रांची: अल्पसंख्यक स्कूलों में 24 वर्ष से कार्य कर रहे शिक्षकों की स्थायीकरण की मांग को लेकर दायर एलपीए याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को मामले से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति रिकॉर्ड पर लाने को कहा है.
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह और न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी की अदालत में अल्पसंख्यक स्कूल में 24 वर्ष से कार्य कर रहे शिक्षक की स्थायीकरण की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने-अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शेखर सौरव और सरकार के अधिवक्ता अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सरकार के अधिवक्ता को मामले से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति रिकॉर्ड पर पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी.
बता दें कि याचिकाकर्ता सुभद्रा झा गोड्डा के सेंट फ्रांसिस अल्पसंख्यक स्कूल में वर्ष 1996 से लगातार कार्यरत हैं. वह अपने स्थायीकरण की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर हाई कोर्ट की एकल पीठ ने राज्य सरकार को उन्हें स्थाई करने का आदेश दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश को हाई कोर्ट के युगल पीठ में चुनौती दी है. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को 2 सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति रिकॉर्ड पर लाने को कहा है.