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बोले रघुवर के मंत्री, कानून में बदलाव कर खासमहल जमीन के रैयतों को मिलेगा हक, पढ़ें पूरी खबर

सूबे के भूमि सुधार, पर्यटन और खेल मंत्री अमर बाउरी साहिबगंज दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने खासमहल काला कानून के संबंध में कहा कि सहिबगंज की जमीन यहां के रहने वाले मूलवासियों की है. इसे कोई छीन नहीं सकता. सरकार इस दिशा में पहल कर रही है, हो सकता है कानून में बदलाव भी हो.

बयानबाजी करते नेता
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Published : Feb 10, 2019, 7:41 AM IST

Updated : Feb 10, 2019, 8:07 AM IST

साहिबगंज: सूबे के भूमि सुधार, पर्यटन और खेल मंत्री अमर बाउरी साहिबगंज दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने खासमहल काला कानून के संबंध में कहा कि सहिबगंज की जमीन यहां के रहने वाले मूलवासियों की है. इसे कोई छीन नहीं सकता. सरकार इस दिशा में पहल कर रही है, हो सकता है कानून में बदलाव भी हो.

बयानबाजी करते नेता
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वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस महासचिव बजरंगी यादव ने कहा कि यह सिर्फ चुनावी जुमला है. जब चुनाव आते हैं तो वोटर को रिझाने के लिए यह खासमहल मुद्दा बन जाता है. उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कहा कि यदि मैं जीता तो साहिबगंज की सालों पुरानी मांग खासमहल को खत्म और गंगापुल का काम चालू करवा दूंगा.

दरअसल, अंग्रेजों के समय से साहिबगंज की जमीन को गैर जमुनवा घोषित कर दिया गया और सरकार का हस्तक्षेप कर दिया गया. इस वजह से आज तक इस जमीन पर बसने वालों को उनका मालिकाना हक नहीं मिल सका. लोग सहमे हुए रहते है कि सरकार जिस दिन चाहेगी हमें अपने घर से बेघर कर देगी. क्योकि जिला प्रशासन द्वारा टैक्स भी नहीं लिया जाता. जिले की अधिकांश जमीन खासमहल है. बड़े-बड़े भवन बन तो गए, आबादी बस रही है, लेकिन रजिस्ट्री नहीं होने से शहर में उद्योग धंधे नहीं लग रहे. स्टूडेंट के जाती और आवास प्रमाण पत्र तक नहीं बन पा रहे हैं. इसलिये खासमहल को काला कानून के नाम से जाना जाता है.

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साहिबगंज: सूबे के भूमि सुधार, पर्यटन और खेल मंत्री अमर बाउरी साहिबगंज दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने खासमहल काला कानून के संबंध में कहा कि सहिबगंज की जमीन यहां के रहने वाले मूलवासियों की है. इसे कोई छीन नहीं सकता. सरकार इस दिशा में पहल कर रही है, हो सकता है कानून में बदलाव भी हो.

बयानबाजी करते नेता
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वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस महासचिव बजरंगी यादव ने कहा कि यह सिर्फ चुनावी जुमला है. जब चुनाव आते हैं तो वोटर को रिझाने के लिए यह खासमहल मुद्दा बन जाता है. उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कहा कि यदि मैं जीता तो साहिबगंज की सालों पुरानी मांग खासमहल को खत्म और गंगापुल का काम चालू करवा दूंगा.

दरअसल, अंग्रेजों के समय से साहिबगंज की जमीन को गैर जमुनवा घोषित कर दिया गया और सरकार का हस्तक्षेप कर दिया गया. इस वजह से आज तक इस जमीन पर बसने वालों को उनका मालिकाना हक नहीं मिल सका. लोग सहमे हुए रहते है कि सरकार जिस दिन चाहेगी हमें अपने घर से बेघर कर देगी. क्योकि जिला प्रशासन द्वारा टैक्स भी नहीं लिया जाता. जिले की अधिकांश जमीन खासमहल है. बड़े-बड़े भवन बन तो गए, आबादी बस रही है, लेकिन रजिस्ट्री नहीं होने से शहर में उद्योग धंधे नहीं लग रहे. स्टूडेंट के जाती और आवास प्रमाण पत्र तक नहीं बन पा रहे हैं. इसलिये खासमहल को काला कानून के नाम से जाना जाता है.

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Intro:खासमहल जमीन के रैयतों को मिलेगा हक। मंत्री ने कहा कानून में होगा बदलाव। कांग्रेस ने कहा चुनावी जुमला है।
स्टोरी-सहिबगंज-सहिबगंज दौरे पर आये झारखंड के भूमि सुधार एवम पर्यटन ,खेल मंत्री अमर बावरी ने दो टूक ईटीवी को खासमहल काला कानून के संबंध में कहा की सहिबगंज की जमीन यहाँ कद रहने वाले मूलवासियों की है ऐसे कोई छीन नही सकता है सरकार इस दिशा में पहल कर रही है हो सकता है तो कानून में बदलाव भी हो सकता है।
दूसरी तरफ कांग्रेस महासचिव बजरंगी यादव ने कहा कि यह सिर्फ चुनावी जुमला है। जब जब चुनाव आता है तो वोटर को रिझाने के लिए यह खासमहल मुद्दा बनता है। कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कहा कि यदि मैं जीता तो सहिबगंज की वर्षो मांग खासमहल को खत्म और गंगापुल का काम चालू करवा दूंगा। यादव ने कहा की दोनो आप लोगो के सामने है।
जाने क्या है खासमहल- अंग्रेज के समय से सहिबगंज की जमीन को गैर जमुनवा घोषित कर दिया गया था और सरकार का हस्तक्षेप कर दिया गया था। और आज तक इस जमीन पर बसने वालो मालिक को मालिकाना हक नही मिल सका। लोग सहमे हुए रहते है कि सरकार जिस दिन चाहेगी हमे अपने घर से बेघर कर देगी। क्योकि जिला प्रशासन द्वारा टेक्स भी नही लिया जाता। जिला की अधिकांश जमीन खासमहल है । बड़े बड़े भवन बन तो गए है आबादी बस रही है लेकिन रजिस्ट्री नही होने शहर में उधोग धंधा नही लग रहा है स्टूडेंट का जाती,आवास तक नही बन पा रहा है इसलिये खासमहल को कला कानून के नाम से जाना जाता है।
बाइट-अमर बावरी,मंत्री,झारखंड सरकार
बाइट-बजरंगी यादव, कांग्रेस महासचिव।


Body:खासमहल जमीन के रैयतों को मिलेगा हक। मंत्री ने कहा कानून में होगा बदलाव। कांग्रेस ने कहा चुनावी जुमला है।
स्टोरी-सहिबगंज-सहिबगंज दौरे पर आये झारखंड के भूमि सुधार एवम पर्यटन ,खेल मंत्री अमर बावरी ने दो टूक ईटीवी को खासमहल काला कानून के संबंध में कहा की सहिबगंज की जमीन यहाँ कद रहने वाले मूलवासियों की है ऐसे कोई छीन नही सकता है सरकार इस दिशा में पहल कर रही है हो सकता है तो कानून में बदलाव भी हो सकता है।
दूसरी तरफ कांग्रेस महासचिव बजरंगी यादव ने कहा कि यह सिर्फ चुनावी जुमला है। जब जब चुनाव आता है तो वोटर को रिझाने के लिए यह खासमहल मुद्दा बनता है। कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कहा कि यदि मैं जीता तो सहिबगंज की वर्षो मांग खासमहल को खत्म और गंगापुल का काम चालू करवा दूंगा। यादव ने कहा की दोनो आप लोगो के सामने है।
जाने क्या है खासमहल- अंग्रेज के समय से सहिबगंज की जमीन को गैर जमुनवा घोषित कर दिया गया था और सरकार का हस्तक्षेप कर दिया गया था। और आज तक इस जमीन पर बसने वालो मालिक को मालिकाना हक नही मिल सका। लोग सहमे हुए रहते है कि सरकार जिस दिन चाहेगी हमे अपने घर से बेघर कर देगी। क्योकि जिला प्रशासन द्वारा टेक्स भी नही लिया जाता। जिला की अधिकांश जमीन खासमहल है । बड़े बड़े भवन बन तो गए है आबादी बस रही है लेकिन रजिस्ट्री नही होने शहर में उधोग धंधा नही लग रहा है स्टूडेंट का जाती,आवास तक नही बन पा रहा है इसलिये खासमहल को कला कानून के नाम से जाना जाता है।
बाइट-अमर बावरी,मंत्री,झारखंड सरकार
बाइट-बजरंगी यादव, कांग्रेस महासचिव।


Conclusion:सफब्ब्सीन।
Last Updated : Feb 10, 2019, 8:07 AM IST
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