साहिबगंज: पितृ पक्ष शुरु होते ही साहिबगंज में पितरों का तर्पण करने के लिए विभिन्न गंगा घाट पर लोग जुट (tarpan at Ganga Ghat) रहे हैं. शहर के मुक्तेश्वर गंगा घाट पर लोगों को भीड़ उमड़ने लगी है. पुरोहित की उपस्थिति में लोग पूरे विधि विधान से तर्पण करते हुए नजर (worship for ancestors) आ रहे हैं. तिल, जौ, फूल, अरवा चावल और मुद्रा के साथ सर्वप्रथम कुल के देवी-देवता, सूर्य भगवान, गंगा मैय्या की पूजा के बाद अपने पूर्वजों समेत माता-पिता, दादा-दादी सहित कुल के पूर्वजों को तर्पण कर उनकी आत्मा की शांति के लिए लोगों ने जल दिया. 25 सितंबर तक चलने वाले इस पितृ पक्ष में लोग तिथि के अनुसार पूजा कर पूर्वजों से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे.
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रविवार को शहर के मुक्तेश्वर गंगा घाट पर अनोखा नजारा देखने को मिला. जहां एक बेटी द्वारा पिता का तर्पण (daughter offered father tarpan) किया गया. कमल टोला की रहने वाली पुतुल कुमारी गंगा घाट पर अपने पिता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती नजर आईं. पुतुल ने पुरुषों के साथ कतार में बैठकर गंगा घाट पर अपने पिता का तर्पण कर उनको जल चढ़ाया. पुतुल कुमारी ने कहा कि यह संस्कार अपने पिता से मिला है पिछले साल पिता की मृत्यु हुई है और उन्हें शांति प्रदान करने के लिए यहां पहुंची हैं. पुरोहित की देखरेख में पूजा पाठ करके उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रही हैं. वो कहती हैं कि उन्हें यह सौभाग्य प्राप्त हुआ कि दो भाइयों के रहते हुए उन्हें पिता का तर्पण करने का अवसर मिला. पुतुल कहती हैं कि आज वो जो कुछ भी हैं वो पिता की बदौलत ही हैं.
पितृ पक्ष 2022 (Pitru Paksha 2022) के अवसर लोग साहिबगंज के गंगा घाट पर पितरों का तर्पण करने के लिए पहुंच रहे हैं. शहर के मुक्तेश्वर गंगा घाट, चानन घाट, ओझा टोली गंगा घाट, शोभनपुर भट्टा गंगा घाट, पत्थर घाट, सहित राजमहल अनुमंडल क्षेत्र के अंतर्गत सूर्य देव घाट, महाजन टोली गंगा घाट, राजमहल फेरी घाट, उधवा का कचहरी घाट सहित दर्जनों गंगा घाट पर लोगों की काफी भीड़ है. पुरोहित कहते हैं कि इस पितृ पक्ष में हर किसी को तर्पण करना चाहिए. कुल में बेटा नहीं है तो बेटी भी अपने माता-पिता का तर्पण कर सकती हैं. कुल के किसी वंश के द्वारा तर्पण करने से पूर्वज की आत्मा की शांति प्राप्त होती है. पूरी निष्ठा के साथ करने से सुख शांति और आशीर्वाद प्राप्त होता है.