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पिछले साल के मुकाबले इस साल अगस्त में 9 एमएम ज्यादा दर्ज की गई बारिश, धान रोपनी भी 69 प्रतिशत तक पहुंचा

साहिबगंज में अगस्त के महीने में औसतन 244 एमएम के मुकाबले इस साल 253 एमएम बारिश दर्ज की गई है. शानदार वर्षा की वजह से धानरोपनी का प्रतिशत बढ़कर 69 पर पहुंच गया है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 23, 2023, 8:06 PM IST

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साहिबगंज: साहिबगंज जिले में इस माह अच्छी बारिश हुई है. जिसका असर खरीफ की फसल पर दिखने लगा है. अगस्त में औसतन 244 एमएम के मुकाबले इस साल 253 एमएम बारिश दर्ज की गई है. अच्छी बारिश की वजह से धान रोपनी का प्रतिशत बढ़कर 69 पर पहुंच गया है. तो वहीं मक्का 82 प्रतिशत, दलहन 17 प्रतिशत, तेलहन आठ प्रतिशत और मोटे अनाज में 8.1 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है.

इसे भी पढ़ें: 14 अगस्त तक झारखंड में सिर्फ 37 फीसदी ही हुई धान की रोपनी, 15 अगस्त के बाद होगा सूखे का आकलन

धानरोपनी की अगर बात करें तो इस समय 80 प्रतिशत से अधिक की धनरोपनी हो जानी चाहिए थी. क्योंकि धान रोपने का समय अब समाप्त हो चुका है. ऐसे में अब इक्का-दुक्का किसान ही धनरोपनी कर रहें हैं. जिसके वजह से इस माह के अंत में थोड़ी-बहुत और वृद्धि होगी और ये आंकड़ा बढ़कर 75 से 80 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. जुलाई में 15 दिन तक बारिश नहीं होने से इसकी रोपनी पर असर पड़ा है. लेकिन इस माह की बारिश से किसान के चेहरे खिल गए हैं. केवीके वैज्ञानिक बीके मेहता ने बताया कि 15 अगस्त के बाद धनरोपनी की अवधि समाप्त हो चुकी है. किसान मध्यम मिट्टी में कम अवधि धान के बीज छीटकर लगा सकते हैं. सीधे बीज छीटकर खेती करने से फायदा होगा.

इसपर जिला कृषि पदाधिकारी प्रमोद एक्का ने बताया कि पिछले जुलाई के महीने में 20 दिन तक बारिश नहीं हुई थी. कड़ी धूप से धान सूखने लगे थे. लेकिन इस माह में बारिश होने से किसानों को काफी फायदा मिला है. सोमवार तक सभी प्रखंड के आंकड़ों के अनुसार 69 प्रतिशत धनरोपनी हो चुकी है. धनरोपनी का समय खत्म होने के बावजूद किसान अब भी खेती कर रहे हैं. आने वाले एक सप्ताह तक 80 प्रतिशत धनरोपनी हो जाएगी. बारिश भी औसतन वर्ष से अधिक हुआ है.

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साहिबगंज: साहिबगंज जिले में इस माह अच्छी बारिश हुई है. जिसका असर खरीफ की फसल पर दिखने लगा है. अगस्त में औसतन 244 एमएम के मुकाबले इस साल 253 एमएम बारिश दर्ज की गई है. अच्छी बारिश की वजह से धान रोपनी का प्रतिशत बढ़कर 69 पर पहुंच गया है. तो वहीं मक्का 82 प्रतिशत, दलहन 17 प्रतिशत, तेलहन आठ प्रतिशत और मोटे अनाज में 8.1 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है.

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धानरोपनी की अगर बात करें तो इस समय 80 प्रतिशत से अधिक की धनरोपनी हो जानी चाहिए थी. क्योंकि धान रोपने का समय अब समाप्त हो चुका है. ऐसे में अब इक्का-दुक्का किसान ही धनरोपनी कर रहें हैं. जिसके वजह से इस माह के अंत में थोड़ी-बहुत और वृद्धि होगी और ये आंकड़ा बढ़कर 75 से 80 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. जुलाई में 15 दिन तक बारिश नहीं होने से इसकी रोपनी पर असर पड़ा है. लेकिन इस माह की बारिश से किसान के चेहरे खिल गए हैं. केवीके वैज्ञानिक बीके मेहता ने बताया कि 15 अगस्त के बाद धनरोपनी की अवधि समाप्त हो चुकी है. किसान मध्यम मिट्टी में कम अवधि धान के बीज छीटकर लगा सकते हैं. सीधे बीज छीटकर खेती करने से फायदा होगा.

इसपर जिला कृषि पदाधिकारी प्रमोद एक्का ने बताया कि पिछले जुलाई के महीने में 20 दिन तक बारिश नहीं हुई थी. कड़ी धूप से धान सूखने लगे थे. लेकिन इस माह में बारिश होने से किसानों को काफी फायदा मिला है. सोमवार तक सभी प्रखंड के आंकड़ों के अनुसार 69 प्रतिशत धनरोपनी हो चुकी है. धनरोपनी का समय खत्म होने के बावजूद किसान अब भी खेती कर रहे हैं. आने वाले एक सप्ताह तक 80 प्रतिशत धनरोपनी हो जाएगी. बारिश भी औसतन वर्ष से अधिक हुआ है.

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