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साहिबगंजः बाल श्रमिक शिक्षकों को 2 साल से नहीं मिला है वेतन, श्रम अधीक्षक ने कहा- जल्द करेंगे समाधान - साहिबगंज बाल श्रमिक टीचर

साहिबगंज के बाल श्रमिक टीचरों को दो साल से वेतन नहीं मिला है, स्कूल संचालन पर रोक लगी हुई है. जिससे सभी टीचर मायूस हो गए हैं. इनका कहना है कि वो ऑफिस-ऑफिस दौड़ते और प्रशासनिक स्तर पर नकारात्मक जवाब से अपना धैर्य खो चुके हैं. उनका परिवार अब रोड पर आ चुका है.

Sahibganj child labor teachers salary stopped for 2 years
साहिबगंज बाल श्रमिक टीचर
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Published : Jan 19, 2020, 12:16 PM IST

साहिबगंज: जिला के बाल श्रमिक टीचर को पिछले दो सालों से वेतन नहीं मिला है. अब स्कूल के संचालन पर भी रोक लगा दी गई है. जिससे सभी टीचर काफी मायूस हो चुके हैं. उनका कहना है कि ऑफिस-ऑफिस दौड़ने और प्रशासनिक स्तर पर नकारात्मक जबाब ने उनके धैर्य को खत्म कर दिया है.

देखें पूरी खबर

बाल श्रमिक शिक्षा का हाल है बेहाल

शिक्षकों का कहना है कि 2017 से अब तक वेतन नहीं मिलने पर अब उनकी सहने की क्षमता खत्म हो चुकी है, लगातार समाहरणालय और श्रम कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते अब इनका प्रशासनिक अधिकारी पर से विश्वास खत्म हो चुका है. बाल श्रमिक शिक्षा का कहना है कि 2017 से अब तक वेतन पर रोक लगी हुई है, लगातार ऑफिस के चक्कर लगाने पर मात्र 3 महीने की सैलरी मिली है. दूसरी बात पिछले 6 महीने से स्कूल संचालन करने का आदेश नहीं दिया जा रहा है.

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जिलास्तर से लेकर प्रशासनिक स्तर पर हम बाल श्रमिक शिक्षकों के प्रति कुछ भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. बच्चों का मिड-डे-मील बंद कर दिया गया है. नए बच्चों के एडमिशन पर रोक लगा दी गई है. जिला प्रशासन के ढुलमुल रवैये से हम काफी मायूस हो चुके हैं. हम बाल श्रमिक शिक्षक आज बाल-बच्चे के साथ सड़क पर आ चुके हैं. पूर्ण रूप से बेरोजगार हो चुके हैं, हमारी सुनने वाला कोई नहीं है.

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इन शिक्षकों का कहना है कि 2 साल से वेतन नहीं मिला है और 6 महीने से स्कूल संचालन करने का आदेश नहीं दिया जा रहा है. समझ में नहीं आता क्या करें. दूसरी तरफ श्रम अधीक्षक का कहना है कि इन शिक्षकों की समस्या से रूबरू हुआ हूं. इनकी समस्या को लेकर बहुत जल्द उपायुक्त से मिल निजात दिलाने का प्रयास करूंगा, हालांकि 3 महीना के वेतन दिया गया है. दो साल से वेतन नहीं मिलने से समस्या जरूर होती होगी, आशा है बहुत जल्द समस्या का समाधान हो जाएगा.

वहीं, निश्चित रूप से 2 साल से वेतन रुकने पर किसी को भी समस्या हो सकती है, यह तो इंसान ही है इनको भी बाल बच्चे होंगे लेकिन सरकार और जिला प्रशासन की उदासीनता की वजह से सिर्फ साहिबगंज में इस तरह की समस्या उत्पन्न हुई है. इनका कहना है कि पाकुड़, हजारीबाग सहित अन्य जिलों में बाल श्रमिक विद्यालय सही तरीके से चल रहा है. सभी शिक्षकों को सही समय पर सैलरी भी मिल रही है.

साहिबगंज: जिला के बाल श्रमिक टीचर को पिछले दो सालों से वेतन नहीं मिला है. अब स्कूल के संचालन पर भी रोक लगा दी गई है. जिससे सभी टीचर काफी मायूस हो चुके हैं. उनका कहना है कि ऑफिस-ऑफिस दौड़ने और प्रशासनिक स्तर पर नकारात्मक जबाब ने उनके धैर्य को खत्म कर दिया है.

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बाल श्रमिक शिक्षा का हाल है बेहाल

शिक्षकों का कहना है कि 2017 से अब तक वेतन नहीं मिलने पर अब उनकी सहने की क्षमता खत्म हो चुकी है, लगातार समाहरणालय और श्रम कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते अब इनका प्रशासनिक अधिकारी पर से विश्वास खत्म हो चुका है. बाल श्रमिक शिक्षा का कहना है कि 2017 से अब तक वेतन पर रोक लगी हुई है, लगातार ऑफिस के चक्कर लगाने पर मात्र 3 महीने की सैलरी मिली है. दूसरी बात पिछले 6 महीने से स्कूल संचालन करने का आदेश नहीं दिया जा रहा है.

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जिलास्तर से लेकर प्रशासनिक स्तर पर हम बाल श्रमिक शिक्षकों के प्रति कुछ भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. बच्चों का मिड-डे-मील बंद कर दिया गया है. नए बच्चों के एडमिशन पर रोक लगा दी गई है. जिला प्रशासन के ढुलमुल रवैये से हम काफी मायूस हो चुके हैं. हम बाल श्रमिक शिक्षक आज बाल-बच्चे के साथ सड़क पर आ चुके हैं. पूर्ण रूप से बेरोजगार हो चुके हैं, हमारी सुनने वाला कोई नहीं है.

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इन शिक्षकों का कहना है कि 2 साल से वेतन नहीं मिला है और 6 महीने से स्कूल संचालन करने का आदेश नहीं दिया जा रहा है. समझ में नहीं आता क्या करें. दूसरी तरफ श्रम अधीक्षक का कहना है कि इन शिक्षकों की समस्या से रूबरू हुआ हूं. इनकी समस्या को लेकर बहुत जल्द उपायुक्त से मिल निजात दिलाने का प्रयास करूंगा, हालांकि 3 महीना के वेतन दिया गया है. दो साल से वेतन नहीं मिलने से समस्या जरूर होती होगी, आशा है बहुत जल्द समस्या का समाधान हो जाएगा.

वहीं, निश्चित रूप से 2 साल से वेतन रुकने पर किसी को भी समस्या हो सकती है, यह तो इंसान ही है इनको भी बाल बच्चे होंगे लेकिन सरकार और जिला प्रशासन की उदासीनता की वजह से सिर्फ साहिबगंज में इस तरह की समस्या उत्पन्न हुई है. इनका कहना है कि पाकुड़, हजारीबाग सहित अन्य जिलों में बाल श्रमिक विद्यालय सही तरीके से चल रहा है. सभी शिक्षकों को सही समय पर सैलरी भी मिल रही है.

Intro:बाल श्रमिक टीचर का दो साल से वेतन रुकने और स्कूल संचालन पर लगी रोक से हुए मायुष। ऑफ़िस ऑफिस दौड़ने और प्रशासनिक स्तर पर नकारात्मक जबाब से खो चुके है धैर्य।
बाल श्रमिक शिक्षा का हाल है बेहाल। 2017 से अब तक वेतन नहीं मिलने पर अब इनकी सहने की क्षमता खत्म हो चुकी है। लगातार समाहरणालय और श्रम कार्यालय का चक्कर लगाते लगाते अब इनको प्रशासनिक अधिकारी पर से विश्वास खत्म हो चुका है। जिला में लगभग दो सौ शिक्षक भूखे मरने के कगार पर पहुच चुके है।



Body:बाल श्रमिक टीचर का दो साल से वेतन रुकने और स्कूल संचालन पर लगी रोक से हुए मायुष। ऑफ़िस ऑफिस दौड़ने और प्रशासनिक स्तर पर नकारात्मक जबाब से खो चुके है धैर्य।
स्टोरी--साहिबगंज-- बाल श्रमिक शिक्षा का हाल है बेहाल। 2017 से अब तक वेतन नहीं मिलने पर अब इनकी सहने की क्षमता खत्म हो चुकी है। लगातार समाहरणालय और श्रम कार्यालय का चक्कर लगाते लगाते अब इनको प्रशासनिक अधिकारी पर से विश्वास खत्म हो चुका है।
बाल श्रमिक शिक्षा का कहना है कि 2017 से अब तक वेतन पर रोक लगी हुई है लगातार ऑफिस का चक्कर लगाने पर मात्र 3 महीना का सैलरी मिला है दूसरी बात विगत 6 महीने से स्कूल संचालन करने का आदेश नहीं दिया जा रहा है जिला स्तर पर प्रशासनिक स्तर पर हम बाल श्रमिक शिक्षकों के प्रति कुछ भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा बच्चों का मिड-डे-मील बंद कर दिया गया है बच्चों का नया एडमिशन लेने पर रोक लगा दी गई है जिला प्रशासन के ढुलमुल रवैए से हम काफी मायूस हो चुके हैं हम बाल श्रमिक शिक्षक आज बाल बच्चे के साथ सड़क पर आ चुके हैं। पूर्ण रूप से बेरोजगार हो चुके हैं हमारा सुनने वाला कोई नहीं है।
बाइट-- बाल श्रमिक टीचर,1,2,3
इन शिक्षकों का कहना है कि 2 साल से वेतन नहीं मिला है और 6 महीना से स्कूल संचालन करने का आदेश नहीं दिया जा रहा है। समझ में नहीं आता क्या करें। दूसरी तरफ श्रम अधीक्षक का कहना है कि इन शिक्षकों की समस्या से रूबरू हुआ हूं। इनकी समस्या को लेकर बहुत जल्द उपायुक्त से मिल निजात दिलाने का प्रयास करूंगा। हालांकि 3 महीना का वेतन दिया गया है।दो साल से वेतन नहीं मिलने से समस्या जरूर होती होगी।आशा है बहुत जल्द समस्या का समाधान हो जाएगा।
बाइट-- संजय आनंद,श्रम अधीक्षक,साहिबगंज


Conclusion:निश्चित रूप से 2 साल से वेतन रुकने पर किसी को भी समस्या हो सकती है यह तो इंसान ही है इनको भी बाल बच्चे होंगे लेकिन सरकार और जिला प्रशासन की उदासीनता की वजह से सिर्फ साहिबगंज में इस तरह की समस्या उत्पन्न हुई है इनका कहना है कि साहिबगंज कलावे पाकुड़ हजारीबाग सहित अन्य जिलों में बाल श्रमिक विद्यालय सही तरीके से चल रहा है सभी शिक्षक को सही समय पर सैलरी भी मिल रहा है
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