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राजमहल विधानसभा सीट पर लगी चुनावी बाजी, दांव पर BJP, JMM और AJSU की साख

झारखंड विधानसभा चुनाव में राजमहल विधानसभा सीट के लिए बीजेपी, आजसू और जेएमएम की कड़ी टक्कर होने वाली है. सभी पार्टी के नेता अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. सभी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो चुका है. अब देखना दिलचस्प होने वाला है कि जनता किसकी झोली में जीत का खिताब डालती है.

Election bet on Rajmahal assembly seat for Jharkhand assembly election 2019
झारखंड विधानसभा चुनाव 2019
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Published : Dec 13, 2019, 1:25 PM IST

Updated : Dec 13, 2019, 3:28 PM IST

साहिबगंजः जिले के तीनों विधानसभा सीट पर आगामी 20 दिसंबर को चुनाव होना है. चुनावी सरगर्मी तेज हो चुकी है. सभी पार्टी के स्टार प्रचारक साहिबगंज में प्रचार-प्रसार के लिए आने लगे हैं. सभी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर इस सीट पर जीत हासिल करना चाहता हैं, लेकिन राजमहल क्षेत्र का विकास हुआ भी है कि नहीं, ये किसी ने जानने की कोशिश नहीं की. आज भी यहां की जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. शिक्षा, स्वास्थ, पानी और रोजगार के आस में यहां की जनता टकटकी लगाए राह देख रही है.

देखें पूरील खबर

राजमहल ऐतिहासिक मायनों में भी महत्वपूर्ण
राजमहल शब्द से ही ऐसा लगता है कि यहां लोग राजा-महाराजा की तरह रहते होंगे. इस क्षेत्र का पुराना इतिहास भी है. मुगल शाशन काल में बंगाल की राजधानी राजमहल हुआ करता था. मुगल शासक के कार्यकाल के यहां पर कई ऐतिहासिक भवन देखने को मिलते हैं. आज भी देखने को मिलता है राजमहल विधानसभा क्षेत्र में उधवा पक्षी अभ्यारण झील भी है, जहां प्रवासी पक्षियों का आना शीत ऋतु में शुरू हो जाता है. विदेशी सैलानियों का आना भी लगातार जारी रहता है, लेकिन जिस रफ्तार से राजमहल विधानसभा क्षेत्र का विकास होना चाहिए. उस अनुपात में विकास नहीं हो पाया. आज भी राजमहल मेन रेलवे लाइन से कोसों दूर है. यहां शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए लोग बिहार के भागलपुर जिला और बंगाल के मालदा जिला पर निर्भर है. रोजगार नहीं मिलने पर यहां के लोग अक्सर दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं.


बीजेपी का गढ़ राजमहल
राजमहल विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ है. हालांकि इस सियासत में कांग्रेस भी इस सीट पर कई बार कब्जा कर चुका है, लेकिन जेएमएम से गठबंधन करने के बाद कांग्रेस लगातार इस सीट को जेएमएम की झोली में दे देती है. जिस वजह से कांग्रेस की पकड़ इस सीट पर कमजोर पड़ती गई. वहीं, जेएमएम लगातार बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रही है. 2014 के चुनाव की बात करें बीजेपी की इस सीट से जीत भले ही हो गई हो, लेकिन जेएमएम ने बीजेपी से सिर्फ 702 वोटों से ही हारी थी. राजमहल विधानसभा सीट पर इस बार फिर बीजेपी और जेएमएम के बीच कड़ी टक्कर होने जा रही है. हालांकि, बीजेपी से आजसू का गठबंधन टूटने के बाद आजसू भी इस सीट पर जीत का दावा कर रहे हैं. इसके साथ ही राजमहल विधानसभा सीट पर इस बार 23 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा जा रहे हैं.


जेएमएम प्रत्याशी केताबुद्दीन शेख का क्या है कहना
वहीं, महागठबंधन से जेएमएम प्रत्याशी केताबुद्दीन शेख का दावा है कि राजमहल के चरवाहा मैदान में जिस तरह से राहुल गांधी और हेमंत सोरेन की जनसभा में लोगों की भीड़ का सैलाब उमड़ा था, उससे ये साबित होता है कि बीजेपी इस रेस में दूर-दूर तक नहीं है. उनका कहना है कि इस बार भारी बहुमत से बीजेपी को हराकर जेएमएम ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगी. जब केताबुद्दीन से विकास के बारे में पूछा गया तो, उन्होंने कहा कि राज्य में जिस तरह से स्कूल बंद हो रहे हैं और शराब की दुकाने खुल रही हैं, उससे ये साफ समझ आ रहा है कि ये विकास नहीं बल्कि विनाश हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार झारखंड में महागठबंधन की सरकार बनेगे जा रही है, जिसके बाद क्षेत्र में सिर्फ विकास की धारा बहेगी.

ये भी पढ़ें-धनबाद में कांग्रेस-जेएमएम पर गरजे पीएम मोदी, कहा- खुद महल बना, लोगों को झोपड़ियों में रहने को किया मजबूर


आजसू प्रत्याशी एमटी राजा का क्या है कहना
आजसू प्रत्याशी एमटी राजा ने भी जीत का दावा किया है. हालांकि, पिछली बार 2014 में इन्होंने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन इस बार जेएमएम से टिकट नहीं मिलने के बाद वह पार्टी से बागी हो गए और आजसू में चले गए. राजा का कहना है कि इस सीट पर कई स्टार प्रचारक हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, इस बार सिर्फ आजसू की ही जीत होगी.

राजमहल विधायक बीजेपी प्रत्याशी अनंत ओझा का क्या है कहना
राजमहल निवर्तमान विधायक बीजेपी प्रत्याशी ने भी दावा किया है कि राजमहल विधानसभा क्षेत्र में जितना बीजेपी के कार्यकाल में काम हुआ है. उतना पूर्व में किसी प्रत्याशी ने काम नहीं किया है. राजमहल विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछा है. इस क्षेत्र में लोगों को अब 22 घंटे बिजली मिल रही है. राजमहल में हमारे कार्यकाल में ही ग्रेड का निर्माण हुआ है. शिक्षा के क्षेत्र में कॉलेज खुल रहे हैं. रोजगार की दिशा में भी काम हुआ है. बंदरगाह का उद्घाटन होने से परोक्ष और अपरोक्ष रूप से लोगों को रोजगार मिलेगा. गंगापुल का शिलान्यास हो चुका है बहुत जल्द टेंडर होने जा रहा है और यह भी काम पूरा हो जाएगा. बीजेपी प्रत्याशी ने कहा कि 5 साल जिस उम्मीद पर जनता और पार्टी के आला अधिकारी ने मुझ पर जिस उम्मीद पर विश्वास किया था, अब भी करके प्रत्यशी बनाया है. उस पर मैंने खड़ा उतरा हूं और इस चुनाव में दुबारा जीत हासिल होती है जो अधूरे काम है उन्हें मैं पूरा करूंगा.


बात दें कि, इस सीट पर अंतिम यानी पांचवे चरण में चुनाव होना है. जिसके लिए लगाता बड़े नेताओं का क्षेत्र में प्रचार-प्रसार के लिए आने का दौर शुरू हो चुका है. राहुल गांधी, हेमंत सोरेन, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मोदी भी इस सूची में हैं. अब देखना दिलचस्प होगा की जनता किसकी झोली में जीत का खिताब डालती है.

साहिबगंजः जिले के तीनों विधानसभा सीट पर आगामी 20 दिसंबर को चुनाव होना है. चुनावी सरगर्मी तेज हो चुकी है. सभी पार्टी के स्टार प्रचारक साहिबगंज में प्रचार-प्रसार के लिए आने लगे हैं. सभी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर इस सीट पर जीत हासिल करना चाहता हैं, लेकिन राजमहल क्षेत्र का विकास हुआ भी है कि नहीं, ये किसी ने जानने की कोशिश नहीं की. आज भी यहां की जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. शिक्षा, स्वास्थ, पानी और रोजगार के आस में यहां की जनता टकटकी लगाए राह देख रही है.

देखें पूरील खबर

राजमहल ऐतिहासिक मायनों में भी महत्वपूर्ण
राजमहल शब्द से ही ऐसा लगता है कि यहां लोग राजा-महाराजा की तरह रहते होंगे. इस क्षेत्र का पुराना इतिहास भी है. मुगल शाशन काल में बंगाल की राजधानी राजमहल हुआ करता था. मुगल शासक के कार्यकाल के यहां पर कई ऐतिहासिक भवन देखने को मिलते हैं. आज भी देखने को मिलता है राजमहल विधानसभा क्षेत्र में उधवा पक्षी अभ्यारण झील भी है, जहां प्रवासी पक्षियों का आना शीत ऋतु में शुरू हो जाता है. विदेशी सैलानियों का आना भी लगातार जारी रहता है, लेकिन जिस रफ्तार से राजमहल विधानसभा क्षेत्र का विकास होना चाहिए. उस अनुपात में विकास नहीं हो पाया. आज भी राजमहल मेन रेलवे लाइन से कोसों दूर है. यहां शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए लोग बिहार के भागलपुर जिला और बंगाल के मालदा जिला पर निर्भर है. रोजगार नहीं मिलने पर यहां के लोग अक्सर दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं.


बीजेपी का गढ़ राजमहल
राजमहल विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ है. हालांकि इस सियासत में कांग्रेस भी इस सीट पर कई बार कब्जा कर चुका है, लेकिन जेएमएम से गठबंधन करने के बाद कांग्रेस लगातार इस सीट को जेएमएम की झोली में दे देती है. जिस वजह से कांग्रेस की पकड़ इस सीट पर कमजोर पड़ती गई. वहीं, जेएमएम लगातार बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रही है. 2014 के चुनाव की बात करें बीजेपी की इस सीट से जीत भले ही हो गई हो, लेकिन जेएमएम ने बीजेपी से सिर्फ 702 वोटों से ही हारी थी. राजमहल विधानसभा सीट पर इस बार फिर बीजेपी और जेएमएम के बीच कड़ी टक्कर होने जा रही है. हालांकि, बीजेपी से आजसू का गठबंधन टूटने के बाद आजसू भी इस सीट पर जीत का दावा कर रहे हैं. इसके साथ ही राजमहल विधानसभा सीट पर इस बार 23 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा जा रहे हैं.


जेएमएम प्रत्याशी केताबुद्दीन शेख का क्या है कहना
वहीं, महागठबंधन से जेएमएम प्रत्याशी केताबुद्दीन शेख का दावा है कि राजमहल के चरवाहा मैदान में जिस तरह से राहुल गांधी और हेमंत सोरेन की जनसभा में लोगों की भीड़ का सैलाब उमड़ा था, उससे ये साबित होता है कि बीजेपी इस रेस में दूर-दूर तक नहीं है. उनका कहना है कि इस बार भारी बहुमत से बीजेपी को हराकर जेएमएम ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगी. जब केताबुद्दीन से विकास के बारे में पूछा गया तो, उन्होंने कहा कि राज्य में जिस तरह से स्कूल बंद हो रहे हैं और शराब की दुकाने खुल रही हैं, उससे ये साफ समझ आ रहा है कि ये विकास नहीं बल्कि विनाश हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार झारखंड में महागठबंधन की सरकार बनेगे जा रही है, जिसके बाद क्षेत्र में सिर्फ विकास की धारा बहेगी.

ये भी पढ़ें-धनबाद में कांग्रेस-जेएमएम पर गरजे पीएम मोदी, कहा- खुद महल बना, लोगों को झोपड़ियों में रहने को किया मजबूर


आजसू प्रत्याशी एमटी राजा का क्या है कहना
आजसू प्रत्याशी एमटी राजा ने भी जीत का दावा किया है. हालांकि, पिछली बार 2014 में इन्होंने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन इस बार जेएमएम से टिकट नहीं मिलने के बाद वह पार्टी से बागी हो गए और आजसू में चले गए. राजा का कहना है कि इस सीट पर कई स्टार प्रचारक हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, इस बार सिर्फ आजसू की ही जीत होगी.

राजमहल विधायक बीजेपी प्रत्याशी अनंत ओझा का क्या है कहना
राजमहल निवर्तमान विधायक बीजेपी प्रत्याशी ने भी दावा किया है कि राजमहल विधानसभा क्षेत्र में जितना बीजेपी के कार्यकाल में काम हुआ है. उतना पूर्व में किसी प्रत्याशी ने काम नहीं किया है. राजमहल विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछा है. इस क्षेत्र में लोगों को अब 22 घंटे बिजली मिल रही है. राजमहल में हमारे कार्यकाल में ही ग्रेड का निर्माण हुआ है. शिक्षा के क्षेत्र में कॉलेज खुल रहे हैं. रोजगार की दिशा में भी काम हुआ है. बंदरगाह का उद्घाटन होने से परोक्ष और अपरोक्ष रूप से लोगों को रोजगार मिलेगा. गंगापुल का शिलान्यास हो चुका है बहुत जल्द टेंडर होने जा रहा है और यह भी काम पूरा हो जाएगा. बीजेपी प्रत्याशी ने कहा कि 5 साल जिस उम्मीद पर जनता और पार्टी के आला अधिकारी ने मुझ पर जिस उम्मीद पर विश्वास किया था, अब भी करके प्रत्यशी बनाया है. उस पर मैंने खड़ा उतरा हूं और इस चुनाव में दुबारा जीत हासिल होती है जो अधूरे काम है उन्हें मैं पूरा करूंगा.


बात दें कि, इस सीट पर अंतिम यानी पांचवे चरण में चुनाव होना है. जिसके लिए लगाता बड़े नेताओं का क्षेत्र में प्रचार-प्रसार के लिए आने का दौर शुरू हो चुका है. राहुल गांधी, हेमंत सोरेन, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मोदी भी इस सूची में हैं. अब देखना दिलचस्प होगा की जनता किसकी झोली में जीत का खिताब डालती है.

Intro:राजमहल का कौन होगा राजा। राजमहल विधानसभा सीट पर बीजेपी और जेएमएम के बीच सीधी टक्कर। सभी ने किए जीत का दावा।
ताजमहल राजमहल विधानसभा सीट पर इस बार 23 उम्मीदवार खड़ा है लेकिन या सीट पर जेएमएम और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर है हालांकि आजसू भी को भी कम आंका नहीं जा सकता।
आजसू से लड़ रहे एमटी राजा का ब्यक्तिगत वोट है।
यह सीट बीजेपी का गढ़ है इस सीट पर इस बार लड़ाई दिलचस्प हो चुकी है लगातार बड़े नेताओं का आने का दौर चालू है राहुल गांधी ,हेमंत सोरेन ,,नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री तक 20 दिसंबर के पहले आने का शेड्यूल तैयार हो चुकी है सभी पार्टी इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए जी जान लगा चुकी है।


Body:राजमहल का कौन होगा राजा। राजमहल विधानसभा सीट पर बीजेपी और जेएमएम के बीच सीधी टक्कर। सभी ने किए जीत का दावा।
स्टोरी-साहिबगंज-- साहिबगंज के तीनों विधानसभा सीट पर आगामी 20 दिसंबर को चुनाव होने जा रहा है चुनावी सरगर्मी तेज हो चुकी है सभी पार्टी के स्टार प्रचारक साहिबगंज आना चालू हो गया है सभी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर हर कोई इस सीट पर जीत हासिल करना चाहता है लेकिन राजमहल क्षेत्र का कितना विकास हुआ यह किसी ने जानने का प्रयास नहीं किया। आज भी यहां की जनता मूलभूत सुविधा से वंचित है शिक्षा, स्वास्थ, पानी और रोजगार के आश में यहां की जनता टकटकी लगाए राह देख रही है।
राजमहल शब्द से ही ऐसा लगता है कि यहां के लोग काफी ठाट बाट से रहते होंगे यहां राजाओं का महल होगा। जानकारी के लिए बतादूँ की मुगल शाशन काल मे बंगाल का राजधानी राजमहल हुआ करता था। मुगल शासक के कार्यकाल में यहां पर कई ऐतिहासिक भवन देखने को मिलता है जामा मस्जिद हो यासीन ही देना राजा मानसिंह के द्वारा बनाया गया आज भी देखने को मिलता है राजमहल विधानसभा क्षेत्र में उधवा पक्षी अभ्यारण झील भी है जहां प्रवासी पक्षियों का आना शीत ऋतु में चालू हो जाता है विदेशी सैलानियों का आना भी लगातार जारी रहता है लेकिन जिस रफ्तार से राजमहल विधानसभा क्षेत्र का विकास होना चाहिए उस अनुपात में विकास नहीं हो पाया आज भी राजमहल मैन रेलवे लाइन से कोसों दूर है आज भी यहां शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए लोग बिहार के भागलपुर जिला और बंगाल के मालदा जिला पर निर्भर है रोजगार नहीं मिलने पर यहां के लोग अक्सर दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं।
राजमहल विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ है हालांकि इन सियासत में कांग्रेश भी इस सीट पर कई बार कब्जा कर चुका है लेकिन जेएमएम से गठबंधन करने के बाद कांग्रेस लगातार या सीट जेएमएम की झोली में दे देती है और कांग्रेसी इस सीट पर कमजोर होती चली गई और जेएमएम लगातार बीजेपी को कड़ी टक्कर देते रहा है और यह सीट पर बहुत कम वोट से हार जीत होती है। 2014 के चुनाव की बात करें तो जेएमएम प्रत्याशी एमटी राजा ने बीजेपी प्रत्याशी अनंत ओझा को कड़ी टक्कर देते हुए 702 वोट से जेएमएम हार चुका था।
राजमहल विधानसभा सीट पर इस बार फिर बीजेपी और जेएमएम के बीच कड़ी टक्कर होने जा रही है हालांकि बीजेपी से आजसू का गठबंधन टूटने के बाद आजसू भी इस सीट पर जीत का दावा कर रहे हैं इसके साथ ही राजमहल विधानसभा सीट पर इस बार 23 उम्मीदवार अपना किस्मत आजमा रहे हैं।
महागठबंधन जेएमएम प्रत्याशी किताबुदिन शेख का दावा है कि राजमहल के चरवाहा मैदान में महागठबंधन का स्टार प्रचारक राहुल गांधी और हेमंत सोरेन के आने से जिस तरह जन सैलाब उमड़ा अब ऐसा लगता है कि इस सीट पर जेएमएम की जीत अवश्य होगी और बीजेपी से टक्कर दूर की बात कहीं दूर दूर तक नजर नहीं आ रही है ।2014 में जिस तरह जेएमएम कम वोट से हार स्वीकार किया था इस बार भारी बहुमत से बीजेपी को हराकर जेएमएम ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगी।
विकास के बारे में पूछा गया तो कहा कि जिस राज्य में स्कूल बंद हो रहा हो शराब की दुकानें खुल रही हो यह विकास नहीं हो रहा है विनाश हो रहा है।इस बार झारखंड में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है और इस सीट पर हमारे जीतने के बाद विकास की धारा बहेगी।
बाइट-- किताबुदिन शेख उर्फ भुट्टू, राजमहल जेएमएम प्रत्यशी
आजसू प्रत्याशी एमटी राजा ने भी जीत का दावा किया है हालांकि पिछली बार 2014 में एम टी राजा जेएमएम के टिकट पर बीजेपी को कड़ी टक्कर दिया था लेकिन इस बार जेएमएम से टिकट नहीं मिलने पर आजसू से टिकट लेकर एमटी राजा भी जीत का दावा कर रहे हैं आजसू प्रत्याशी ने कहा कि राजमहल सीट पर कई स्टार प्रचारक आ रहे है। लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ेगा हम जमीन को पकड़कर चल रहे हैं और इस सीट पर आजसू की जीत अवश्य होगी।
बाइट-- एमटी राजा, आजसू प्रत्यशी
राजमहल निवर्तमान विधायक भाजपा प्रत्याशी ने भी दावा किया है कि राजमहल विधानसभा क्षेत्र में जितना बीजेपी के कार्यकाल में काम हुआ है उतना पूर्व में किसी प्रत्याशी ने काम नहीं किया है। राजमहल विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछा है इस क्षेत्र में लोगों को अब 22 घंटे बिजली मिल रही है राजमहल में हमारे कार्यकाल में ही ग्रेड का निर्माण हुआ है। शिक्षा के क्षेत्र में कॉलेज खुल रहे हैं। रोजगार की दिशा में भी काम हुआ है बंदरगाह का उद्घाटन होने से परोक्ष और अपरोक्ष रूप से लोगों को रोजगार मिलेगा। गंगापुल का शिलान्यास हो चुका है बहुत जल्द टेंडर होने जा रहा है और यह भी काम पूरा हो जाएगा। भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि 5 साल जिस उम्मीद पर जनता और पार्टी के आला अधिकारी ने मुझ पर जिस उम्मीद पर विश्वास किया था अब भी करके प्रत्यशी बनाया है उस पर मैंने खड़ा उतरा हूं और इस चुनाव में दुबारा जीत हासिल होती है जो अधूरे काम है उन्हें मैं पूरा करूंगा ।
बाइट-- अनंत ओझा,राजमहल भाजपा प्रत्याशी


Conclusion:झारखंड राज्य का यह राजमहल विधानसभा सीट काफी दिलचस्प रहता है क्योंकि इस सीट पर सीधा टक्कर हिंदू और मुस्लिम के बीच होने लगता है प्रत्याशी जैसा भी हो मुस्लिम महागठबंधन प्रत्याशी को ही वोट देता है मुस्लिम समुदाय का एक ही सोच होता है जो प्रत्याशी बीजेपी को हरा रहा हो उसे वोट देंगे और हिंदू समुदाय का एक सोच हो जाता है कि हम हिंदू कैंडिडेट को ही जिताएंगे चाहे जैसा भी हो।
यह सीट मतदान और मतगणना के दिन कभी सेंसेटिव हो जाता है हिन्दू और मुस्लिम के बीच दंगा होने की संभावना बनी रहती है। इस सीट पर 5 वा और अंतिम चरण में मतदान होने जा रहा है।
Last Updated : Dec 13, 2019, 3:28 PM IST
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