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CAA को लेकर झारखंड के इस क्षेत्र के लोगों में है सबसे ज्यादा आक्रोश, जानिए वजह

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Published : Dec 21, 2019, 11:43 PM IST

Updated : Dec 22, 2019, 7:46 AM IST

सीएए का विरोध देश के अलग-अलग हिस्सों के बाद अब झारखंड में भी दस्तक दे चुका है. झारखंड के पलामू में वाम दलों ने तो साहिबगंज में कांग्रेस और स्थानीय लोगों ने विरोध का मन बना लिया है. लोगों का कहना है कि सरकार मुसलमानों के खिलाफ काम कर रही है.

People will protest against the CAA in jharkhand
डिजाइन ईमेज

साहिबगंज: भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है जहां धर्म के आधार पर कोई कानून नहीं बनता. यहां सभी को सम्मान के साथ जीने, रहने और आस्था की आजादी है. मगर जब से मोदी कैबिनेट ने CAA लाया मानो पूरा देश दो खेमे में बंट गया है. एक ओर लोग सर्मथन कर रहे हैं तो दूसरी ओर विरोध का माहौल बना हुआ है. इस विरोध की आंच अब झारखंड के भी कई जगहों पर देखने को मिल रहा है.

देखें सीएए पर स्पेशल स्टोरी

फिलहाल झारखंड में चुनावी माहौल है. झारखंड के कई ऐसे क्षेत्र हैं जैसे साहिबगंज, राजमहल, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़, जामताड़ा, महेशपुर और पोड़ैयाहाट में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद कथित तौर पर हजारों बंगलादेशी इन क्षेत्रों में बस गए थे. ऐसे लोगों का मानना है कि अगर कानून झारखंड में लागू होगा तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

People will protest against the CAA in jharkhand
कांग्रेस नेता

ये भी देखें- 2016 में हुए दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा, देखें राजधानी के लोगों की प्रतिक्रिया

वहीं, जेएमएम और कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार मुसलमानों के खिलाफ काम कर रही है. आज देशभर में जहां-जहां हिंसा हो रही है, इसकी वजह केवल और केवल केंद्र सरकार की मनमानी है. इलाके के बीजेपी नेता आज से नहीं बल्कि 90 से ही इन क्षेत्रों में सीएए और एनआरसी की मांग करते आ रहे हैं. हालांकि उनका ये भी कहना है कि जो यहां के नागिरक हैं उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. झारखंड के इन इलाकों में रहने वाले बड़े तबके के लोगों के मन जो आशंकाएं हैं उन्हें सरकार को दूर करना होगा. नहीं तो यहां भी यूपी और दिल्ली जैसे हालात हो सकते हैं.

People will protest against the CAA in jharkhand
बीजेपी प्रदेश महामंत्री

साहिबगंज: भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है जहां धर्म के आधार पर कोई कानून नहीं बनता. यहां सभी को सम्मान के साथ जीने, रहने और आस्था की आजादी है. मगर जब से मोदी कैबिनेट ने CAA लाया मानो पूरा देश दो खेमे में बंट गया है. एक ओर लोग सर्मथन कर रहे हैं तो दूसरी ओर विरोध का माहौल बना हुआ है. इस विरोध की आंच अब झारखंड के भी कई जगहों पर देखने को मिल रहा है.

देखें सीएए पर स्पेशल स्टोरी

फिलहाल झारखंड में चुनावी माहौल है. झारखंड के कई ऐसे क्षेत्र हैं जैसे साहिबगंज, राजमहल, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़, जामताड़ा, महेशपुर और पोड़ैयाहाट में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद कथित तौर पर हजारों बंगलादेशी इन क्षेत्रों में बस गए थे. ऐसे लोगों का मानना है कि अगर कानून झारखंड में लागू होगा तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

People will protest against the CAA in jharkhand
कांग्रेस नेता

ये भी देखें- 2016 में हुए दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा, देखें राजधानी के लोगों की प्रतिक्रिया

वहीं, जेएमएम और कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार मुसलमानों के खिलाफ काम कर रही है. आज देशभर में जहां-जहां हिंसा हो रही है, इसकी वजह केवल और केवल केंद्र सरकार की मनमानी है. इलाके के बीजेपी नेता आज से नहीं बल्कि 90 से ही इन क्षेत्रों में सीएए और एनआरसी की मांग करते आ रहे हैं. हालांकि उनका ये भी कहना है कि जो यहां के नागिरक हैं उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. झारखंड के इन इलाकों में रहने वाले बड़े तबके के लोगों के मन जो आशंकाएं हैं उन्हें सरकार को दूर करना होगा. नहीं तो यहां भी यूपी और दिल्ली जैसे हालात हो सकते हैं.

People will protest against the CAA in jharkhand
बीजेपी प्रदेश महामंत्री
Intro:सीएबी कानून का लोगो ने पुरजोर किया विरोध,केंद्र सरकार के खिलाप सड़क पर उतरने का दिया धमकी। भाजपा ने सराहा तो विपक्ष ने दिया धमकी।

जिस तरह से देश में अलग-अलग जगहों पर लोग सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं निश्चित रूप से साहिबगंज में भी आग लगने वाला है इस कानून के खिलाफ लोग प्रदर्शन करने के लिए मन बना चुके हैं।


Body:सीएबी कानून का लोगो ने पुरजोर किया विरोध,केंद्र सरकार के खिलाप सड़क पर उतरने का दिया धमकी। एक तरफ भाजपा ने सराहा तो विपक्ष सहित स्थानीय ने सड़क पर उतरने का दिया संदेश।
स्पेशल स्टोरी-साहिबगंज-- केंद्र सरकार द्वारा नागरिक संशोधन बिल में संशोधन कर कानून बना दिया गया ।एक तरफ बीजेपी इस कानून को देश हित में सराह रही है तो विपक्ष इसे घेरने की तैयारी में जुटा हुआ है। इस कानून के लागू होते ही देशभर में लोग सड़क पर उतर चुके हैं हिंसा प्रदर्शन जारी है लोग इस कानून का पुरजोर विरोध कर रहे हैं और इसे वापस लेने का आवाज बुलंद कर रहे हैं।
साहिबगंज जिले में भी खासकर राजमहल विधानसभा क्षेत्र के उधवा ,राधानगर ,शर्मापुर, राजमहल प्रखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए भाजपा लगातार मांग करती आ रही थी ।जैसे ही सीएबी कानून बना भाजपा सरकार में उत्साह है भाजपा का कहना है कि अभी तो सीएबी एक झलक है एनआरसी अभी बाकी है। निश्चित रूप से जिला के इन सभी क्षेत्रों में इस कानून का सख्ती से पालन हुआ तो 50 हजार से अधिक घुसपैठिए बाहर हो सकते हैं ।क्योंकि जलमार्ग, सड़क मार्ग और रेलमार्ग के द्वारा इन क्षेत्रों में अपने सगे संबंधियों के यहां का बस कर गया और कर्मचारी को प्रलोभन देकर दस्तावेज बना चुका है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री अनंत ओझा ने कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है जब चाहा बस गया ।निश्चित रूप से सीएबी कानून बन चुका है बहुत जल्द एनआरसी भी लागू होते ही इनको घुसपैठियों को पहचान की जाएगी और इन्हें पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हुए घुसपैठियों का पहचान कर खदेड़ने का काम किया जाएगा क्योंकि इनके वजह से हमारा जिला, राज्य और देश का विकास रुक सा गया है।
बाइट-- अनंत ओझा, भाजपा प्रदेश महामंत्री
राजमहल विधानसभा क्षेत्र के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र एलसी रोड में ईटीवी भारत ने ग्राउंड जीरो से जाने का प्रयास किया तो मालूम चला कि सीएबी और एनआरसी का लोग पुरजोर विरोध कर रहे हैं लोगों का गुस्सा चरम पर है लोगों ने यहां तक कहा कि 23 दिसंबर के बाद आचार संहिता खत्म होने जा रहा है निश्चित रूप से हम सड़क पर उतरेंगे और अपनी बातों को केंद्र सरकार तक पहुंचाएंगे।
मौलवी साहब ने कहा कि सीएबी और एनआरसी मुसलमानों के हित में नहीं है यहां तक की हिंदुस्तान के अहित में यह कानून पास हुआ है इस कानून का पास होने से देश का बंदरबांट हो जाएगा ।आपसी सौहार्द बिगड़ जाएगी क्योंकि जब सीएबी पास हुआ तो मुसलमानों को जगह नहीं दिया गया। सरकार मुसलमानों को अनदेखा कर इस कानून को पास किया है। जिसका विरोध हम लोग पुरजोर तरीके से कर रहे हैं।
बाइट-1- मौलवी साहब
सरफराज आलम का कहना है कि संविधान में समानता का अधिकार दिया गया है लेकिन बीजेपी सरकार संविधान के कानून को मानने से इंकार कर दिया है इस कानून से मुस्लिमों समुदाय के लोगो को गहरा चोट लगा है आचार संगीता खत्म होने के बाद हम सड़क पर उतरेंगे और अपनी बातों को रखेंगे। यहां तक कि झारखंड में भी सीएबी के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन होगा।
बाइट-- 2- सरफराज आलम- जेएमएम नेता स्थानीय लोगो ने भी कहा कि केंद्र सरकार सीएबी और एनआरसी लागू कर हिंदुस्तान के मुसलमान के हित में काम नहीं कर रही है आज देशभर में जहां-जहां हिंसा हो रहा है केंद्र सरकार की मनमानी की वजह से हो रहा है। निश्चित रूप से इस कानून को वापस लेना चाहिए।केंद्र सरकार को मंथन करना चाहिए ।स्थानीय लोगों ने कहा कि इस कानून का हम लोग पुरजोर विरोध कर रहे हैं इसका असर सबसे अधिक साहिबगंज में दिख सकता है क्योंकि यहां का जमीन अन सर्वे है खासमहल और दान पत्र की जमीन है यहां लोगों को रहने के लिए घर तो है जमीन भी है लेकिन पेपर किसी के पास नहीं मिलेगा तो क्या केंद्र सरकार इस कानून से हिंदू ,मुस्लिम सभी को जेल में डाल देगी ।स्थानीय लोगों ने कहा कि हम लोग जिला में 200 वर्षों से अधिक समय से रह रहे लेकिन जिस तरह से देश में हिंसा फैली हुई है हमें डर लगता है कि हम लोग भी उस दायरे में आ सकते हैं।
बाइट-- स्थानीय-- 3,4,5
काग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में इस तरह का कोई भी कानून नहीं बनाया गया और ना ही इस तरह का कभी सोचा गया। अंग्रेज के शासनकाल में भी लोग अमन चैन से रह रहे थे लेकिन केंद्र में जब से बीजेपी सरकार आई है अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ काम कर रही हैं लोगों को रोजी रोटी सुरक्षा देने का बजाय मुद्दा से हटकर सरकार काम कर रही है जिसका हम लोग विरोध करते हैं कहा कि यदि नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी शख्ती से इस देश में लागू हुआ तो देश में अमन चैन खत्म हो जाएगा। हिंदू और मुस्लिम आपस में लड़ने लगेंगे। कहा कि आचार संहिता के बाद हम सड़क पर उतरेंगे वह भी हिंसात्मक नहीं बल्कि अहिंसा के रास्ता अपनाकर अपनी बातों को रखेंगे।
बाइट- कलीमुद्दीन, कांग्रेसी नेता।
बाइट का अंतिम से दूसरा ब्यक्ति
निश्चित रूप से सीएबी के खिलाफ लोगों में गुस्सा है आचार संहिता के वजह से लोग चुप हैं लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने ईटीवी भारत से केंद्र सरकार को यह मैसेज दिया कि आचार संहिता के बाद हम सड़क पर उतरेंगे । अहिंसा का मार्ग अपनाएंगे और अपनी बातों को केंद्र सरकार तक पहुंचाएंगे।
बाइट-- शिव शंकर कुमार- रिपोर्टर, ईटीवी भारत,साहिबगंज



Conclusion:विशेष रुप से निश्चित रूप से आचार संहिता लगने के बाद जिले से अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सड़क। पर उतरेंगे ।साहिबगंज जिला भी अस्त व्यस्त हो जाएगा ।लगातार जिले में प्रदर्शन होने से आम लोगों तक इसका असर पड़ेगा साथ ही रोजगार और व्यापार प्रभावित होगा।
Last Updated : Dec 22, 2019, 7:46 AM IST
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