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अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस: बेसहारा बुजुर्गों के जीने का सहारा बना स्नेह स्पर्श, एक दूसरे की मदद कर खुशी-खुशी बिता रहे जिंदगी

साहिबगंज का स्नेह स्पर्श वृद्ध आश्रम बुजुर्गों के जीने का सहारा बना है. कोई अपनों के द्वारा सताए हुए हैं तो किसी की कोई संतान नहीं है. कोई दिव्यांग है तो किसी ने अपना दिमागी संतुलन को दिया है. सभी यहां एक दूसरे की मदद कर खुशी-खुशी जिंदगी बिता रहे हैं.

international old age day
अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस
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Published : Oct 1, 2021, 2:04 PM IST

साहिबगंज: आज(1 अक्टूबर) अंतरराष्ट्रीय वृद्धा दिवस है. जिले में चल रहा स्नेह स्पर्श(वृद्ध आश्रम) बुजुर्गों का जीने का सहारा बन गया है. आज यह होम नहीं रहता तो शायद बेसहारा, बेबस और लाचार बुजुर्गों की जिंदगी काफी दिक्कत भरी होती.

यह भी पढ़ें: गुलाब तूफान का असर: SNMMCH के आईसीयू वार्ड में भरा पानी, मरीजों को हो रही भारी परेशानी

21 बुजुर्ग हैं आश्रम में

जिले के बड़ी झरना के पास 24 बेड का वृद्ध आश्रम बना है. इसकी शुरुआत वर्ष 2019 में हुई थी. अभी वर्तमान में 21 बुजुर्ग रह रहे हैं. इस वृद्ध आश्रम को जीपीवीएस नाम की संस्था चलाती है. समाज कल्याण विभाग इसकी मॉनिटरिंग करता है. ईटीवी भारत की टीम ने जब बुजुर्गों से बात की तो पता चला कि कोई अपनों के द्वारा सताए हुए हैं तो किसी की कोई संतान नहीं है. कोई दिव्यांग है तो किसी ने अपना दिमागी संतुलन को दिया है.

देखें पूरी खबर

बुजुर्गों के लिए सभी सुविधाएं

बुजुर्गों ने बताया कि वृद्ध आश्रम अगर नहीं रहता तो कब का दम तोड़ चुके होते. हर सुख-सुविधा यहां उपलब्ध है. समय पर भोजन मिलता है. बिजली है और मनोरंजन करने के लिए एक टीवी भी लगाया गया है. सुबह में नाश्ता, दोपहर और रात में भोजन मिलता है. यहां किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है. यहां के सभी स्टाफ अच्छे हैं. समय-समय पर मेडिकल टीम भी आकर स्वास्थ्य जांच करती है.

वृद्धाश्रम के इंचार्ज ने बताया कि सभी बुजुर्ग स्वस्थ्य और निरोग हैं. समय-समय पर इनका स्वास्थ्य जांच कराया जाता है. समाजसेवी अपना और अपने बच्चों का बर्थडे बुजुर्गों के बीच मनाते हैं. लोग अपनी खुशी बुजुर्गों के बीच बांटते हैं. जिला प्रशासन का भी सहयोग काफी सराहनीय रहता है. यही वजह है कि सारे बुजुर्ग खुशहाल हैं.

साहिबगंज: आज(1 अक्टूबर) अंतरराष्ट्रीय वृद्धा दिवस है. जिले में चल रहा स्नेह स्पर्श(वृद्ध आश्रम) बुजुर्गों का जीने का सहारा बन गया है. आज यह होम नहीं रहता तो शायद बेसहारा, बेबस और लाचार बुजुर्गों की जिंदगी काफी दिक्कत भरी होती.

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21 बुजुर्ग हैं आश्रम में

जिले के बड़ी झरना के पास 24 बेड का वृद्ध आश्रम बना है. इसकी शुरुआत वर्ष 2019 में हुई थी. अभी वर्तमान में 21 बुजुर्ग रह रहे हैं. इस वृद्ध आश्रम को जीपीवीएस नाम की संस्था चलाती है. समाज कल्याण विभाग इसकी मॉनिटरिंग करता है. ईटीवी भारत की टीम ने जब बुजुर्गों से बात की तो पता चला कि कोई अपनों के द्वारा सताए हुए हैं तो किसी की कोई संतान नहीं है. कोई दिव्यांग है तो किसी ने अपना दिमागी संतुलन को दिया है.

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बुजुर्गों के लिए सभी सुविधाएं

बुजुर्गों ने बताया कि वृद्ध आश्रम अगर नहीं रहता तो कब का दम तोड़ चुके होते. हर सुख-सुविधा यहां उपलब्ध है. समय पर भोजन मिलता है. बिजली है और मनोरंजन करने के लिए एक टीवी भी लगाया गया है. सुबह में नाश्ता, दोपहर और रात में भोजन मिलता है. यहां किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है. यहां के सभी स्टाफ अच्छे हैं. समय-समय पर मेडिकल टीम भी आकर स्वास्थ्य जांच करती है.

वृद्धाश्रम के इंचार्ज ने बताया कि सभी बुजुर्ग स्वस्थ्य और निरोग हैं. समय-समय पर इनका स्वास्थ्य जांच कराया जाता है. समाजसेवी अपना और अपने बच्चों का बर्थडे बुजुर्गों के बीच मनाते हैं. लोग अपनी खुशी बुजुर्गों के बीच बांटते हैं. जिला प्रशासन का भी सहयोग काफी सराहनीय रहता है. यही वजह है कि सारे बुजुर्ग खुशहाल हैं.

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