साहिबगंज: सरकार के तीन वर्ष पूरा होने पर राजमहल विधायक अनंत ओझा (BJP MLA Anant Ojha) ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार तीन वर्ष पूरा होने का जश्न मना रही है. लेकिन राज्य की यूपीए गठबंधन वाली सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है. ऐसे में प्रदेश के नौजवान पूछ रहे हैं कि 3 वर्षों में आपका पन्द्रह लाख रोजगार का क्या हुआ? पांच से सात हजार तक बेरोजगारी भत्ता देने का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र में सरकार से पूछा कि राज्य में तीन वर्षों में कितनी नियुक्तियां हुई हैं, जिसके जवाब में सरकार ने बताया कि 3 साल में 357 नियुक्तियां हुई हैं.
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पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझ रहे विभागों के कार्य बंद पड़े हैं. साहिबगंज जिला के राजमहल विधानसभा क्षेत्र में तीन वर्षों में सिर्फ तीन किलोमीटर ग्रामीण सड़क बना पाया है. शहर के जर्जर सड़क का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया है. साहिबगंज नगर परिषद में 5 सौ से अधिक स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास योजना पर सरकार ने रोक लगा दी है. प्रखंड कार्यलय से लेकर जिला तक बिचौलिए हावी है. सरकार भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी हुई है. सरकार तुष्टिकरण और धर्मान्तरण को बढ़ावा दे रही है. राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण अपराधिक घटना बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि संथाल में आदिवासी और हिन्दू की संख्या घट रही है.
अनंत ओझा ने कहा कि राज्य के आपराधिक घटनाओं में बांग्लादेशी कनेक्शन की खबर लगातार समाचार पत्रों में देखने को मिलती है. बीते दिनों साहिबगंज में दिलदार अंसारी नामक युवक और उसके परिवार वालों ने रबिता पहाड़िन को निर्ममता से हत्या कर टुकड़े- टुकड़े कर दिए. ऐसे कुकृत्य कोई चरमपंथी ही कर सकता है. ऐसी घटनाओं से झारखंड शर्मसार हुआ है. सरकार इस प्रकार की घटनाओं से सबक नहीं लेती है और सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करती रहेगी तो आने वाले दिनों में राज्य की भयावह स्थित बनेगी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खुद के जिला में बालू की लूट मची हुई है. अनंत ओझा ने कहा कि पूर्ववर्ती रघुवर दास की सरकार में पन्द्रह सौ से दो हजार में बालू मिलता था, जो आज दस हजार से बारह हजार में बिक रहा है. बालू की वजह से गरीबों का प्रधानमंत्री आवास बन नहीं रहा है. राज्य में खनिज संपदाओं की लूट मची है. पूर्ववर्ती सरकार ने हर वर्ग की विकास के लिए कार्य किया. किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू की. मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना से हमारे अन्नदाता को आर्थिक रूप से मजबूती मिली.
वर्तमान सरकार ने कृषि आशीर्वाद योजना बंद कर अन्नदाताओं के साथ अन्याय किया है. सरकार ने वादा किया था कि हम किसानों का ऋण माफ करेंगे, उसका क्या हुआ? पूर्ववर्ती सरकार में सड़कों का जाल बिछाया गया था. वर्तमान सरकार में सड़क निर्माण कार्य की गति रुक गई है. वर्तमान सरकार में विकास कार्य ठप पड़े हैं. सरकार ने हर मोर्चे पर सबको भ्रम में डाल कर केवल राज्य की जनता को भावनात्मक मुद्दे पर भ्रमित कर रही है. इसके अलावा सरकार के पास कोई एजेंडा नहीं है.