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साहिबगंजः मानसून की देरी ने नहीं, प्रशासन की लापरवाही ने किसानों को कर दिया बेचैन

साहिबगंज में इस बार किसानों को मानसून की देरी से ज्यादा प्रशासन की लापरवाही ने तकलीफ दी है. किसानों को इस बार लेम्पस से अनुदान में बीज नहीं मिला. वजह लोकसभा चुनाव को बताया जा रहा है. लेकिन किसानों की मानें तो हर साल प्रशासन का यही रवैया रहता है.

साहिबगंज लेम्प्स
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Published : Jul 9, 2019, 1:50 PM IST

साहिबगंजः इस बार मानसून की देरी के बाद किसानों को प्रशासन की लापरवाही भी सहनी पड़ी. जिले में किसानों को लेम्पस से अनुदान में बीज नहीं मिले. जिससे किसानों को अपने पैसों से बीज खरीद कर खेती करनी पड़ी.

देखें पूरी खबर

किसानों का कहना है कि समय से पहले लेम्पस में बीज आ जाता तो बहुत राहत मिलती. इस महंगाई में ऊंचे दाम में बीज खरीदकर बोना मजबूरी थी. सरकार और जिला प्रशासन हर साल इसी तरह की लापरवाही दिखाती है.

वहीं, कृषि पदाधिकारी का कहना है कि लोकसभा चुनाव की वजह से विलंब हो गया. रांची में धान की खरीदारी के लिए टेंडर में देरी हुई. सभी जिले को टारगेट दिया गया. उन्होंने कहा कि साहिबगंज में बीज आने से पहले बारिश हुई. जिससे किसानों ने लेम्पस में बीज नहीं आने से बाजार से खरीदकर बुआई की.

ये भी पढ़ें-मानव तस्करों की चंगुल से मुक्त हुई मासूम, दिल्ली में बेची गई थी झारखंड की बेटी

डीएओ ने कहा कि जिले में 12 ऐसे लेम्पस है, जो एक्टिव हैं. लेकिन सभी लेम्पस ने बीज उठाव करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि लेम्पस प्रबंधक को डर सता रहा है कि बीज की खरीदारी करने के बाद बीज की बिक्री नहीं हो पाएगी. जिस वजह से कोई भी बीज का उठाव नहीं करना चाहता.

साहिबगंजः इस बार मानसून की देरी के बाद किसानों को प्रशासन की लापरवाही भी सहनी पड़ी. जिले में किसानों को लेम्पस से अनुदान में बीज नहीं मिले. जिससे किसानों को अपने पैसों से बीज खरीद कर खेती करनी पड़ी.

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किसानों का कहना है कि समय से पहले लेम्पस में बीज आ जाता तो बहुत राहत मिलती. इस महंगाई में ऊंचे दाम में बीज खरीदकर बोना मजबूरी थी. सरकार और जिला प्रशासन हर साल इसी तरह की लापरवाही दिखाती है.

वहीं, कृषि पदाधिकारी का कहना है कि लोकसभा चुनाव की वजह से विलंब हो गया. रांची में धान की खरीदारी के लिए टेंडर में देरी हुई. सभी जिले को टारगेट दिया गया. उन्होंने कहा कि साहिबगंज में बीज आने से पहले बारिश हुई. जिससे किसानों ने लेम्पस में बीज नहीं आने से बाजार से खरीदकर बुआई की.

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डीएओ ने कहा कि जिले में 12 ऐसे लेम्पस है, जो एक्टिव हैं. लेकिन सभी लेम्पस ने बीज उठाव करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि लेम्पस प्रबंधक को डर सता रहा है कि बीज की खरीदारी करने के बाद बीज की बिक्री नहीं हो पाएगी. जिस वजह से कोई भी बीज का उठाव नहीं करना चाहता.

Intro:किसान अपने पॉकेट गिला कर धान की बीज खरीदकर किया खेती। लोकसभा चुनाव की दुहाई दे रहे है पदाधिकारी। विलंब से टेंडर हुआ धान की खरीदारी का। लेम्प्स ने धान की उठाव करने से किया इनकार। लेम्प्स में बीज आने से पहले खेतो में धान लहलहा रहा है।


Body:लेम्प्स ने धान की उठाव से किया इंकार। किसान अपने पॉकेट गिला कर बीज खरीद किया खेती।टेंडर विलंब होने से किसान को नही पहुँचा लाभ।
स्टोरी-साहिबगंज-- इस बार किसानों को लेम्प्स से अनुदान पर धान का बीज नही मिला जिससे किसान अपना पॉकेट गिला कर बाजार से अधिक मूल्यों पर बीज खरीदकर खेती किया। क्योंकि साहिबगंज में समय से पूर्व मानसून आने से खेतों में खेती करने लायक मिट्टी में हाल हो गया। समय से पहले लेम्प्स के बीज नही आने से ऐसी परिस्थिति में किसान सरकार का अनुदान का क्यो इंतजार करें। घर मे रखा हुआ अपना बीज या बाजार से खरीदकर खेती कर डाला। आज किसान के खेतों में फसल लहलहा रहा है।
किसान का कहना है कि समय से पहले लेम्प्स में बीज आ जाता तो बहुत राहत मिलता।इस महंगाई में शौख नही है कि ऊंचे दाम में बीज खरीदकर बोना। लेकिन मजबूरी था कि समय से बारिश हो गया और खेत उपजाऊ हो गया जिससे हमलोग धान का फसल लगा दिए।लेकिन लेम्प्स से बीज मिलता तो राहत मिलता। सरकार और जिला प्रशासन द्वारा प्रयेक वर्ष इसी प्रकार लापरवाही दिखता है।
बाइट--- सुनित देवी ,किसान
बाइट---- धीरज साह, किसान
कृषि पदाधिकारी ने कहा कि लोकसभा चुनाव की वजह से विलंब हो गया। देरी से रांची में धान की खरीदारी के लिए टेंडर हुआ और सभी जिला को टारगेट दिया गया। कहा कि साहिबगंज में समय से पहले वारिश हुआ जिससे किसान लेम्प्स में बीज नही आने से बाजार से बीज खरीदकर बोवाई कर दिया। जो अभी पौधा निकला भी चुका है।
डीएओ ने कहा कि जिला बारह ऐसे लेम्प्स है जो एक्टिव है लेकिन सभी लेम्प्स बीज उठाव करने से मना कर दिया। क्योकि लेम्प्स प्रबंधक को सता रहा है डर कि बीज की खरीदारी करने के बाद बीज की बिक्री नही पाएगी। पूंजी फंस सकता है।इसलिए कोई भी बीज का उठाव नही करना चाहता है।
बाइट- उमेश तिर्की, डीएओ,साहिबगंज



Conclusion:वजह जो भी हो झारखंड सरकार की लापरवाही साफ साफ नजर दिख रही है। एक तरफ सरकार किसान की आय दोगुनी करने की बात कर रही लेकिन लापरवाही की वजह है कि किसान 90 प्रतिशत बिचड़ा गिरा चुका है धान का पौधा नजर आने लगा है खेत हरियाली से पट गया है और सरकार किसानों की हित देखते हुए लेम्प्स को बीज उठाव कज़ आदेश जारी किया है। ऐसे में कहा से किसान को फायदा पहुचेगा।
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