साहिबगंज: केंद्र की मोदी सरकार 1 फरवरी 2020 को मोदी 2.0 की दूसरी बजट पेश करेगी. भारत सरकार की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे पेश करने जा रही है. इस बजट से झारखंड के किसानों को काफी उम्मीदें हैं.
झारखंड का एक मात्र बाढ़ प्रभावित जिला साहिबगंज है, जो सालाना बाढ़ की विभीषिका से किसान के खेतों में लगा फसल डूबता और बर्बाद हो जाता है. प्रतिवर्ष किसान अपने फसल की बीमा कराते हैं, लेकिन बीमा की राशि किसान को नसीब नहीं होती है.
किसानों का कहना है कि सिंचाई की घोर समस्या है, किसान गंगा नदी या नाला नाहर पर निर्भर रहता है, यदि पानी सूख गया तो किसान को सिंचाई करने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है, इसलिए किसान के हित में सिंचाई की सुविधा को लेकर केंद्र सरकार को ध्यान देना चाहिए. वहीं, कई और किसानों ने कहा कि एक कार्ड निर्गत करना चाहिए, जिसमें सब्सिडी पर डीजल, पेट्रोल, बिजली, खाद, बीज सहित खेती उपकरण में छूट मिल सके.
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किसानों का कहना है कि जब खेत से अनाज घर में आता है और किसान बेचना चाहे तो उन्हें औने पौने दाम में बेचना पड़ता है क्योंकि बाजार ही नहीं है, इसलिए किसानों के लिए एक समुचित बाजार होना चाहिए ताकि सही रेट पर सरकार उनके अनाज को खरीद सके. किसानों के लिए विशेष प्रशिक्षण देने की स्थाई रूप से व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि समय-समय पर मिट्टी जांच सहित किस मौसम में कौन सा फसल और खाद देना है यह जानकारी मिलती रहे.
किसानों को इस मोदी सरकार के 2.0 बजट से काफी उम्मीदें हैं कि इस बार किसान के हित में कोई सार्थक कदम उठाएगी और किसान के चेहरे पर मुस्कान आएगी.