साहिबगंज: लॉकडाउन जारी रहने के कारण अब लोगों के सामने खाने-पीने की समस्या उत्पन्न हो चुकी है. घर का सारा अनाज और नकद राशि खत्म हो चुका है. अगर प्रशासन की मदद नहीं मिली तो भूख से मौत होने का मामला सामने आने लगेगा. एक ऐसा ही मामला बोरियो और साहिबगंज प्रखंड के पहाड़ों में बसने वाले आदिम जनजाति समाज में देखने को मिल रहा है.
इनकी समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा कई गांवों में सुविधाएं दी जा रही है. लेकिन इनका दावा है कि इन पहाड़िया गांव में सुविधाएं नहीं पहुंच पा रही है और वे लोग भूखे मरने के कगार पर पहुंच चुके हैं.बोरियो प्रखंड के मठिया पहाड़ और सदर प्रखंड के परते मार्को पहाड़ में बसने वाले आदिम जनजाति समुदाय को पीडीएस दुकान से अब तक राशन नहीं मिला है.एक संस्था हॉप फॉर कैंसर पेशेंट द्वारा राहत सामग्री दिया गया. जिसे ग्रामीण फूट-फूटकर रोने लगे और कहा कि खाने का सामान नहीं मिलता तो हम लोग बिल्कुल भूखे मर जाते. अभी तक जिला प्रशासन द्वारा किसी भी तरह का सुविधा उनलोगों को नहीं मिला है.
ये भी पढ़ें- ग्रामीण इलाकों में लॉकडाउन के दौरान ढील देने का कैबिनेट में रखेंगे प्रस्ताव: रामेश्वर उरांव
हालांकि उप विकास आयुक्त ने दावा किया कि जिला में खाने के लिए अनाज की कमी नहीं है. पीडीएस दुकान से सभी लोगों को अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है, जिन्हें राशन कार्ड नहीं है उन्हें 10 किलो अनाज दिया जा रहा है. सभी लोगों का अनाज मिले इसके लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में अनाज वितरण कराया जा रहा है. यदि फिर भी शिकायत मिलता है तो पीडीएस दुकान पर कार्रवाई की जाएगी.