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गंगा में समाई किसानों की पांच हजार एकड़ जमीन, विस्थापितों को मिलेगा घर और दो कट्ठा जमीन

गंगा नदी का जलस्तर (Ganga water level Sahibganj )घटने के साथ ही साहिबगंज में गंगा कटान तेज हो गया है. कुछ ही दिनों में पांच हजार एकड़ जमीन नदी में समा गई है. चानन गांव में कटान से दुर्घटना के अंदेशे को देखते हुए प्रशासन गांव खाली करने की अपील कर रहा है. उसका यह भी कहना है कि विस्थापितों को घर और दो कट्ठा जमीन दी जाएगी (Displaced people will get house and two kattha land).

Ganga water level Sahibganj decreasing Ganga butte cutting intensified
साहिबगंज में गंगा कटान तेज
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Published : Oct 8, 2022, 5:59 PM IST

साहिबगंज: गंगा नदी का जलस्तर (Ganga water level Sahibganj ) घटने के साथ एक बार फिर से गंगा में कटान तेज हो गया है. बुधवार रात गंगा के करार से करीब 80 फीट तक की नई जमीन गंगा में समा गई. अब नदी की धारा कोना गांव की तरफ मुड़ चुकी है. फिलहाल अब तक तीन सौ एकड़ जमीन गंगा में समा चुकी है. इधर, ग्रामीणों को डर सता रहा है कि दर्जनों घर गंगा की गोद में न समा जाएं. इधर खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने लोगों को घर खाली करने का आदेश दिया है. साथ ही विस्थापितों को घर और दो कट्ठा जमीन दिलाने का विश्वास दिलाया है (Displaced people will get house and two kattha land).

ये भी पढ़ें-बिहार: हर साल बहा ले जाती है बाढ़... बचाने के लिए ये है सरकार का मास्टर प्लान

स्थानीय लोगों ने बताया कि चानन सहित मदनशाही, कबूतरखोपी सहित अन्य टोले गंगा कटान की चपेट में हैं. चानन गांव नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नं 24 में पड़ता है. हालांकि आशियाने से लगाव के कारण ग्रामीण घर खाली नहीं कर रहे हैं. कौतुक प्रसाद तांती का कहना है कि घर के पांच-पांच छह-छह सदस्यों, बच्चों, बुजुर्गों और मवेशियों को लेकर कहां जाएं. लेकिन जिला प्रशासन माइक से घर खाली करने के लिए लोगों को सलाह दे रहा है. इस बीच अब तक गंगा कटान से खेती लायक करीब पांच हजार एकड़ जमीन गंगा में समा चुकी है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि प्रशासन घर दे तभी हम शिफ्ट होंगे.

देखें पूरी खबर
वहीं, उषा देवी का कहना है कि सबसे अधिक डर तब लगा, जब 80 फिट जमीन का टुकड़ा गंगा में समा गया. अभी गंगा नदी की धारा कोना गांव की तरफ मुड़ चुकी है. एक बार फिर कटान हुआ तो कई घर भी नदी में समा जाएंगे. इससे लोगों के भी गंगा में समाने का खतरा है. उनके घर से करीब 25 से 30 फिट की दूरी पर ही गंगा में कटान हो रहा है. जमीन में दरार पैदा हो गई है. उनके घर के पास ही पानी का जलस्तर दो बांस के आसपास है. जिला प्रशासन को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए.वहीं, मोजमी देवी ने कहा कि एक-एक पैसा जमाकर खून पसीने की कमाई से आशियाना बनाया था. रात दिन चिंता सता रहा है, कुछ बाबू साहब लोग आते हैं घूम फिर कर चले जाते हैं. सिर्फ सांत्वना मिलता है. गंगा कटाव रोधी कार्य भी होना चाहिए. हम लोगों को मुआवजा दिया जाए.चानन गांव में कटान पर प्रशासन का वादाः इधर उपायुक्त राम निवास यादव ने कहा है कि गंगा नदी का जलस्तर घटने के साथ चानन गांव सहित अन्य टोले गंगा कटान की चपेट में हैं. एसडीओ को सर्वे कराने का आदेश दिया गया है. जरूरत पड़ी तो गांव में कैंप लगाकर राहत दी जाएगी. जिला प्रशासन पूरी तरह नजर बनाए है. जो भी विस्थापित परिवार हैं, उनको बना बनाया घर और दो कट्ठा जमीन दी जाएगी. गंगा कटान हो रहा है, ग्रामीणों से अपील की जाती है कि रात के समय घर में न सोएं.

साहिबगंज: गंगा नदी का जलस्तर (Ganga water level Sahibganj ) घटने के साथ एक बार फिर से गंगा में कटान तेज हो गया है. बुधवार रात गंगा के करार से करीब 80 फीट तक की नई जमीन गंगा में समा गई. अब नदी की धारा कोना गांव की तरफ मुड़ चुकी है. फिलहाल अब तक तीन सौ एकड़ जमीन गंगा में समा चुकी है. इधर, ग्रामीणों को डर सता रहा है कि दर्जनों घर गंगा की गोद में न समा जाएं. इधर खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने लोगों को घर खाली करने का आदेश दिया है. साथ ही विस्थापितों को घर और दो कट्ठा जमीन दिलाने का विश्वास दिलाया है (Displaced people will get house and two kattha land).

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स्थानीय लोगों ने बताया कि चानन सहित मदनशाही, कबूतरखोपी सहित अन्य टोले गंगा कटान की चपेट में हैं. चानन गांव नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नं 24 में पड़ता है. हालांकि आशियाने से लगाव के कारण ग्रामीण घर खाली नहीं कर रहे हैं. कौतुक प्रसाद तांती का कहना है कि घर के पांच-पांच छह-छह सदस्यों, बच्चों, बुजुर्गों और मवेशियों को लेकर कहां जाएं. लेकिन जिला प्रशासन माइक से घर खाली करने के लिए लोगों को सलाह दे रहा है. इस बीच अब तक गंगा कटान से खेती लायक करीब पांच हजार एकड़ जमीन गंगा में समा चुकी है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि प्रशासन घर दे तभी हम शिफ्ट होंगे.

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वहीं, उषा देवी का कहना है कि सबसे अधिक डर तब लगा, जब 80 फिट जमीन का टुकड़ा गंगा में समा गया. अभी गंगा नदी की धारा कोना गांव की तरफ मुड़ चुकी है. एक बार फिर कटान हुआ तो कई घर भी नदी में समा जाएंगे. इससे लोगों के भी गंगा में समाने का खतरा है. उनके घर से करीब 25 से 30 फिट की दूरी पर ही गंगा में कटान हो रहा है. जमीन में दरार पैदा हो गई है. उनके घर के पास ही पानी का जलस्तर दो बांस के आसपास है. जिला प्रशासन को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए.वहीं, मोजमी देवी ने कहा कि एक-एक पैसा जमाकर खून पसीने की कमाई से आशियाना बनाया था. रात दिन चिंता सता रहा है, कुछ बाबू साहब लोग आते हैं घूम फिर कर चले जाते हैं. सिर्फ सांत्वना मिलता है. गंगा कटाव रोधी कार्य भी होना चाहिए. हम लोगों को मुआवजा दिया जाए.चानन गांव में कटान पर प्रशासन का वादाः इधर उपायुक्त राम निवास यादव ने कहा है कि गंगा नदी का जलस्तर घटने के साथ चानन गांव सहित अन्य टोले गंगा कटान की चपेट में हैं. एसडीओ को सर्वे कराने का आदेश दिया गया है. जरूरत पड़ी तो गांव में कैंप लगाकर राहत दी जाएगी. जिला प्रशासन पूरी तरह नजर बनाए है. जो भी विस्थापित परिवार हैं, उनको बना बनाया घर और दो कट्ठा जमीन दी जाएगी. गंगा कटान हो रहा है, ग्रामीणों से अपील की जाती है कि रात के समय घर में न सोएं.
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