ETV Bharat / state

आज भी विकास से कोसों दूर है आदिवासी समाज, रोजगार के अभाव में हो रहा पलायन

झारखंड गठन का लगभग दो दशक पूरा होने जा रहा है. इस राज्य का निर्माण का मुख्य उद्देश्य था जल, जंगल और जमीन के साथ आदिवासियों का कल्याण करना. गठन से लेकर आज तक कई सरकारें आई और गई, लेकिन आदिवासियों का कल्याण नहीं हो पाया.

condition of tribal society is pathetic in sahibganj
डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Aug 9, 2020, 7:28 AM IST

साहिबगंज: जिले के दो विधानसभा बरहेट और बारियो में आदिवासी बहुल संख्या में पाए जाते हैं. बरहेट विधानसभा की कुल जनसंख्या 1,62,231 है. इसमें कुल जनसंख्या का 65 प्रतिशत आबादी आदिवासी है. वहीं, बारियो विधानसभा में कुल जनसंख्या 1,68,277 है. इसमें कुल 55 प्रतिशत जनसंख्या आदिवासी है.

देखिए पूरी खबर

राज्य सरकार का हर एक विकास का दावा इन आदिवासी तक नहीं पहुंच पाया. रोजगार के अभाव में यह समाज पलायन करने को मजबूर है. पेट की आग बुझाने के लिए इस समाज की युवक और लड़कियां मानव तस्करी का शिकार हो जाती हैं.

बिजली की समस्या

इन आदिवासियों का कहना है कि इन पहाड़ों पर पेयजल की घोर समस्या है. झरना के पानी पर निर्भर रहना पड़ता है. लगभग चार किमी पैदल चलकर पानी लाना पड़ता है. गांव में एक-दो छोड़कर सारा चापाकल खराब है. गांव में एक जगह सोलर लाइट से पेयजल मिलता है. सूर्य निकला तो पानी मिलेगा वरना नहीं मिलता है. इन आदिवासियों का कहना है कि चलने के लिए सड़क तक का निर्माण नहीं कराया गया है. बिजली नियमित नहीं मिलती है. एक दिन मिला तो सात दिन गायब रहता है. काम मिलता है तो खाते हैं, वरना भूखे रहकर सो जाते हैं.

पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य

आदिवासियों को लेकर पीएचडी पदाधिकारी ने कहा कि पहाड़ों पर बसने वाले हर गांव में पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य है. लॉकडाउन की वजह से काम प्रभावित हुआ है. समान आ नहीं आ रहा है. वहीं, बाल संरक्षण पदाधिकारी ने कहा कि बरहेट, बारियो, मंडरो, तालझारी और पतना प्रखंड से बहुत आदिवासी लड़कियां मानव तस्कर के चंगुल में फंसकर अन्य राज्यों में काम करने चली जाती हैं.

ये भी पढे़ं: विषाक्त भोजन खाने से एक ही परिवार के 7 लोग बीमार, 5 की हालत गंभीर

लोगों का पलायन जारी

सदर डीएसपी ने कहा कि जिला में लोगों का पलायन जारी है, जिसमें ह्यूमन ट्रेफिकिंग भी एक है. बरसात बाद पुलिस प्रशासन इन गांवों में जाकर जागरूकता अभियान चलाएगी. वहीं, उपविकास आयुक्त ने कहा कि पलायन को रोकने के लिए आदिवासी कल्याण के लिए बहुत सारी योजना चल रही है. पलायन रोकने के लिए मनरेगा योजना के तहत इच्छुक लोगों को काम दिया जा रहा है. इन आदिवासी गांवों में पांच-पांच योजना चलाया जाएगा ताकि गांव में ही इन्हें रोजगार दिया जा सके.

साहिबगंज: जिले के दो विधानसभा बरहेट और बारियो में आदिवासी बहुल संख्या में पाए जाते हैं. बरहेट विधानसभा की कुल जनसंख्या 1,62,231 है. इसमें कुल जनसंख्या का 65 प्रतिशत आबादी आदिवासी है. वहीं, बारियो विधानसभा में कुल जनसंख्या 1,68,277 है. इसमें कुल 55 प्रतिशत जनसंख्या आदिवासी है.

देखिए पूरी खबर

राज्य सरकार का हर एक विकास का दावा इन आदिवासी तक नहीं पहुंच पाया. रोजगार के अभाव में यह समाज पलायन करने को मजबूर है. पेट की आग बुझाने के लिए इस समाज की युवक और लड़कियां मानव तस्करी का शिकार हो जाती हैं.

बिजली की समस्या

इन आदिवासियों का कहना है कि इन पहाड़ों पर पेयजल की घोर समस्या है. झरना के पानी पर निर्भर रहना पड़ता है. लगभग चार किमी पैदल चलकर पानी लाना पड़ता है. गांव में एक-दो छोड़कर सारा चापाकल खराब है. गांव में एक जगह सोलर लाइट से पेयजल मिलता है. सूर्य निकला तो पानी मिलेगा वरना नहीं मिलता है. इन आदिवासियों का कहना है कि चलने के लिए सड़क तक का निर्माण नहीं कराया गया है. बिजली नियमित नहीं मिलती है. एक दिन मिला तो सात दिन गायब रहता है. काम मिलता है तो खाते हैं, वरना भूखे रहकर सो जाते हैं.

पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य

आदिवासियों को लेकर पीएचडी पदाधिकारी ने कहा कि पहाड़ों पर बसने वाले हर गांव में पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य है. लॉकडाउन की वजह से काम प्रभावित हुआ है. समान आ नहीं आ रहा है. वहीं, बाल संरक्षण पदाधिकारी ने कहा कि बरहेट, बारियो, मंडरो, तालझारी और पतना प्रखंड से बहुत आदिवासी लड़कियां मानव तस्कर के चंगुल में फंसकर अन्य राज्यों में काम करने चली जाती हैं.

ये भी पढे़ं: विषाक्त भोजन खाने से एक ही परिवार के 7 लोग बीमार, 5 की हालत गंभीर

लोगों का पलायन जारी

सदर डीएसपी ने कहा कि जिला में लोगों का पलायन जारी है, जिसमें ह्यूमन ट्रेफिकिंग भी एक है. बरसात बाद पुलिस प्रशासन इन गांवों में जाकर जागरूकता अभियान चलाएगी. वहीं, उपविकास आयुक्त ने कहा कि पलायन को रोकने के लिए आदिवासी कल्याण के लिए बहुत सारी योजना चल रही है. पलायन रोकने के लिए मनरेगा योजना के तहत इच्छुक लोगों को काम दिया जा रहा है. इन आदिवासी गांवों में पांच-पांच योजना चलाया जाएगा ताकि गांव में ही इन्हें रोजगार दिया जा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.