनेश पटेल की हत्या के मामले में बुधवार को साहिबगंज व्यवहार न्यायालय ने फैसला सुनाया है. हत्याकांड मामले में एडीजे वन धीरज कुमार की अदालत ने जिरवाबाड़ी ओपी क्षेत्र के दुर्गाटोली निवासी राजकुमार मुंडा और बदनु उरांव को सश्रम आजीवन कारावास और 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. हत्याकांड के दोनों दोषियों को आर्म्स एक्ट में भी पांच साल की सजा और पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है. दोनों सजा एक साथ चलेगी.
अक्टूबर 2018 में हुई थी भाजपा नेता दिनेश पटेल की हत्याः दरअसल, भाजपा नेता दिनेश पटेल की हत्या 26 अक्टूबर 2018 को तेतरिया स्थित क्रशर प्लांट में हुई थी. उस दौरान दिनेश का भाई भी क्रशर प्लांट में मौजूद था. जब हमला दिनेश पटेल पर हुआ तो अन्य लोग जान बचाकर भाग निकले, लेकिन अपराधियों की लोगों ने पहचान कर ली. पुलिस के अनुसार आरोपी बदनु उरांव, राजकुमार मुंडा और एक अन्य ने पहले डंडे से दिनेश पटेल और संजय साह की पिटाई की थी. इस दौरान दिनेश पटेल का भाई संजय किसी तरह वहां से बच निकला था, लेकिन भाजपा नेता दिनेश पटेल वहीं फंस गए थे. आरोपियों ने पहले छेवनी से दिनेश पटेल पर वार किया था. इसके बाद नजदीक से उसके सीने और सिर पर दो गोली मारकर हत्या कर दी थी.
दिनेश पटेल की पत्नी की भी हो गई है मौतः गौरतलब है भाजपा नेता दिनेश पटेल की हत्या के बाद पीड़ित परिजनों से मिलने पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा पहुंचे थे. उन्होंने परिजनों को न्याय का आश्वासन दिया था. दुखद बात है कि कोरोना काल में भाजपा नेता दिनेश की पत्नी की भी मौत हो गई है. दिनेश पटेल की दो बेटियों को केन्द्र सरकार ने पीएम कोरोना राहत योजना के तहत दोनों बच्चियां का सेंट्रल स्कूल में दाखिला करा दिया है. हर माह दोनों बच्चियों को चार-चार हजार रुपए और स्कॉलरशिप मिलता रहेगा. 18 साल तक योजना का लाभ मिलने के साथ पढ़ाई के खर्च के लिए मोटी राशि मिलने का प्रवाधान है. यह खाता उपायुक्त और बच्ची के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित है. बच्ची या अभिभावक उपायुक्त की अनुमति मिलने के बाद ही राशि की निकासी कर पाएंगे. यदि बच्ची ने राशि नहीं निकाली तो उसका ब्याज बच्ची को अलग से मिलता रहेगा.