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साहिबगंजः निजी स्कूल के शिक्षकों ने DC को सौंपा ज्ञापन, सरकार से मांगी आर्थिक मदद - private school teachers demanded for financial help in sahibganj

लॉकडाउन की वजह से अभिभावकों की ओर से स्कूल फीस नहीं जमा करने पर प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है. इसी क्रम में बुधवार को झारखंड शिक्षक संघ साहिबगंज इकाई के शिक्षकों ने सीएम के नाम ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा, जिसमें उन्होंने आर्थिक मदद की मांग की.

private school teachers.
प्राइवेट स्कूल शिक्षकों ने ज्ञापन सौंपा.
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Published : Jul 29, 2020, 2:12 PM IST

साहिबगंजः कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से प्राइवेट स्कूल के शिक्षक भुखमरी के कगार पर पहुंच गए है. इसी क्रम में बुधवार को प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन डीसी को सौंपा, जिसमें उन्होंने आर्थिक मदद की अपील की है. दरअसल, लॉकडाउन में अभिभावकों की ओर से फीस जमा नहीं करने की स्थिति में इन शिक्षकों की आर्थिक स्थिति डगमगाई है.

झारखंड शिक्षक संघ साहिबगंज इकाई के शिक्षक.

आर्थिक रूप से डगमगाई शिक्षकों की स्थिति
लॉकडाउन में गैर-सरकारी शिक्षण संस्थान और स्कूल बंद हो जाने से अब शिक्षकों की आर्थिक हालत खराब हो गई है. करीब 4 महीने से अधिक समय से स्कूल बंद होने की वजह से सारा व्यवसाय कामकाज ठप हो गया है. यही वजह है कि अभिभावक भी फीस जमा करने में असमर्थता जाहिर कर रहे हैं, जिसकी वजह से स्कूल के शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पा रहा है. जिससे अब वह भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं.

इसे भी पढ़ें- सांसद निशिकांत दुबे के आरोप पर सीएम हेमंत का बयान, कहा- अगले 48 घंटे में कानूनी रूप से देंगे जवाब


सरकार से मांगी आर्थिक मदद
बुधवार को झारखंड शिक्षक संघ साहिबगंज इकाई के शिक्षकों ने उपायुक्त से मिलकर अपना दुखड़ा सुनाया और मुख्यमंत्री के नाम डीसी को ज्ञापन सौंपा. शिक्षकों का कहना है कि अभिभावक की ओर से फीस जमा नहीं करने पर वो भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं. प्राइवेट स्कूल के शिक्षक उन्हीं फीस पर निर्भर रहते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर झारखंड सरकार ने आर्थिक मदद नहीं की तो कई प्राइवेट स्कूल के शिक्षक आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे. शिक्षकों के पास इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. झारखंड में शिक्षा संस्थान को छोड़ सभी उद्योग-धंधे खुल चुके हैं, लेकिन स्कूल बंद होने की वजह से ऐसी स्थिति सामने आ रही है.

साहिबगंजः कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से प्राइवेट स्कूल के शिक्षक भुखमरी के कगार पर पहुंच गए है. इसी क्रम में बुधवार को प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन डीसी को सौंपा, जिसमें उन्होंने आर्थिक मदद की अपील की है. दरअसल, लॉकडाउन में अभिभावकों की ओर से फीस जमा नहीं करने की स्थिति में इन शिक्षकों की आर्थिक स्थिति डगमगाई है.

झारखंड शिक्षक संघ साहिबगंज इकाई के शिक्षक.

आर्थिक रूप से डगमगाई शिक्षकों की स्थिति
लॉकडाउन में गैर-सरकारी शिक्षण संस्थान और स्कूल बंद हो जाने से अब शिक्षकों की आर्थिक हालत खराब हो गई है. करीब 4 महीने से अधिक समय से स्कूल बंद होने की वजह से सारा व्यवसाय कामकाज ठप हो गया है. यही वजह है कि अभिभावक भी फीस जमा करने में असमर्थता जाहिर कर रहे हैं, जिसकी वजह से स्कूल के शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पा रहा है. जिससे अब वह भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं.

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सरकार से मांगी आर्थिक मदद
बुधवार को झारखंड शिक्षक संघ साहिबगंज इकाई के शिक्षकों ने उपायुक्त से मिलकर अपना दुखड़ा सुनाया और मुख्यमंत्री के नाम डीसी को ज्ञापन सौंपा. शिक्षकों का कहना है कि अभिभावक की ओर से फीस जमा नहीं करने पर वो भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं. प्राइवेट स्कूल के शिक्षक उन्हीं फीस पर निर्भर रहते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर झारखंड सरकार ने आर्थिक मदद नहीं की तो कई प्राइवेट स्कूल के शिक्षक आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे. शिक्षकों के पास इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. झारखंड में शिक्षा संस्थान को छोड़ सभी उद्योग-धंधे खुल चुके हैं, लेकिन स्कूल बंद होने की वजह से ऐसी स्थिति सामने आ रही है.

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