साहिबगंज: भारतीय भूवैज्ञानिक खान मंत्रालय से वैज्ञानिकों की टीम मिर्जा चौकी थाना अंतर्गत मंडरो प्रखंड के तारा पहाड़ पर पादप जीवाश्म (फॉसिल्स) का अध्ययन करने पहुंचे. जिस दौरान भूवैज्ञानिकों ने तारा पहाड़ पर बिखरे जीवाश्म का अध्धयन किया और इसकी रिपोर्ट की जानकारी भारत सरकार को सौंपने और संरक्षित करने की सलाह दी.
फॉसिल्स को बचाने की जरूरत
मीडिया से बातचीत के दौरान वैज्ञानिकों ने बताया कि राजमहल की पहाड़ी पर बिखरे इन फॉसिल्स को बचाने की जरूरत है और राज्य सरकार के द्वारा 10 करोड़ की लागत से संरक्षण करने का काम भी चालू कर चुकी है. हालांकि सरकार के द्वारा इसे राष्ट्रीय धरोहर के रूप में घोषित नहीं किया गया, यदि राज्य सरकार भी केंद्र सरकार की तरह घोषित करती है, तो इसे विकसित करने के लिए अतिरिक्त फंड का आना चालू हो जाएगा.
अनमोल धरोहर है फॉसिल्स
अध्ययन करने के दौरान वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि इस फॉसिल्स को संरक्षण करने की जरूरत है क्योंकि यह अनमोल धरोहर है हमारे आने वाले वंशज देख पाएंगे और अध्ययन करेंगे. आज इन कीमती फॉसिल्स से लोग अनजान है, इसे चिप्स बना कर सड़क बनाने का काम में कर रहे हैं जो गैरकानूनी है, इसे बचाने की जरूरत है.