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बिहार और झारखंड के बीच दियारा क्षेत्र का सीमांकन हुआ शुरू, 19 साल बाद दोनों राज्य सरकारों की खुली नींद

बिहार और झारखंड के बीच गंगा पार दियारा क्षेत्र की लैंड मार्किंग कर, सीमांकन की समस्या को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा. इसे लेकर आज से 10 दिन तक दोनों राज्यों के पदाधिकारी कैंप लगाकर काम करेंगे.

demarcation work started in Sahibganj
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Published : Jan 27, 2020, 3:12 PM IST

साहिबगंजः बिहार और झारखंड के बीच गंगा पार दियारा क्षेत्र की लैंड मार्किंग कर सीमांकन की समस्या का समाधान किया जाएगा. इसके लिए दोनों राज्य सरकार सकारात्मक पहल करने में जुट गई है. पिछले दिनों बिहार के कटिहार जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारी और साहिबगंज के तमाम पदाधिकारी के साथ बैठक हुई. 27 जनवरी से दोनों राज्यों के पदाधिकारी कैंप लगाकर हजारों एकड़ जमीन को चिह्नित कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सुपुर्द करेंगे.

देखें पूरी खबर

बिहार से झारखंड को अलग हुए 19 साल बीत गये, लेकिन दियारा क्षेत्र में सीमांकन की समस्या जस की तस बनी हुई थी. जिससे आए दिन किसान के साथ मारपीट होती रहती थी. किसान फसल तो लगती थी, लेकिन जब काटने का समय आता तो दबंग इनके खेतों पर कब्जा कर फसल को लूट लिया करता थे.

मामले में जिला प्रशासन भी कुछ अधिक मदद नहीं कर पाती थी, क्योंकि सीमा विवाद का मामला था. इसलिए दोनों साहिबगंज और कटिहार जिले के थाना झगड़ा को निपटाने के लिए फसल को अपने साथ थाने में रख लेती थी.

ये भी पढ़ें- बिहार में 'कोरोना' वायरस की दस्तक! चीन से लौटी छात्रा में पाए गए संदिग्ध लक्षण

वहीं, किसानों का कहना है कि खुशी की बात यह है कि लंबे समय के बाद दोनों राज्य और जिला के तमाम पदाधिकारी के साथ सहमति बनी है. यदि दियारा क्षेत्र का सीमांकन हो जाता है तो किसानों के हित में काफी फायदेमंद होगा. किसानों का कहना है कि हम अपनी जमीन का लगान बिहार, झारखंड और बंगाल की सरकार को भी देते हैं. कोई एक टैक्स ले तो अच्छा होगा.

मामले में उपायुक्त का कहना है कि दियारा क्षेत्र का लालबथानी और बैजनाथपुर समेत कई मौजा में यह विवाद है. इसे दूर करने का निर्णय लिया गया है. आज से दियारा क्षेत्र की जमीन की लैंड मार्किंग की जाएगी और 10 दिन के अंदर इसे सुलझा लिया जाएगा.

साहिबगंजः बिहार और झारखंड के बीच गंगा पार दियारा क्षेत्र की लैंड मार्किंग कर सीमांकन की समस्या का समाधान किया जाएगा. इसके लिए दोनों राज्य सरकार सकारात्मक पहल करने में जुट गई है. पिछले दिनों बिहार के कटिहार जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारी और साहिबगंज के तमाम पदाधिकारी के साथ बैठक हुई. 27 जनवरी से दोनों राज्यों के पदाधिकारी कैंप लगाकर हजारों एकड़ जमीन को चिह्नित कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सुपुर्द करेंगे.

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बिहार से झारखंड को अलग हुए 19 साल बीत गये, लेकिन दियारा क्षेत्र में सीमांकन की समस्या जस की तस बनी हुई थी. जिससे आए दिन किसान के साथ मारपीट होती रहती थी. किसान फसल तो लगती थी, लेकिन जब काटने का समय आता तो दबंग इनके खेतों पर कब्जा कर फसल को लूट लिया करता थे.

मामले में जिला प्रशासन भी कुछ अधिक मदद नहीं कर पाती थी, क्योंकि सीमा विवाद का मामला था. इसलिए दोनों साहिबगंज और कटिहार जिले के थाना झगड़ा को निपटाने के लिए फसल को अपने साथ थाने में रख लेती थी.

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वहीं, किसानों का कहना है कि खुशी की बात यह है कि लंबे समय के बाद दोनों राज्य और जिला के तमाम पदाधिकारी के साथ सहमति बनी है. यदि दियारा क्षेत्र का सीमांकन हो जाता है तो किसानों के हित में काफी फायदेमंद होगा. किसानों का कहना है कि हम अपनी जमीन का लगान बिहार, झारखंड और बंगाल की सरकार को भी देते हैं. कोई एक टैक्स ले तो अच्छा होगा.

मामले में उपायुक्त का कहना है कि दियारा क्षेत्र का लालबथानी और बैजनाथपुर समेत कई मौजा में यह विवाद है. इसे दूर करने का निर्णय लिया गया है. आज से दियारा क्षेत्र की जमीन की लैंड मार्किंग की जाएगी और 10 दिन के अंदर इसे सुलझा लिया जाएगा.

Intro:बिहार और झारखण्ड के बीच गंगा पार दियरा क्षेत्र का लेंड मार्किंग कर सीमांकन की समस्या को खत्म करने हुआ शुरू,आज से 10 दिन तक दोनों राज्यो के पदाधिकारी केम्प लगा करेंगे काम। - आज से बिहार और झारखंड के बीच गंगा पार दियारा क्षेत्र का लैंड मार्क कर सीमांकन का समस्या का हल करने का प्रयास दोनों राज्य सरकार सकारात्मक पहल किया है।



Body:बिहार और झारखण्ड के बीच गंगा पार दियरा क्षेत्र का लेंड मार्किंग कर सीमांकन की समस्या को खत्म करने हुआ शुरू,आज से 10 दिन तक दोनों राज्यो के पदाधिकारी केम्प लगा करेंगे काम।
स्टोरी-साहिबगंज-- आज से बिहार और झारखंड के बीच गंगा पार दियारा क्षेत्र का लैंड मार्क कर सीमांकन का समस्या का हल करने का प्रयास दोनों राज्य सरकार सकारात्मक पहल किया है। पिछले दिनों बिहार के कटिहार जिला के सभी प्रशासनिक अधिकारी और साहिबगंज के तमाम पदाधिकारी के साथ बैठक हुई ।27 जनवरी से दोनो राज्यो के पदाधिकारी केम्प लगाकर हजारो एकड़ जमीन को चिह्नित कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सुपुर्द करेंगे।
बिहार से झारखंड को अलग हुए 19 साल बीत गया लेकिन दियारा क्षेत्र का सीमांकन की समस्या जस की तस बनी हुई थी ।आए दिन किसान के साथ मारपीट होते रहता था। किसान फसल तो लगता था लेकिन जब काटने के समय आता था तो दबंग इनके खेतों पर कब्जा कर फसल को लूट लिया करता था। जिला प्रशासन भी कुछ अधिक मदद नहीं कर पाती थी क्योंकि सीमा विवाद का मामला था इसलिए दोनों साहिबगंज और कटिहार जिला के थाना झगड़ा को निपटाने के लिए फसल को अपने साथ थाने में रख लेती थी।
किसान का कहना है कि खुशी की बात है लंबे समय के बाद दोनों राज्य और जिला के तमाम पदाधिकारी के साथ सहमति बनी है यदि दियारा क्षेत्र का सीमांकन हो जाता है किसान के हित में काफी फायदेमंद होगा क्योंकि किसान ही बेमौत मारा जाता है। किसानों कहना है कि हम अपने जमीन का लगान बिहार सरकार भी को देते हैं झारखंड सरकार और बंगाल को भी देते हैं कोई एक टेक्स ले तो अच्छा रहेगा। विश्वास है इसी सीमांकन से हमारी जमीन झारखंड में पड़ती है तो ठीक है बिहार में अगर पड़ता है तो ठीक है। कम से कम अपनी फसल को बोकर घर तक सुरक्षित ला सकेंगे और सुख शांति से रह पाएंगे।
बाइट-- किसान,1,2,3
उपायुक्त ने कहा कि दियारा क्षेत्र का लालबथानी और बैजनाथपुर समेत कई मौजा में यह विवाद है इसे दूर करने का निर्णय लिया गया है ।आज से दियारा क्षेत्र का जमीन को लैंड मार्क इंकार चिन्हित किया जाएगा और 10 दिन के अंदर इसे सुलझा लिया जाएगा।
बाइट--- वरुण रंजन,डीसी,साहिबगंज


Conclusion:निश्चित रूप से बिहार और झारखंड के बीच दियारा क्षेत्र का सीमांकन होने से किसान के हित में काफी फायदेमंद होगा 19 साल से इस दिन का किसान बेसब्री से इंतजार कर रहा था यदि दोनों राज के पदाधिकारी द्वारा यदि पहल हो जाता है तो किसान सुख चैन से अपना खेती भी कर पाएंगे और मारपीट ,दंगा,फरसाद से निजात मिल पाएगा
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