साहिबगंजः जिला में अवैध माइनिंग पर ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है. इसी को लेकर साहिबगंज में ईडी की टीम तीन दिन तक रही, जिसके आखिरी दिन शुक्रवार को ईडी ने अवैध उत्खनन से जुड़े दस्तावेज साहिबगंज डीसी और एसपी को सौंपकर रांची लौट गयी.
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ईडी की टीम तीन दिवसीय दौरे पर साहिबगंज में थी. शुक्रवार देर शाम जिला एसपी और उपायुक्त से मिलकर जरूरी कागजात थमाकर वापस रांची लौट गई. इस टीम अपने तीन दिवसीय दौरे पर महादेवगंज स्थित मारीकुटी पहाड़ पर व्यवसायी आलोक रंजन सहित अन्य के अवैध खनन की मापी की. साथ ही साथ जिलेबिया घाटी पर भी अवैध खनन का निरीक्षण किया. इस बार दो से तीन नए पत्थर व्यवसायियों का नाम सामने उजागर हुए हैं. ईडी की टीम इन व्यवसायियों के खदानों पर विशेष रूप से छापेमारी की. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि ईडी इन व्यवसायियों को जल्द समन कर पूछताछ के लिए रांची बुला सकती है.
साहिबगंज में ईडी की टीमः ईडी के मुताबिक पत्थर व्यवसायी आलोक रंजन सहित अन्य लोग मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के काफी नजदीकी हैं, अवैध खनन में ये लोग काफी महारत हासिल कर ली है, इनके द्वारा लीज से अधिक पत्थर खनन किया गया है. यहां तक कि वन विभाग के जमीन पर भी अवैध खनन किया है. हाल ही में वन विभाग ने आलोक रंजन पर एफआईआर दर्ज करायी है. ईडी का मानना है कि विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा आज भी जेल के अंदर से इन व्यवसायियों का मॉनिटरिंग कर रहा है, आज भी उसके आदेश का पालन साहिबगंज में किया जा रहा है.
अपने तीन दिवसीय दौरे में ईडी द्वारा जमा किए गए तमाम रिपोर्ट्स की कॉपी उपायुक्त और पुलिस कप्तान को देखकर कार्रवाई करने का आदेश देकर चली गई है. अब ईडी अपनी सर्वे की रिपोर्ट एनजीटी कोर्ट को भी सौंपने की तैयारी कर रही है. ईडी के तीन दिवसीय दौरे से साहिबगंज में पत्थर व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया था. ईडी की धमक से जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन की नींद उड़ गई थी. शुरुआती दिन खनन कार्यालय में छापा मारकर जरूरी दस्तावेज हासिल की थी.