साहिबगंज: एक जुलाई से रोजमर्रा से जुड़ी कुछ चीजों पर प्रतिबंध लग चुका है, जिसे उपयोग करते हुए या भंडारण करते हुए पकड़े जाने पर कानूनी कारवाई की जाएगी. जी हां, सिंगल यूज प्लास्टिक से जुड़े सामान का एक जुलाई से पर्यावरण की सुरक्षा को ख्याल में रखते हुए प्रतिबंध लगाया गया है. लेकिन साहिबगंज में इसकी जानकारी ना तो दुकानदार को है और ना ग्राहक को है. साहिबगंज में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन का असर कहीं नजर नहीं आ रहा है. लोग धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल करते नजर आ हे हैं.
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जब इसकी पड़ताल ग्राउंड जीरो पर की गई तो मालूम चला कि इस अभियान को लेकर जिला प्रशासन भी गंभीर नहीं है. यहां तक कि इसको लेकर प्रचार प्रसार तक नहीं किया गया है. शहर की भीड़भाड़ वाली जगह पटेल चौक पर लोग खुलेआम हाथ में लहलहाते सिंगल यूज प्लास्टिक में अपना घर का समान ले जाते नजर आ रहे हैं. वहीं सब्जी दुकान पर भी यही हाल नजर आया. ग्राहकों को दुकानदार पॉलीथीन में सब्जी देते नजर आए. नगर परिषद क्षेत्र के 100 मीटर की दूरी पर बाटा रोड में सड़क के किनारे सिर्फ दर्जनों दुकानों में पालीथीन नजर आ रहा है.
ग्राहक शुभम ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध एक जुलाई से लग चुका है, यह जानकारी मिल रही है. पूर्व में कई बार अभियान चला लेकिन कहां सफल हुआ. पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर प्रतिबंध लगा है तो सरकार की अच्छी पहल है लेकिन इसके वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए. वो ग्राहक भी धीरे धीरे अपने आदतों में परिवर्तन करने का प्रयास करेगें. निश्चित रुप से सिंगल यूज प्लास्टिक से जल, वायु, मिट्टी को दूषित होती है.
सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध का दुकानदार स्वागत करते है, यह पर्यावरण को लेकर लिया गया निर्णय सही है. लेकिन इसके वैकल्पिक व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए ताकि आने वाले समय में ग्राहक और दुकानदार को परेशानी ना हो. यह अभियान निरंतर चालू रहना चाहिए. सड़क पर खुलेआम लेकर चलते ग्राहक को भी दंडित करना चाहिए ना कि दुकानदार को. ग्राहक में भय होना चाहिए तभी उनके आदत में परिवर्तन आएगा और अपने साथ बाजार निकलते वक्त एक थैला लेकर निकलेंगे.
सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध बहुत पहले होना चाहिए था. बीच बीच कई बार यह अभियान चला लेकिन सख्ती से पालन नहीं कराने पर फिर से चालू हो जाता है. दुकानदार ने कहा कि मेरा मानना है कि प्लास्टिक निर्माण कर रही कंपनी पर लगाम लगा देना चाहिए. चोरी छुपे अगर कोई व्यवसायी इसे रखे तो उसपर कार्रवाई होनी चाहिए. ग्राहकों को भी अपनी आदतों में परिवर्तन करना चाहिए, सभी के सहयोग से ही इस अभियान को सफल बना सकते हैं.
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पर्यावरणविद डॉ. रंजीत सिंह ने कहा पर्यावरण को लेकर सरकार काफी गंभीर हो चुकी है. सिंगल यूज प्लास्टिक की वजह से किसान की पैदावार पर असर पड़ने लगा है. गंगा नदी, तालाब में पॉलीथीन चले जाने से जलीय जीव जंतु पर भी असर पड़ने लगा है. इस अभियान को सख्ती से पालन कराने से नहीं होगा बल्कि लोगों के बीच प्रचार प्रसार और नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करना चाहिए. सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में भी बताने की जरुरत है तभी हम पूर्ण रुप से सफल हो सकते हैं.
सिंगल यूज प्लास्टिक में इन चीजों पर प्रतिबंध लगाया गया है. जिनमें प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों की प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के फ्लैग, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, थर्माकॉल, प्लास्टिक प्लेट्स, प्लास्टिक कप, प्लास्टिक पैकिंग का सामान, प्लास्टिक से बने इनविटेशन कार्ड, सिगरेट पैकेट्स, प्लास्टिर और पीवीसी बैनर (100 माइक्रोन से कम), इंविटेशन कार्ड्स, स्टिरर (पेय पदार्थ घोलने में काम आने वाली स्टिक), इन सभी के इस्तेमाल और बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है.