साहिबगंज: जिला के सदर प्रखंड के किशन प्रसाद दियारा क्षेत्र का जीवन रेखा कही जाने वाली पुल की स्थिति खतरनाक हो चुकी है. पिछले दो सालों में पुल धंस चुका है. जिसके कारण जिला प्रशासन ने पुल के दोंनो ओर वाहन वर्जित का साइन बोर्ड लगाया है. भारी बारिश के कारण डायवर्सन के बह जाने से लोग अब उसी जर्जर पुल से आवागमन करने को मजबूर हैं. जिसके कारण कभी भी बड़ी हादसा हो सकता है.
पुल टूटने से हजारों गांव का संपर्क शहर से टूट सकता है
ग्रामीण भारी वाहन, मोटरसाइकिल, साइकिल, और पैदल पुल से आना-जाना कर रहे हैं. इस पुल को क्षेत्र का लाइफ लाइन कहा जाता है, क्योंकि इससे गांव के हजारों लोग साहिबगंज शहर में मार्केटिंग करने और बच्चे पढ़ने आते हैं. यदि यह पुल टूट गया तो हजारों गांव का संपर्क शहर से सीधे टूट जाएगा. पुल से किशन प्रसाद पंचायत, लाल बथानी पंचायत, उत्तरी मखमलपुर और दक्षिणी मखमलपुर पंचायत, बखारपुर गांव और बिहार के लोग साहिबगंज जाते हैं.
जिला प्रशासन का नहीं है ध्यान
पुल के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 2 साल से पुल की यही स्थिति है. पुल के टूटने से हजारों गांव की आबादी प्रभावित हो सकती है. शहर से सीधा संपर्क टूट सकता है. कभी भी बहुत बड़ी घटना घट सकती है, लेकिन न तो जिला प्रशासन इस और ध्यान देती है और न ही जनप्रतिनिधि.
जान हथेली पर रखकर करते हैं पुल पार
स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात के समय में पानी के तेज बहाव में डायवर्सन टूट चुका है. अब लोगों की मजबूरी है कि वह अपनी जान को हथेली पर रखकर पुल पार कर रहे. उनके मन में हमेशा डर बना रहता है कि कहीं पुल पार करने में कोई हादसा न हो जाए. जिला प्रशासन को इस बाबत जानकारी है फिर भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
विधायक ने दिया स्थिति सुधारने का आश्वासन
राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कहा कि किशन प्रसाद का पुल एक मात्र पुल है, जिसपर हजारों लोगों का आना जाना है. डायवर्सन टूटने से लोगों का आना-जाना पुल से हो रहा है. निश्चित रूप से बहुत बड़ी घटना घट सकती है. विधायक ने कहा कि वह इस मामले को गंभीरता से देख रहे हैं और संबंधित विभाग को जानकारी दिया है, ताकि फिलहाल कुछ किया जा सके.