साहिबगंज: झारखंड सरकार की पहल से बेंगलुरु की बाल कल्याण समिति के समन्वय से मानव तस्करी की शिकार साहिबगंज और पाकुड़ की लड़कियों को हवाई मार्ग से रांची लाया गया है. झारखंड राज्य बाल संरक्षण संस्था की टीम लड़कियों को लेकर रांची पहुंची. इसके बाद जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी के नेतृत्व में टीम रांची पहुंची और लड़कियों को वापस साहिबगंज जिला लाकर बाल कल्याण समिति के माध्यम से उनके परिजनों को सौंप दिया गया.
उपायुक्त ने बच्चियों और उनके परिजनों से मिलकर ली जानकारीः मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराई गई लड़कियों के साहिबगंज पहुंचने पर सोमवार को उपायुक्त रामनिवास यादव अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में बच्चियों और उनके परिजनों से मिले. इस क्रम में उन्होंने बालिकाओं में विस्तृत जानकारी प्राप्त की. उपायुक्त ने बच्चियों से कहा कि आप यहां रह कर शिक्षा ग्रहण करें. साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चियों के लिए कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही उपायुक्त रामनिवास यादव ने बच्चियों की काउंसेलिंग कराने का भी निर्देश दिया है. मौके पर उपायुक्त रामनिवास यादव ने कहा कि मानव तस्करी के मामले की सूचना एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को दें.
चार बच्चियों को काम दिलाने के बहाने ले जाया गया था बेंगलुरुः बता दें कि बरहेट प्रखंड की कुल चार किशोरियों को और पाकुड़ जिले की सात लड़कियों को काम दिलाने के बहाने बेंगलुरु ले जाया गया था. सभी किशोरियों को बाल कल्याण समिति साहिबगंज के समक्ष प्रस्तुत करते हुए आवश्यक कार्रवाई के उपरांत उनके परिजनों को सौंप दिया गया. सभी किशोरियों की काउंसेलिंग करते हुए उनकी व्यक्तिगत देखरेख योजना, पुनर्वास और उनके परिवार को विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभांवित करने हेतु बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई और विभिन्न संबद्ध विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है.
मामले में अहतु थाना पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देशः इस संबंध में जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ सुरेंद्र नाथ तिवारी और जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी ने बताया कि बच्चियों की काउंसेलिंग में यह बात स्पष्ट हुई है कि इन्हें ट्रैफिकिंग करके ले जाया गया था और सरकार के दिशा निर्देश में बाल कल्याण समिति साहिबगंज और जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा अहतु थाना को पत्राचार किया जा रहा है कि लड़कियों ने जो नाम बताए हैं उन पर जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई प्रारंभ हो. इन लड़कियों को सबसे पहले स्किल्ड कार्यक्रम से जोड़ने की तैयारी हो रही है, ताकि लड़कियां प्रशिक्षित होकर अपना रोजगार कर पाएं.