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सरकारी स्कूलों में गंगा ज्ञान स्मार्ट क्लास की शुरूआत, 25 स्कूलों में होगी प्रोजेक्टर से पढ़ाई

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Published : Aug 3, 2019, 7:25 PM IST

साहिबगंज में गंगा ज्ञान स्मार्ट क्लास की शुरुआत 25 स्कूलों में एक साथ की गई.   अब सभी क्लास की पढ़ाई सुनकर और वीडियो के जरिए देखकर कर पाएंगे.  जिससे बच्चों का बौद्धिक विकास होगा. निजी स्कूलों की तरह अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी प्रोजेक्टर के जरिए सभी विषयों को समझाया जाएगा.

ज्ञान गंगा स्मार्ट क्लास

साहिबगंजः जिले में साक्षरता दर काफी कम है, इसे देखते हुए आकांक्षी योजना के तहत विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए, जिला प्रशासन ने गंगा ज्ञान स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत की है. जिसमें क्लास 1-10 तक की पढ़ाई कराई जाएगी. जिसमें प्रोजेक्टर के जरिए से सभी विषयों को समझाया जाएगा. इससे फायदा यह होगा की स्टूडेंट सुनने के साथ-साथ देखकर भी समझ पाएंगे.

देखें स्पेशल स्टोरी

जिले में शनिवार को गंगा ज्ञान स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत शहर के सोती चौकी हाई स्कूल से की गई. जिसमें उपायुक्त और विकास आयुक्त ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत किया. इसमें एक साथ 25 स्कूलों में स्मार्ट क्लास की शुरूआत की गई. कार्यक्रम के शुरूआत में प्रोजेक्टर से सभी विषयों की पढ़ाई, बच्चे सुनकर और चित्र देखकर कैसे करेंगे इसका भी डेमो बारी-बारी से सभी विषयों का दिखाया गया. इससे बच्चों के बौद्धिक विकास में काफी वृद्घि होगी. बच्चों की स्मरण शक्ति काफी विकसित होगी. यह वैसे स्कूलों में शुरुआत की गई है जहां नेट की सुविधा हो और पर्याप्त मात्रा में शिक्षक उपलब्ध हो.

स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि यह स्मार्ट क्लास किसी भी स्कूल में किसी भी क्लास में शुरू किया जा सकता है. प्रोजेक्टर में डिवाइस लगा हुआ है, जिसमें वर्ग 1-10 तक सभी विषयों का कोर्स डाला गया है. सभी स्टूडेंट अब सुनकर और चित्र देखकर समझ पाएंगे. शिक्षक की मौजूदगी जरूरी है, जिससे वे अपने स्तर से वीडियो या चित्र को रोक-रोक कर समझा सकते हैं. इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जा जाएगा.

ये भी पढ़ें- पलामू में बैंकों की सुरक्षा को लेकर पहल, पुलिस ने जारी की ये गाइडलाइन

वहीं, उपायुक्त ने कहा कि साहिबगंज शिक्षा के क्षेत्र में पीछे है. आकांक्षी योजना के तहत जिले के 25 स्कूलों में एक साथ गंगा ज्ञान स्मार्ट क्लासेस के शुरुआत की गई. जिसमें बच्चे प्रोजेक्टर के माध्यम से अपने विषयों की पढ़ाई सुन और देखकर कर पाएंगें. इसके लिए सभी शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है.

उन्होंने कहा कि यह काफी अलग तरह का पहल हो रहा है. अब निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूल के बच्चे भी कंप्यूटर के ज्ञान से देश दुनिया की तमाम जानकारी ले पाएंगे. उन्होंने आशा जताई कि शिक्षा के क्षेत्र में या कारगर सिद्ध होगा.

साहिबगंजः जिले में साक्षरता दर काफी कम है, इसे देखते हुए आकांक्षी योजना के तहत विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए, जिला प्रशासन ने गंगा ज्ञान स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत की है. जिसमें क्लास 1-10 तक की पढ़ाई कराई जाएगी. जिसमें प्रोजेक्टर के जरिए से सभी विषयों को समझाया जाएगा. इससे फायदा यह होगा की स्टूडेंट सुनने के साथ-साथ देखकर भी समझ पाएंगे.

देखें स्पेशल स्टोरी

जिले में शनिवार को गंगा ज्ञान स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत शहर के सोती चौकी हाई स्कूल से की गई. जिसमें उपायुक्त और विकास आयुक्त ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत किया. इसमें एक साथ 25 स्कूलों में स्मार्ट क्लास की शुरूआत की गई. कार्यक्रम के शुरूआत में प्रोजेक्टर से सभी विषयों की पढ़ाई, बच्चे सुनकर और चित्र देखकर कैसे करेंगे इसका भी डेमो बारी-बारी से सभी विषयों का दिखाया गया. इससे बच्चों के बौद्धिक विकास में काफी वृद्घि होगी. बच्चों की स्मरण शक्ति काफी विकसित होगी. यह वैसे स्कूलों में शुरुआत की गई है जहां नेट की सुविधा हो और पर्याप्त मात्रा में शिक्षक उपलब्ध हो.

स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि यह स्मार्ट क्लास किसी भी स्कूल में किसी भी क्लास में शुरू किया जा सकता है. प्रोजेक्टर में डिवाइस लगा हुआ है, जिसमें वर्ग 1-10 तक सभी विषयों का कोर्स डाला गया है. सभी स्टूडेंट अब सुनकर और चित्र देखकर समझ पाएंगे. शिक्षक की मौजूदगी जरूरी है, जिससे वे अपने स्तर से वीडियो या चित्र को रोक-रोक कर समझा सकते हैं. इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जा जाएगा.

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वहीं, उपायुक्त ने कहा कि साहिबगंज शिक्षा के क्षेत्र में पीछे है. आकांक्षी योजना के तहत जिले के 25 स्कूलों में एक साथ गंगा ज्ञान स्मार्ट क्लासेस के शुरुआत की गई. जिसमें बच्चे प्रोजेक्टर के माध्यम से अपने विषयों की पढ़ाई सुन और देखकर कर पाएंगें. इसके लिए सभी शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है.

उन्होंने कहा कि यह काफी अलग तरह का पहल हो रहा है. अब निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूल के बच्चे भी कंप्यूटर के ज्ञान से देश दुनिया की तमाम जानकारी ले पाएंगे. उन्होंने आशा जताई कि शिक्षा के क्षेत्र में या कारगर सिद्ध होगा.

Intro:गंगा ज्ञान स्मार्ट क्लास की हुई शुरुवात। 25 स्कूलों में एक साथ हुई शुभारंभ। अब सभी क्लास की पढ़ाई सुनकर और चित्र देखकर स्टूडेंट समझ पाएंगे। होगा बौद्धिक विकास। निजी स्कूलों की तरह अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी प्रोजेक्टर कद माध्यम से सभी विषयों की होगी पढ़ाई।



Body:गंगा ज्ञान स्मार्ट क्लास की हुई शुरुवात। 25 स्कूलों में एक साथ हुई शुभारंभ। अब सभी विषय की पढ़ाई सुनकर और चित्र देखकर स्टूडेंट समझ पाएंगे। होगा बौद्धिक विकास।
स्टोरी-सहिबगज- सहिबगज जिला में साक्षरता दर काफी कम है इसे देखते हुए आकांक्षी योजना के तहत विद्यार्थियों को हित को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने गंगा ज्ञान स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत की गयी। जिसमें क्लास एक से दस तक की पढ़ाई कराई जाएगी। जिसमें प्रोजेक्टर के माध्यम से सभी विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी इससे फायदा यह होगा की स्टूडेंट पहला तो सुन पाएंगे दूसरा चित्र के माध्यम से भी समझ पाएंगे।
आज गंगा ज्ञान स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत शहर के सोती चौकी हाई स्कूल से शुरुआत की गई जिसमें जिले को उपायुक्त विकास आयुक्त ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत किया गया ।आज प्रोजेक्टर से सभी विषयों की पढ़ाई बच्चे सुनकर और चित्र देखकर कैसे समझाए जाएंगे या बारी-बारी से सभी विषयों को दिखाया गया। इससे बच्चों का बौद्धिक विकास में काफी वृद्घि होगी बच्चे का स्मरण शक्ति काफी विकसित होगा।
स्कूल के शिक्षक का कहना है कि यह स्मार्ट क्लास किसी भी स्कूल में किसी भी क्लास में शुरू किया जा सकता है क्योंकि प्रोजेक्टर में डिवाइस लगा हुआ है जिसमें वर्ग एक से दस तक सभी सब्जेक्ट का कोर्स डाला गया है। सभी स्टूडेंट अब सुनकर और चित्र देखकर समझ पाएंगे। शिक्षक की मौजूदगी जरूरी है वे अपने स्तर से वीडियो या चित्र को pause कर अपने, से समझा सकते है।। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जा जाएगा।
बाइट- अतुल कुमार, रूबी कुमारी- टीचर
उपायुक्त ने कहा कि सहिबगज शिक्षा के क्षेत्र मे पीछे है। आकांक्षा आकांक्षी योजना के तहत जिले के 25 स्कूलों में एक साथ गंगा ज्ञान स्मार्ट क्लासेस के शुरुआत की गई ।जिसमें बच्चे प्रोजेक्टर के माध्यम से अपने विषयों की पढ़ाई सुन तो सकते ही है साथ ही चित्र के माध्यम से भी समझ सकते हैं। इसके लिए सभी शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है। कहा कि यह काफी अलग तरह का बच्चों के बीच शिक्षा देने की पहल हो रही है ।अब निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूल के बच्चे भी कंप्यूटर का ज्ञान देश दुनिया की जानकारी अपने विषयों की पढ़ाई सुन और देख कर समझ सकते हैं आशा है शिक्षा के क्षेत्र में या कारगर सिद्ध होगा।
बाइट- राजीव रंजन, डीसी,सहिबगज



Conclusion: स्मार्ट क्लास को लेकर जिला प्रशासन ने एक अच्छी पहल की शुरुआत की है यह वैसे स्कूलों में शुरुआत की गई है जहां नेट की सुविधा हो और पर्याप्त मात्रा में शिक्षक उपलब्ध हो। जब भी अपने विश्व का पढ़ाने को लेकर बच्चों के बीच में जाए तो प्रोजेक्टर से भी पढ़ाये। लेकिन अब शिक्षक के ऊपर निर्भर करता है सरकारी स्कूल के बच्चे के प्रति कितना मेहनत कर पाता है।
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