साहिबगंज: राजमहल विधायक अनंत ओझा ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राजमहल अनुमंडल अस्पताल में कोरोना वैक्सीन के सर्टिफिकेट फर्जी तरीके से देने का मामला सामने आया था. इस मामले को लेकर राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कहा कि राजमहल सीएचओ एक मोहरा है. यदि राज्य सरकार निष्पक्ष रूप से जांच कराए तो स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी के गिरेबां पर आंच आ सकती है. कई बड़े चेहरे सामने आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र में इस मामले को प्रमुखता से उठाएंगे.
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क्या है मामला
दरअसल, राजमहल अनुमंडल अस्पताल में कम्युनिटी हेल्थ वर्कर (CHO) के पद पर कार्यरत कृपाल मीड़ा पर 500 रुपये लेकर फर्जी तरीके से कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट देने का मामला उजागर हुआ है. दोनों सीएचओ को जेल हो चुकी है, राजमहल थाना पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.
फर्जी तरीके से दिया जा रहा कोविड सर्टिफिकेट
बता दें कि राज्य और केंद्र सरकार लोगों को कोविड वैक्सीन दिलाने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चला रही है. हर रोज देश में लाखों लोगों को वैक्सीन दिया जा रहा है. लोग भी बढ़-चढ़कर नजदीकी सेंटर पर जाकर टीका ले रहे हैं. दोनों डोज पूरा होने के बाद सर्टिफिकेट मिलता है. लेकिन साहिबगंज के राजमहल अनुमंडल अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी के द्वारा फर्जी तरीके से कोविड का सर्टिफिकेट धड़ल्ले से दिया जा रहा है. मामला तब उजागर हुआ जब राजमहल अनुमंडल अस्पताल के CHO ने रंगे हाथों 500 रुपये लेते हुए स्वीकार किया और एक ऑडियो क्लिप में भी इस बात को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा है कि राशि लेने के बाद सभी को सर्टिफिकेट दिया जाएगा.
विधायक अनंत ओझा ने कहा कि राजमहल अनुमंडल, पं. बंगाल के बॉर्डर पर है. बांग्लादेशी घुसपैठिए सक्रिय हैं. संबंधित विभाग के अधिकारियों को चंद पैसे का प्रलोभन देकर अपना पुख्ता प्रमाण पत्र बनवा लेते हैं. हाल ही में राजमहल और उधवा प्रखंड के लोगों का जन्म प्रमाण दुमका जिला से निर्गत होने का मामला आया था, जो एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का मामला है. निश्चित रूप से साहिबगंज में बांग्लादेशी सक्रिय है. एक साथ 60 मजदूर का सर्टिफिकेट पैसे लेकर समय से पहले दे देना बिल्कुल देशद्रोह का मामला है. इसमें दोषी पर कार्रवाई होनी चाहिए.