रांची: बसंत ऋतु में आम के पेड़ मंजर से लदे हुए हैं और इस बार खूब आम आएगा, लेकिन लीची के पेड़ों में अभी तक फूल नहीं आए हैं. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के उद्यानिकी विभाग के HoD डॉ संयत मिश्रा ने राज्य में इस बार आम की बंपर पैदावार होने का अनुमान लगाया है. वहीं लीची का उत्पादन लगातार दूसरे वर्ष भी खराब रहने की संभावना व्यक्त की है.
तापमान के उतार चढ़ाव की वजह से लीची को नुकसान
डॉ संयत मिश्रा ने बताया कि तापमान में जल्दी-जल्दी उतार-चढ़ाव का खराब असर लीची के फ्लॉवरिंग पर पड़ा है और अभी तक ज्यादातर लीची के पेड़ में फूल भी नहीं आये हैं. डॉ संयत मिश्रा ने बताया कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU), राज्य में लीची की फसल को लेकर इस उम्मीद में है कि आने वाले दिनों में लीची में भी फ्लॉवरिंग हो.
मधुआ या मिलीबग से आम के मंजर को बचाएं किसान- डॉ एस. सेनगुप्ता
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ एस सेन गुप्ता ने इस बात पर खुशी जताई है कि इस बार आम के पेड़ मंजर से लदे हैं, लेकिन इन मंजर से फ्रुटिंग भी हो इसके लिए जरूरी है कि किसान भाई आम के पेड़ों पर लगे मंजर को मधुआ या मिलीबग से बचाएं.
डॉ एस सेन गुप्ता ने कहा कि मंजर लगे आम के पेड़ के पत्तों पर चमक जैसा दिखे तो उसे मधुआ समझ कर उपचार करना चाहिए. उन्होंने बताया कि इन दिनों मधुआ या मिलीबग ये दोनों ही तरह के कीड़े फसलों की पत्तियों, कोमल डंठलों और पुष्प कलियों के रस को भारी मात्रा में चूस डालते हैं जिस वजह से फ्रुटिंग और उपज का नुकसान होता है.
इससे बचाव के लिए किसान अपने बागों में मंजर लगे पेड़ पर कीटनाशी का छिड़काव कराएं. इसकी अधिक जानकारी के लिए किसान बिरसा कृषि विश्वविद्यालय या अपने प्रखंड अथवा जिला कृषि पदाधिकारी से भी सम्पर्क कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें:
आम की पत्तियों से गायब हो जाएगा शरीर में जमा मोटापा, शुगर होगी कंट्रोल, कैंसर भी थमेगा - Mango Leaves Health Benefits
कभी इजरायली विधि खेती का उड़ाते थे मजाक, आज इलाके के किसान हो रहे हैं प्रेरित
कैसे हुई आम की उत्पत्ति, क्या कहते हैं प्रमाण, जाने... Beyond the Plate