साहिबगंज: नगर परिषद के हाट परिसर में करोड़ों रुपए की लागत से बना दुकानदारों के लिए स्टॉल धूल फांक रहा है. इस योजना को पांच साल बीतने जा रहा है, लेकिन अब तक कोई शहर से फुटपाथ दुकान इस बनाये गए स्टॉल में शिफ्ट नहीं हुआ है. अब यह स्टॉल जुआरी और शराबियों का अड्डा बन चुका है.
नगर परिषद ने रेल फाटक के पार सप्ताहिक फुटपाथ दुकानों को स्थाई रूप से मार्केट लगाने के लिए लगभग 150 से अधिक छोटा-छोटा स्टॉल बनाया गया था लेकिन उद्घाटन के बाद भी कोई भी फुटपाथ दुकान इसमें शिफ्ट नहीं हुआ. नगर परिषद का मास्टर प्लान धरा का धरा रह गया और करोड़ों रुपए की लागत से बना स्टॉल बेकार पड़ा हुआ है. अब लोग इसमें जरूरत के अनुसार जुआ खेलना, शराब पीना और असामाजिक तत्वों का बसेरा बन चुका है.
फुटपाथ दुकानदारों का कहना है कि सुरक्षा के ख्याल से हाट परिसर में बना दर्जनों स्टॉल ठीक नहीं है. एक भी स्टॉल में दरवाजा या खिड़की नहीं है. सप्ताहिक हाट दो दिन लगता है बाकी सुनसान रहता है. वहीं, रेलवे फाटक हमेशा गिरा रहता है जिसके कारण कोई भी ग्राहक खरीदारी करने नहीं आता है. वहीं, बिजली की कोई सुविधा नहीं होने के कारण महिला इस परिसर में असुरक्षित महसूस करती है.
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नगर परिषद उपाध्यक्ष का कहना है कि यह हमारे काल का नहीं है लेकिन शहर का चौड़ीकरण और साफ-सुथरा को लेकर जिस उद्देश्य बनाया गया था उस उद्देश्य का पूरा अब तक नहीं हुआ है. दुकानदारों को कुछ परेशानियां हैं लेकिन उन परेशानियों को बहुत जल्द खत्म कर लिया जाएगा और सभी फुटपाथ दुकानदारों को इस हाट परिसर में बने स्टॉल में शिफ्ट किया जाएगा ताकि शहर साफ-सुथरा और चौड़ा नजर आए.