ETV Bharat / state

साहिबगंजः नगर परिषद का कुड़ादान महज दो साल में बना कबाड़, गुणवत्ता पर उठा सवाल

साहिबगंज में लोग सड़क पर कूड़ा न फेंके इसके लिए बड़े पैमाने पर नगर परिषद ने लोहे के चादर का बना कुड़ादान रखा, लेकिन ये महज दो वर्ष में ही कबाड़ हो गया.

dustbin by city council turned into junk in sahibganj
कुड़ादान महज दो साल में बना कबाड़
author img

By

Published : Dec 26, 2020, 2:06 PM IST

साहिबगंजः झारखंड का सुदूरवर्ती और पिछड़ा जिला साहिबगंज है. पिछड़ेपन को लेकर केंद्र सरकार ने इसे आकांक्षी जिला घोषित किया है. प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपया जिला प्रशासन को मिलता है ताकि हर क्षेत्र में विकास हो सके. इसी कड़ी में शहर को साफ सुथरा रखने के लिए गली मोहल्लों के साथ चौक चौराहों पर लोहे के चादर का बना कुड़ादान रखा गया था, ताकि शहरवासी कचरा इस कूड़ेदानी में डाल सके, लेकिन महज दो वर्ष में ही यह कूड़ादान कबाड़ हो गया.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- जमशेदपुरः झारखंड आंदोलनकारी निर्मल महतो को सीएम सोरेन ने दी श्रद्धांजलि, केंद्र सरकार पर जमकर बरसे

बृहत पैमाने पर कुड़ेदानी की खरीदारी
नगरपालिका की ओर से टेंडर की प्रकिर्या के तहत बृहत पैमाने पर कुड़ेदानी की खरीदारी हुई. इसे शहर के गली-मोहल्लों और चौक चौराहों पर लगाया गया. ताकि लोग कूड़ा को सड़क पर न फेंके, लेकिन यह महज दो साल में ही कबाड़ हो गया. नगर परिषद की ओर से खरीदे गए इस कुड़ेदानी की खरीदारी पर सवाल उठ रहे हैं. सफाई कर्मियों का कहना है कि यह दो साल भी नहीं चल पाया है. कुछ रिपेयरिंग के लिए गए है, लेकिन अधिकांश खराब हो चुके है.

साहिबगंजः झारखंड का सुदूरवर्ती और पिछड़ा जिला साहिबगंज है. पिछड़ेपन को लेकर केंद्र सरकार ने इसे आकांक्षी जिला घोषित किया है. प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपया जिला प्रशासन को मिलता है ताकि हर क्षेत्र में विकास हो सके. इसी कड़ी में शहर को साफ सुथरा रखने के लिए गली मोहल्लों के साथ चौक चौराहों पर लोहे के चादर का बना कुड़ादान रखा गया था, ताकि शहरवासी कचरा इस कूड़ेदानी में डाल सके, लेकिन महज दो वर्ष में ही यह कूड़ादान कबाड़ हो गया.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- जमशेदपुरः झारखंड आंदोलनकारी निर्मल महतो को सीएम सोरेन ने दी श्रद्धांजलि, केंद्र सरकार पर जमकर बरसे

बृहत पैमाने पर कुड़ेदानी की खरीदारी
नगरपालिका की ओर से टेंडर की प्रकिर्या के तहत बृहत पैमाने पर कुड़ेदानी की खरीदारी हुई. इसे शहर के गली-मोहल्लों और चौक चौराहों पर लगाया गया. ताकि लोग कूड़ा को सड़क पर न फेंके, लेकिन यह महज दो साल में ही कबाड़ हो गया. नगर परिषद की ओर से खरीदे गए इस कुड़ेदानी की खरीदारी पर सवाल उठ रहे हैं. सफाई कर्मियों का कहना है कि यह दो साल भी नहीं चल पाया है. कुछ रिपेयरिंग के लिए गए है, लेकिन अधिकांश खराब हो चुके है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.