साहिबगंज: ओमान की राजधानी मस्कट से 125 प्रवासी भारतीय शुक्रवार को विश्व प्रसिद्ध कन्हैयास्थान इस्कॉन मंदिर पहुंचे, यहां करीब तीन घंटे तक रूककर भगवान श्रीकृष्ण-राधा, श्री चैतन्य महाप्रभु की पूजा की. विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होने के बाद ये फिर मालदा होते हुए जगन्नाथपुरी रवाना हो गए.
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टीम का नेतृत्व कर रहे ब्रजपान प्रभु ने बताया कि भारतीय मूल के लाखों लोग ओमान में रहकर व्यवसाय, नौकरी आदि करते हैं. उन्होंने बताया कि इस्कॉन के प्रतिष्ठाता स्वामी प्रभुपाद ने पूरे विश्व में श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान बांटा और इससे लोग प्रभावित भी हुए. जिससे प्रेरित होकर लोगों में धार्मिक भावनाएं जगीं और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं. उन्होंने कहा कि कन्हैयास्थान गुप्त वृंदावन के नाम से पूरी दुनिया में विख्यात है. चूंकि कन्हैयास्थान में श्रीचैतन्य महाप्रभु ने भगवान श्रीकृष्ण के बाल्य रूप का दर्शन किया था. इसलिए भगवान श्रीकृष्ण के भक्त अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार कन्हैयास्थान का दर्शन करने की इच्छा अवश्य रखते हैं.
भक्तजन दोपहर को भोग आरती में शामिल हुए और प्रबंधक ब्रजराज कानाई दास ब्रह्मचारी ने सभी भक्तजनों को कन्हैयास्थान के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को विस्तार से बताया. कई भक्तजनों ने यह भी बताया कि वे मस्कट से भारत स्थित विभिन्न धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर रहे हैं, परंतु अपना घर नहीं जा रहे. ऐसा इसलिए कि उन्हें भगवान के धाम का दर्शन करने की इच्छा अधिक है. पहले भगवान इसके बाद घर परिवार. सभी भक्तजन नाव से गंगा नदी पार कर पहले मालदा जाएंगे फिर मालदा से हावड़ा होते हुए जगन्नाथपुरी जाएंगे.