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ब्लड बैंक में एक यूनिट भी नहीं ब्लड, व्हाट्सअप ग्रुप से बच रही लोगों की जिंदगी!

साहिबगंज में इन दिनों कथित तौर पर इमरजेंसी केयर, ब्लड डोनर साहिबगंज और कई तरह के नाम से व्हाट्सअप ग्रुप बनाए गए हैं. इस ग्रुप में मरीज या तीमारदार का नाम और उसके कॉन्टेक्ट नंबर के साथ ही उसका ब्लड ग्रुप डाला जाता है. इसके बाद ग्रुप में कोई भी शख्स मसीहा बनकर अस्पताल आता है, पीड़ित को खून देकर उसकी जिंदगी बचाता है.

साहिबगंज के ब्लड बैंक में एक यूनिट भी नहीं ब्लड
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Published : Jul 31, 2019, 12:46 AM IST

Updated : Jul 31, 2019, 7:07 PM IST

साहिबगंज: जिला सदर अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक कई दिनों से खून की कमी से जूझ रहा है. मौजूदा हालात में किसी भी ग्रुप का एक यूनिट ब्लड भी बैंक में नहीं है. ऐसे में मरीजों और तीमारदारों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि जिला प्रशासन इस गंभीर मसले से बा-खबर है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

दरअसल, साहिबगंज में इन दिनों कथित तौर पर इमरजेंसी केयर, ब्लड डोनर साहिबगंज और कई तरह के नाम से व्हाट्सअप ग्रुप बनाए गए हैं. इस ग्रुप में मरीज या तीमारदार का नाम और उसके कॉन्टेक्ट नंबर के साथ ही उसका ब्लड ग्रुप डाला जाता है. इसके बाद ग्रुप में कोई भी शख्स मसीहा बनकर अस्पताल आता है, पीड़ित को खून देकर उसकी जिंदगी बचाता है.

लैब टेक्नीशियन का कहना है कि सरकार का निर्देश है कि थैलसीमिया रोगी, पहाड़िया, डिलीवरी के साथ ही रोड एक्सीडेंट के मरीज जिनका कोई नहीं है. ऐसे सभी मरीजों को मुफ्त में बिना एक्सचेंज किए ब्लड देना है. इन हालातों में ब्लड बैंक में ब्लड हमेशा शार्ट रहता है.

स्थानीय लोगों का कहना कि लोगों में ब्लड डोनेट को लेकर जागरूकता नहीं है. ब्लड देने में लोग कतराते हैं. जिला प्रशासन को व्यापक प्रचार प्रसार करके युवाओं का मनोबल बढ़ाना चाहिए और समय समय पर कैम्प लगाकर कर ब्लड डोनेट कराना चाहिए. हालांकि मामले को लेकर उपायुक्त का कहना है कि ब्लड बैंक में खून की कमी का मसला संज्ञान में आया है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग और रेड क्रॉस कमेटी के साथ बैठक करके खून की कमी को दूर किया जाएगा.

साहिबगंज: जिला सदर अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक कई दिनों से खून की कमी से जूझ रहा है. मौजूदा हालात में किसी भी ग्रुप का एक यूनिट ब्लड भी बैंक में नहीं है. ऐसे में मरीजों और तीमारदारों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि जिला प्रशासन इस गंभीर मसले से बा-खबर है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

दरअसल, साहिबगंज में इन दिनों कथित तौर पर इमरजेंसी केयर, ब्लड डोनर साहिबगंज और कई तरह के नाम से व्हाट्सअप ग्रुप बनाए गए हैं. इस ग्रुप में मरीज या तीमारदार का नाम और उसके कॉन्टेक्ट नंबर के साथ ही उसका ब्लड ग्रुप डाला जाता है. इसके बाद ग्रुप में कोई भी शख्स मसीहा बनकर अस्पताल आता है, पीड़ित को खून देकर उसकी जिंदगी बचाता है.

लैब टेक्नीशियन का कहना है कि सरकार का निर्देश है कि थैलसीमिया रोगी, पहाड़िया, डिलीवरी के साथ ही रोड एक्सीडेंट के मरीज जिनका कोई नहीं है. ऐसे सभी मरीजों को मुफ्त में बिना एक्सचेंज किए ब्लड देना है. इन हालातों में ब्लड बैंक में ब्लड हमेशा शार्ट रहता है.

स्थानीय लोगों का कहना कि लोगों में ब्लड डोनेट को लेकर जागरूकता नहीं है. ब्लड देने में लोग कतराते हैं. जिला प्रशासन को व्यापक प्रचार प्रसार करके युवाओं का मनोबल बढ़ाना चाहिए और समय समय पर कैम्प लगाकर कर ब्लड डोनेट कराना चाहिए. हालांकि मामले को लेकर उपायुक्त का कहना है कि ब्लड बैंक में खून की कमी का मसला संज्ञान में आया है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग और रेड क्रॉस कमेटी के साथ बैठक करके खून की कमी को दूर किया जाएगा.

Intro:जिला ब्लड बैंक में कई दिनों से ब्लड की कमी से जूझ रहा आज की स्थिति ऐसी है कि किसी भी ग्रुप का 1 यूनिट ब्लड नहीं है ऐसे में मरीजों को काफी परेशानी हो रही है व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से युवा बढ़-चढ़कर ले रहे हैं भाग व्हाट्सएप ग्रुप मरीजों को मददगार सिद्ध हो रहा है ।


Body:ब्लड बैंक इन दिनों ब्लड की कमी से जूझ रहा है व्हाट्सअप ग्रुप के भरोसे मरीजो की बचाई जा रही है जान। जिला प्रशासन है बेखबर।
स्टोरी-सहोबगंज--जिला सदर अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक कई दिनों से ब्लड की कमी से जूझ रहा है। आज की स्थिति यह है कि एक यूनिट ब्लड किसी भी ग्रुप का नही है ऐसे में मरीजो को काफी परेशानी हो रही है। जिला प्रशासन इस मामले से बेखबर है। आखिर मरीज को कैसे ब्लड मुहैया कराया जा रहा है।
जिला सदर अस्पताल में रोजाना चार से पांच मरीज ऐसे आता है जिसे ब्लड की निहायत जरूरी है। यदि ब्लड नही मिले तो जान जा सकती है या जच्चा और बच्चा का जान भी जा सकता है। ऐसे में मरोजो का मददगार सिद्ध होता है Whatsapp ग्रुप। जी है सहिबगज में कई व्हाट्सअप ग्रुप चलाया जा रहा है जिसे किसी ने emergency care, blood donner sahibganj .इस कई नाम से ग्रुप चल रहा है जिसे मरीज का नाम,पता और ब्लड ग्रुप डालने से कोई न कोई युवा मशीहा बनकर अस्पताल पहुचकर मरीज की जान बचाते है।
स्थानीय लोगो का कहना कि लोगो मे जागरूकता नही है आज भी ब्लड देने में लोग कतराते है जिला प्रशासन को ब्यापक प्रचार प्रसार कर युवाओ को मनोबल बढ़ाना चाहिए। और समय समय पर केम्प लगाकर कर ब्लड डोनेट कराना चाहिए।
फिलहाल सदर अस्पताल को व्हाट्सएप्प ग्रुप के माध्यम से युवा मोर्चा को संभाले हुए है। युवा यदि साथ नही देता तो प्रतिदिन किसी न किसी मरीज की मृत्यु हो जाती। लेकिन व्हाट्सएप्प ग्रुप मददगार सिद्ध हो रहा है।
बाइट-स्थानीय,1,2
लैब टेक्नीशियन का कहना है कि सरकार का निर्देश है कि थैलसीमिया रोगी,पहाड़िया,डिलेवरी को साथ ही रोड एक्सीडेंट मरीज जिसका कोई नही है ऐसे सभी मरीज को मुफ्त में बिना एक्सचेंज किये ब्लड दे देना है ऐसे स्थिति में ब्लड बैंक मे ब्लड हमेशा शार्ट रहता है।
बाइट- लैब टेक्नीशियन
उपायुक्त ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है की जिला में ब्लड बैंक में ब्लड की घोर कमी है। एसे एक बार स्वास्थ्य विभाग और रेड क्रॉस कमिटी के साथ बैठक कर पूरी मामले को देख लेते है आशा है बहुत जल्द कमी को दूर कर लिया जाएगा।
बाइट-राजीव रंजन,डीसी,सहिबगज


Conclusion:व्हाट्सएप ग्रुप से मरीजों को मिल रहा है ब्लड लेकिन व्हाट्सएप ग्रुप से समय लगता है युवा आते तो है लेकिन उनका समय की पाबंदी नहीं है की कौन सी है कब आएंगे लेकिन ब्लड बैंक में जिस तरह से एक यूनिट ब्लड नहीं है और चिंता का विषय है इसे जिला प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए
Last Updated : Jul 31, 2019, 7:07 PM IST
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