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सहिबगंजः चावल मिल खोलने की कवायद शुरू, किसान को मिलेगी सुविधा - चावल उत्पादन

अब दूसरे जिले और राज्यों में चावल उत्पादन के लिए नहीं जाना पड़ेगा. चावल को लेकर जिला आत्मनिर्भर बनेगा. इसी कड़ी में साहिबगंज के बरहरवा प्रखंड के माधो पाड़ा में लगभग 13 करोड़ की लागत से चावल मिल का निर्माण कराया जा रहा है. इस चावल मिल में करीब लगभग 10 मेट्रिक टन चावल प्रति घंटा तैयार करने की क्षमता होगी.

Rice mill to be constructed at a cost of 13 crores
चावल मिल खुलने की कवायद शुरू
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Published : Mar 23, 2021, 6:08 PM IST

Updated : Mar 24, 2021, 4:44 PM IST

साहिबगंजः जिले में नवंबर महीने तक चावल मिल खुल जाएगा. यहां उगने वाले धान को अब दूसरे जिले और राज्यों में चावल उत्पादन के लिए नहीं भेजा जाएगा. चावल को लेकर जिला आत्मनिर्भर बनेगा. इस वक्त साहिबगंज के बरहरवा प्रखंड के माधो पाड़ा में लगभग 13 करोड़ की लागत से चावल मिल का निर्माण कराया जा रहा है. इस चावल मिल में करीब लगभग 10 मेट्रिक टन चावल प्रति घंटा तैयार करने की क्षमता होगी.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

पढ़ें- कम समय में अधिक टीकाकरण, तभी रुकेगी कोरोना की रफ्तार

चावल मिल खोलने के लिए उद्योग विभाग की ओर से सारी कागजी प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है और सीटीओ मिल गया है. जबकि फैक्ट्री लाइसेंस, एफएसएसएआई लाइसेंस, उद्यम लाइसेंस लेने की प्रक्रिया में है. वहीं, मिल की संरचना निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. उद्योग विभाग की मानें तो जल्द ही मिल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. नवंबर माह तक चावल मिल में उत्पादन शुरू होने की संभावना है.

किसान को होगा फायदा

उद्योग विभाग के सिंगल विंडो का इंचार्ज चंद्र शेखर शर्मा ने कहा कि जिले में दो और चावल मिल खोलने की कवायद शुरू है. पतना और राजमहल प्रखंड में खुलेंगे. दोनों चावल मिल के लिए जमीन देखी जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले समय में तीन चावल मिल खुल जाने से साहिबगंज वासियों को रोजगार भी मिलेगा. लगभग 150 से अधिक लोग इस मिल में काम कर पाएंगे, क्योंकि स्थानीय लोगों को ही रोजगार देना है. साथ ही साथ किसान को काफी फायदा होगा. सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी.

किसानों में खुशी का माहौल

किसानों में भी काफी खुशी का माहौल है. किसानों को धान की कुटाई के लिए जहां बिहार या बंगाल पर निर्भर रहना पड़ता था. अब साहिबगंज में व्यवस्था हो जाने से काफी सुविधा मिलेगी. समय की बचत होगी और धान से उत्पन्न चावल का भी कीमत बाजारों में अधिक मिल पाएगा. आने वाले समय में चावल मिल खुलने से किसान के आय में बढ़ोतरी होगी और खेती करने में मन भी लगेगा.

हर साल हजारों मेट्रिक टन धान भेजा जाता था दूसरे राज्य

प्रत्येक वर्ष 2,500 मेट्रिक टन धान अन्य राज्यों में भेजा जाता था. किसानों से धान अधिप्राप्ति कर चावल तैयार करने के लिए आपूर्ति विभाग को दूसरे जिले में या राज्य में भेजा जाता है. वहां से चावल मिलने में काफी समय लगता है. ऐसे में यहां चावल मिल हो जाने से थोड़ी राहत मिलेगी हर साल करीब 2,500 से 3,000 मेट्रिक धान चावल जिला मिल से तैयार हो जाएगा.

साहिबगंजः जिले में नवंबर महीने तक चावल मिल खुल जाएगा. यहां उगने वाले धान को अब दूसरे जिले और राज्यों में चावल उत्पादन के लिए नहीं भेजा जाएगा. चावल को लेकर जिला आत्मनिर्भर बनेगा. इस वक्त साहिबगंज के बरहरवा प्रखंड के माधो पाड़ा में लगभग 13 करोड़ की लागत से चावल मिल का निर्माण कराया जा रहा है. इस चावल मिल में करीब लगभग 10 मेट्रिक टन चावल प्रति घंटा तैयार करने की क्षमता होगी.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

पढ़ें- कम समय में अधिक टीकाकरण, तभी रुकेगी कोरोना की रफ्तार

चावल मिल खोलने के लिए उद्योग विभाग की ओर से सारी कागजी प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है और सीटीओ मिल गया है. जबकि फैक्ट्री लाइसेंस, एफएसएसएआई लाइसेंस, उद्यम लाइसेंस लेने की प्रक्रिया में है. वहीं, मिल की संरचना निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. उद्योग विभाग की मानें तो जल्द ही मिल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. नवंबर माह तक चावल मिल में उत्पादन शुरू होने की संभावना है.

किसान को होगा फायदा

उद्योग विभाग के सिंगल विंडो का इंचार्ज चंद्र शेखर शर्मा ने कहा कि जिले में दो और चावल मिल खोलने की कवायद शुरू है. पतना और राजमहल प्रखंड में खुलेंगे. दोनों चावल मिल के लिए जमीन देखी जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले समय में तीन चावल मिल खुल जाने से साहिबगंज वासियों को रोजगार भी मिलेगा. लगभग 150 से अधिक लोग इस मिल में काम कर पाएंगे, क्योंकि स्थानीय लोगों को ही रोजगार देना है. साथ ही साथ किसान को काफी फायदा होगा. सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी.

किसानों में खुशी का माहौल

किसानों में भी काफी खुशी का माहौल है. किसानों को धान की कुटाई के लिए जहां बिहार या बंगाल पर निर्भर रहना पड़ता था. अब साहिबगंज में व्यवस्था हो जाने से काफी सुविधा मिलेगी. समय की बचत होगी और धान से उत्पन्न चावल का भी कीमत बाजारों में अधिक मिल पाएगा. आने वाले समय में चावल मिल खुलने से किसान के आय में बढ़ोतरी होगी और खेती करने में मन भी लगेगा.

हर साल हजारों मेट्रिक टन धान भेजा जाता था दूसरे राज्य

प्रत्येक वर्ष 2,500 मेट्रिक टन धान अन्य राज्यों में भेजा जाता था. किसानों से धान अधिप्राप्ति कर चावल तैयार करने के लिए आपूर्ति विभाग को दूसरे जिले में या राज्य में भेजा जाता है. वहां से चावल मिलने में काफी समय लगता है. ऐसे में यहां चावल मिल हो जाने से थोड़ी राहत मिलेगी हर साल करीब 2,500 से 3,000 मेट्रिक धान चावल जिला मिल से तैयार हो जाएगा.

Last Updated : Mar 24, 2021, 4:44 PM IST
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