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साहिबगंज सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष स्वास्थ्य सहियाओं का धरना, मुख्यमंत्री का फूंका पुतला

साहिबगंज सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष स्वास्थ्य सहियाओं ने धरना दिया और मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके बाद स्वास्थ्य सहियाओं ने जुलूस भी निकाली.

Protest of Health Sahiya
Protest of Health Sahiya
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Published : Jan 25, 2023, 8:09 AM IST

साहिबगंज: राज्य की स्वास्थ्य सहिया अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रही है. हड़ताली स्वास्थ्य सहियाओं की ओर से सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया. इसके बाद जुलूस निकाली और समाहरणालय के पास पहुंची, मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया. इस दौरान स्वास्थ्य सहियाओं ने मुख्यमंत्री हाय हाय के नारे लगाए.

यह भी पढ़ेंः अनुबंध चिकित्साकर्मियों का धरना जारी, वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए दी सरकार को चेतावनी

आंदोलन का नेतृत्व कर रही स्वास्थ्य सहिया सुमिता हेम्ब्रम ने कहा कि मानदेय के रूप में दो हजार मिलता है, जिसमें दम नहीं है. उन्होंने कहा कि मानदेय 18 हजार होना चाहिए, जो न्यूनतम मजदूरी सरकार की ओर से तय किया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक एक सूत्री मांग पूरी नहीं होती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इस बार सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन को तेज करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल और भूख हड़ताल भी करेंगे.

स्वास्थ्य सहिया सुमिता हेम्ब्रम ने कहा कि 15 साल से अधिक समय से काम कर रहे है. लेकिन सरकार हमलोगों पर कुछ भी ध्यान नहीं दे रही है. कोराना काल में जान जोखिम में रखकर टीकाकरण अभियान में हिस्सा लिया. लोगों के घर घर जाकर सर्वे किया. इसके बावजूद सरकार हमलोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि अब सरकार टैब दे रही है, ताकि स्वास्थ्य सहिया आन द स्पॉट काम कर सके. लेकिन मानदेय नहीं बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि हमारी तीन मुख्य मांग है. इसमें स्थाई नौकरी, वेतन बढ़ाकर 18000 और भविष्य निधि का लाभ दें.

बता दें कि स्वास्थ्य सहिया के हड़ताल पर चले जाने से आंगनबाड़ी की व्यवस्था और टीकाकरण अभियान चरमरा गई है. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को समुचित स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पा रहा है. सहिया स्वास्थ्य ग्रास रूट पर काम करती है. स्वास्थ्य सहिया का हड़ताल लंबा चला तो अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजना और स्वास्थ्य सेवा पहुंचना मुश्किल हो जाएगा.

साहिबगंज: राज्य की स्वास्थ्य सहिया अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रही है. हड़ताली स्वास्थ्य सहियाओं की ओर से सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया. इसके बाद जुलूस निकाली और समाहरणालय के पास पहुंची, मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया. इस दौरान स्वास्थ्य सहियाओं ने मुख्यमंत्री हाय हाय के नारे लगाए.

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आंदोलन का नेतृत्व कर रही स्वास्थ्य सहिया सुमिता हेम्ब्रम ने कहा कि मानदेय के रूप में दो हजार मिलता है, जिसमें दम नहीं है. उन्होंने कहा कि मानदेय 18 हजार होना चाहिए, जो न्यूनतम मजदूरी सरकार की ओर से तय किया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक एक सूत्री मांग पूरी नहीं होती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इस बार सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन को तेज करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल और भूख हड़ताल भी करेंगे.

स्वास्थ्य सहिया सुमिता हेम्ब्रम ने कहा कि 15 साल से अधिक समय से काम कर रहे है. लेकिन सरकार हमलोगों पर कुछ भी ध्यान नहीं दे रही है. कोराना काल में जान जोखिम में रखकर टीकाकरण अभियान में हिस्सा लिया. लोगों के घर घर जाकर सर्वे किया. इसके बावजूद सरकार हमलोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि अब सरकार टैब दे रही है, ताकि स्वास्थ्य सहिया आन द स्पॉट काम कर सके. लेकिन मानदेय नहीं बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि हमारी तीन मुख्य मांग है. इसमें स्थाई नौकरी, वेतन बढ़ाकर 18000 और भविष्य निधि का लाभ दें.

बता दें कि स्वास्थ्य सहिया के हड़ताल पर चले जाने से आंगनबाड़ी की व्यवस्था और टीकाकरण अभियान चरमरा गई है. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को समुचित स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पा रहा है. सहिया स्वास्थ्य ग्रास रूट पर काम करती है. स्वास्थ्य सहिया का हड़ताल लंबा चला तो अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजना और स्वास्थ्य सेवा पहुंचना मुश्किल हो जाएगा.

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