सहिबगंज: पूरे झारखंड में 30 जून को हूल दिवस मनाया जाता है. साहिबगंज के भोगनाडीह और क्रांति स्थल पचकठिया में हर साल इस अवसर पर कई नेताओं का जमावड़ा लगता है. सभी पार्टी के नेता वीर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर राजनीति रोटी सकते हैं, लेकिन इस बार हालात विपरीत हो चुका है. शहीद के वंसज का गुस्सा चरम पर है. इस बार 30 जून को किसी भी पार्टी के नेता को शहीद सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यापर्ण नहीं करने दिया जाएगा.
जानकारी के अनुसार पिछले दिनों शहीद सिदो-कान्हू के छठा वंसज रामेश्वर मुर्मू का शव एक खेत मे मिला था, जिसे लेकर परिजनों ने हत्या की आशंका जाहिर कर बरहेट थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें एक व्यक्ति को आरोपी बनाया है, लेकिन जिला प्रशासन ने अबतक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है. इसे लेकर सिदो-कान्हू के वंशज लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और सिदो-कान्हू के प्रतिमा के पास धरना देकर सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.
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भोगनाडीह राजनीति की धरती है. यहीं से राजनीति और राज्य का रूप रेखा तैयार किया जाता है. रामेश्वर मुर्मू की हत्या को लेकर सभी पार्टी सहानुभूति दिखाने में लगा हुआ है. कई नेता हर दिन उनके परिजनों को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं. बीजेपी नेता लुईस मरांडी, पूर्व राज्य सभा सांसद समीर उरांव, एसटी मोर्चा के सदस्य सहित कई नेता शहीद के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे और इस घटना की निंदा की. विपक्ष राज्य सरकार से इस मामले में निष्पक्ष जांच कराने की मांग कर रहे हैं और शहीद के परिवार को सरकारी नौकरी और आर्थिक मदद की भी मांग कर रहे हैं.