साहिबगंज: जिले में शहरी पेयजल आपूर्ति योजना 2013 से चल रही है. हेमंत सरकार के 14 महीने के कार्यकाल में इस योजना की शुरुआत हुई थी. वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस योजना का शिलान्यास किया था लेकिन, आज तक यह योजना पूरी नहीं हो सकी है. इस योजना के शुरु होने से लोगों में एक आस जगी थी कि अब घर-घर शुद्ध पेयजल नलकूप के माध्यम से मिल पाएगा और आर्सेनिक युक्त पानी से मुक्ति मिलेगी, लेकिन, इस योजना की रफ्तार काफी धीमी है.
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गर्मी आते ही शुरू हुई पेयजल की समस्या
गर्मी दस्तक दे चुकी है और पेयजल की समस्या भी शुरू हो गई है. भूमिगत जल का स्तर हर दिन नीचे गिर रहा है. लोगों को पीने के पानी को लेकर दिक्कत हो रही है. ऐसा लग रहा है कि इस गर्मी में भी शहरवासियों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पाएगा. शहरी पेयजल आपूर्ति योजना वर्तमान में गंगा किनारे इंटकवेल की समस्या के कारण उत्पन्न हुई है.
जमीन अधिग्रहण के चलते अटकी योजना
इस योजना में एनओसी मिलने के बाद मामला जमीन अधिग्रहण को लेकर अटका है. गंगा के किनारे इंटकवेल बनाने की योजना तैयार की गई है. इसके लिए पेयजल आपूर्ति विभाग की तरफ से भूमि अधिग्रहण कर जमीन मुहैया कराने के लिए फाइल भूमि संरक्षण विभाग को दी गई है. लेकिन, अभी तक सरकारी प्रक्रिया की धीमी गति से शहरी पेयजल आपूर्ति योजना रुक गई है.
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पदाधिकारी ने कहा कि पाइप बिछाने का काम किया जा रहा है. 90 प्रतिशत से अधिक काम हो चुका है. बस इंटकवेल के निर्माण होने के साथ ही जिलेवासियों को शुद्ध पेयजल मिल सकेगा.