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बालमित्र थाने का डीसी करेंगे निरीक्षण, बाल संरक्षण कार्यशाला में दिए गए जवाबों से हुए असंतुष्ट - ईटीवी भारत झारखंड

साहिबगंज के उपायुक्त ने मंगलवार को बाल संरक्षण और बाल शोषण पर एक कार्यशाला का आयोजन किया. लेकिन इस दौरान उपस्थित बाल थाना इंचार्ज के जवाब से वे संतुष्ट नहीं हुए. ऐसे में उन्होंने फैसला लिया है कि वे खुद बालमित्र थाने का निरीक्षण करेंगे.

साहिबगंज में कार्यशाला का आयोजन
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Published : Aug 27, 2019, 10:25 AM IST

साहिबगंज: बाल संरक्षण और बाल शोषण को लेकर समाहरणालय सभागार में मंगलवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में सभी बाल मित्र, थाना इंचार्ज, समाज कल्याण पदाधिकारी, डीसीपीयू, शिक्षा पदाधिकारी और कई एनजीओ से संचालित होम के इंचार्च शामिल हुए.

देखें पूरी खबर


इन मुद्दों पर हुई चर्चा
इस मौके पर राष्ट्रीय स्तर की संस्था वर्ल्ड विजन ने बाल संरक्षण से संबंधित मुख्य मुद्दों को सामने रखा. जिसमें बच्चों से संबंधित पॉक्सो एक्ट, मिसिंग चाइल्ड, ट्रैफिकिंग चाइल्ड आदि का जिक्र किया. उन्होंने आखिर बच्चे क्यों घर से भाग जाते हैं, कैसे गलत लोगों के मत्थे चढ़ते हैं आदि मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित किया.


बालमित्र थाना इंचार्ज अपने थाने में आए केस से अनभिज्ञ
उपायुक्त ने बालमित्र थाना से आए हुए इंचार्ज से यह जानने का प्रयास किया कि पॉक्सो एक्ट का क्या स्थिति है, किस-किस थाने में बाल संरक्षण से संबंधित कितने केस आते हैं तो सभी बालमित्र थाना इंचार्ज जवाब से बचते नजर आए. किसी ने कहा आज ही मुझे प्रभार मिला तो किसी ने कहा मेरे थाना में कोई केस आता ही नहीं है तो किसी ने जानकारी नहीं होने का ही जिक्र कर दिया.

यह भी पढ़ें- साहिबगंजः भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा पारा मेडिकल बहाली, नियुक्ति को किया गया रद्द


उपायुक्त करेंगे बालमित्र थाने का निरीक्षण
इस तरह के जवाब से उपायुक्त बिफर पड़े. उन्होंने कहा कि ऐसी हालत को देखकर तो यही लगता है कि जितने भी बालमित्र थाने बनाए गए हैं उनमें कोई भी सही ढंग से काम नहीं कर रहा. इसलिए 3 दिन के बाद सभी बालमित्र थाना का निरीक्षण किया जाएगा. बालमित्र का बनाया हुआ कमरे का निरीक्षण जरुरी है ताकि यह जानकारी हो सके कि बाल संरक्षण से आए हुए केस की स्थिति क्या है.

साहिबगंज: बाल संरक्षण और बाल शोषण को लेकर समाहरणालय सभागार में मंगलवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में सभी बाल मित्र, थाना इंचार्ज, समाज कल्याण पदाधिकारी, डीसीपीयू, शिक्षा पदाधिकारी और कई एनजीओ से संचालित होम के इंचार्च शामिल हुए.

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इन मुद्दों पर हुई चर्चा
इस मौके पर राष्ट्रीय स्तर की संस्था वर्ल्ड विजन ने बाल संरक्षण से संबंधित मुख्य मुद्दों को सामने रखा. जिसमें बच्चों से संबंधित पॉक्सो एक्ट, मिसिंग चाइल्ड, ट्रैफिकिंग चाइल्ड आदि का जिक्र किया. उन्होंने आखिर बच्चे क्यों घर से भाग जाते हैं, कैसे गलत लोगों के मत्थे चढ़ते हैं आदि मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित किया.


बालमित्र थाना इंचार्ज अपने थाने में आए केस से अनभिज्ञ
उपायुक्त ने बालमित्र थाना से आए हुए इंचार्ज से यह जानने का प्रयास किया कि पॉक्सो एक्ट का क्या स्थिति है, किस-किस थाने में बाल संरक्षण से संबंधित कितने केस आते हैं तो सभी बालमित्र थाना इंचार्ज जवाब से बचते नजर आए. किसी ने कहा आज ही मुझे प्रभार मिला तो किसी ने कहा मेरे थाना में कोई केस आता ही नहीं है तो किसी ने जानकारी नहीं होने का ही जिक्र कर दिया.

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उपायुक्त करेंगे बालमित्र थाने का निरीक्षण
इस तरह के जवाब से उपायुक्त बिफर पड़े. उन्होंने कहा कि ऐसी हालत को देखकर तो यही लगता है कि जितने भी बालमित्र थाने बनाए गए हैं उनमें कोई भी सही ढंग से काम नहीं कर रहा. इसलिए 3 दिन के बाद सभी बालमित्र थाना का निरीक्षण किया जाएगा. बालमित्र का बनाया हुआ कमरे का निरीक्षण जरुरी है ताकि यह जानकारी हो सके कि बाल संरक्षण से आए हुए केस की स्थिति क्या है.

Intro:बाल मित्र थाना का डीसी करेंगे निरीक्षण। बाल संरक्षण कार्यशाला में सवालों के जबाब से नही हुए संतुष्ट। सभी थाना हुआ अलर्ट।



Body:बाल मित्र थाना का डीसी करेंगे निरीक्षण। बाल संरक्षण कार्यशाला में सवालों के जबाब से नही हुए संतुष्ट। सभी थाना हुआ अलर्ट।
स्टोरी-साहिबगंज--बाल संरक्षण और बाल शोषण को लेकर समाहरणालय सभागार में हुआ कार्यशाला। इस कार्यशाला में सभी बाल मित्र थाना के इंचार्ज ,समाज कल्याण पदाधिकारी, डीसीपीयू, शिक्षा पदाधिकारी और कई एनजीओ से संचालित होम के इंचार्च शामिल हुए।
रष्टीय स्तर की संस्था वर्ल्ड विज़न द्वारा बाल संरक्षण से संबंधित की आयाम को बताया जिसमे बच्चों से संबंधित पोक्सो एक्ट , रनवे वे, मिसिंग चाइल्ड, ट्रेफिनग चाइल्ड, में बच्चों का शोषण होता है या किसी बजह से बच्चे घर से बच्चे भाग जाते है औऱ गलत आदमी के चंगुल में फंस जाते है और बच्चे का इहलीला समाप्त हो जाती है। इस तरह कई बिन्दुओ पर बाल संरक्षण को चर्चा हुआ।
जब उपायुक्त ने बालमित्र थाना से आए हुए इंचार्ज से यह जानने का प्रयास किया कि पोक्सो एक्ट का क्या स्थिति है किस किस थाने में बाल संरक्षण से संबंधित कितने केस आती है तो सभी बालमित्र थाना इंचार्ज बचते हुए नजर आए। किसी ने कहा आज दस बजे मुझे प्रभार मिला तो किसी ने कहा मेरे थाना में कोई केस आता ही नहीं है तो किसी ने कहा इस तरह का केस थाना में है तो अभी मुझे जानकारी नहीं है।
उपायुक्त ने इस तरह बातों को सुनकर बिफरे और कहा कि मुझे शक है जितनी भी बालमित्र थाना में कमरा बनाया गया है कोई भी सही ढंग से इसका पालन नहीं कर रहा है इसलिए 3 दिन के बाद सभी बालमित्र थाना का निरीक्षण करूंगा। बालमित्र का बनाया हुआ कमरा को देखना चाहता हूं कि बाल संरक्षण से आए हुए केस की स्थिति क्या है।
बाइट- राजीव रंजन,डीसी,साहिबगंज



Conclusion:उपायुक्त द्वारा सभी बालमित्र थाना का निरीक्षण करने से निश्चित रूप से बाल संरक्षण संबंधित आए हुए केस का कुछ हद तक केश्वर हो जाएगा सभी बालमित्र इंचार्ज पहले से अधिक सतर्क हो जाएंगे कहीं न कहीं उपायुक्त का खाना का दौरा बाल हित में सकारात्मक पहल साबित होगा
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