साहिबगंज: भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है जहां धर्म के आधार पर कोई कानून नहीं बनता. यहां सभी को सम्मान के साथ जीने, रहने और आस्था की आजादी है. मगर जब से मोदी कैबिनेट ने CAA लाया मानो पूरा देश दो खेमे में बंट गया है. एक ओर लोग सर्मथन कर रहे हैं तो दूसरी ओर विरोध का माहौल बना हुआ है. इस विरोध की आंच अब झारखंड के भी कई जगहों पर देखने को मिल रहा है.
फिलहाल झारखंड में चुनावी माहौल है. झारखंड के कई ऐसे क्षेत्र हैं जैसे साहिबगंज, राजमहल, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़, जामताड़ा, महेशपुर और पोड़ैयाहाट में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद कथित तौर पर हजारों बंगलादेशी इन क्षेत्रों में बस गए थे. ऐसे लोगों का मानना है कि अगर कानून झारखंड में लागू होगा तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
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वहीं, जेएमएम और कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार मुसलमानों के खिलाफ काम कर रही है. आज देशभर में जहां-जहां हिंसा हो रही है, इसकी वजह केवल और केवल केंद्र सरकार की मनमानी है. इलाके के बीजेपी नेता आज से नहीं बल्कि 90 से ही इन क्षेत्रों में सीएए और एनआरसी की मांग करते आ रहे हैं. हालांकि उनका ये भी कहना है कि जो यहां के नागिरक हैं उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. झारखंड के इन इलाकों में रहने वाले बड़े तबके के लोगों के मन जो आशंकाएं हैं उन्हें सरकार को दूर करना होगा. नहीं तो यहां भी यूपी और दिल्ली जैसे हालात हो सकते हैं.