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DMD से ग्रसित जीत रक्षित को मिलेगी मदद, बेंगलुरु की मिलाप संस्था ने बढ़ाया हाथ, ईटीवी भारत ने उठाया था मुद्दा - बेंगलुरु की मिलाप संस्था जीत रक्षित करेगी मदद

साहिबगंज में एक पिता अपने बच्चे के इलाज के लिए मदद की गुहार लगा रहा है. उसका 7 साल का बच्चा दुर्लभ बीमारी DMD से ग्रसित है. यह बीमारी मांसपेशियों से संबंधित है. अब ईटीवी भारत की पहल पर कुछ मदद के हाथ आगे आए हैं. बेंगलुरु की मिलाप संस्था ने मदद की पेशकश करते हुए कदम आगे बढ़ाए हैं.

जीत रक्षित
जीत रक्षित
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Published : Jun 19, 2021, 5:44 PM IST

Updated : Jun 19, 2021, 8:25 PM IST

साहिबगंजः बोरियों प्रखंड का रहने वाला मुन्ना रक्षित का 7 वर्षीय एकमात्र पुत्र जीत रक्षित विश्व की गंभीर और खर्चीला बीमारी DMD से ग्रसित है डॉक्टर के अनुसार इसका भारत में इलाज संभव नहीं है. इसका विदेश में ही इलाज संभव है. इस बीमारी का एक इंजेक्शन ही काफी है जिसकी कीमत 27 करोड़ है.

यह भी पढ़ेंः इलाज नहीं मिला तो साढ़े तीन साल में हो सकती है मौत, 'जीत' को मदद की जरूरत

GST छोड़कर 17 करोड़ पड़ सकता है. रांची मेडिका अस्पताल के डॉक्टर के अनुसार यदि इंजेक्शन नहीं लगा तो यह बालक लगभग 4 साल तक जिंदा रह सकता है.

जीत रक्षित को मिलेगी मदद

ईटीवी भारत की नजर डीसी से गुहार लगाने पहुंचे पिता और पुत्र पर पड़ी और 10 जून को खबर चलाई थी. खबर चलने के बाद खबर का असर भी देखने को मिले लगा. कई संस्थाएं जीत रक्षित की मदद के लिए आगे आईं हैं.

ऐसे ही एक संस्था बेंगलुरु की न्यूज लॉयन के सीईओ संजय पांडे ने ईटीवी भारत के रिपोर्टर शिव शंकर से संपर्क किया और कहा कि इस तरह के बच्चों की मदद मिलाप संस्थान से मिलकर क्राउड फंडिंग जुटाते हैं और बच्चे के मदद की जाती है.

मिलाप संस्थान ने परिवार का इमोशनल वीडियो बनवाया

उन्होंने कई आसपास के जिले में कई दुर्लभ बीमारियों का इलाज का नमूना पेश किया. आज यह संस्थान अपनी टीम पटना से भेजकर बच्चे और परिवार का इमोशनल वीडियो बनवाया और तमाम जानकारी हासिल की ताकि क्राउड फंडिंग जुटाने में मदद मिल सके.

यह संस्थान ईटीवी भारत का श्रेय मानकर इस बच्चे की मदद के लिए आगे बढ़ रहा है. वीडियोग्राफर मोहम्मद शाहरुख खान ने सर्वप्रथम ईटीवी भारत को तहे दिल से धन्यवाद दिया.

कहा इस तरह के बच्चे की खबर पब्लिश की और हमारे संस्थान तक मामला पहुंचा. आज ही ईटीवी भारत की वजह से ही न्यूज लायन और मिलाप जैसी संस्था क्राउड फंडिंग के लिए हाथ आगे बढ़ा रहीं हैं.

ईटीवी से खबर नहीं मिल पाती तो शायद यह बच्चे की बीमारी के बारे में कोई भी जान पाता. पीड़ित जीत रक्षित के पिता मुन्ना रक्षित ने भी ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है कहा कि ईटीवी भारत की पहल से ही अब कुछ आस जगने लगी है.

आज हमें विश्वास हुआ की ईटीवी भारत क्या है आज ईटीवी रिपोर्टर से मुलाकात नहीं होती तो हमारा बच्चा इस दुर्लभ बीमारी से दम तोड़ देता, लेकिन अब आस जगने लगी है.

साहिबगंजः बोरियों प्रखंड का रहने वाला मुन्ना रक्षित का 7 वर्षीय एकमात्र पुत्र जीत रक्षित विश्व की गंभीर और खर्चीला बीमारी DMD से ग्रसित है डॉक्टर के अनुसार इसका भारत में इलाज संभव नहीं है. इसका विदेश में ही इलाज संभव है. इस बीमारी का एक इंजेक्शन ही काफी है जिसकी कीमत 27 करोड़ है.

यह भी पढ़ेंः इलाज नहीं मिला तो साढ़े तीन साल में हो सकती है मौत, 'जीत' को मदद की जरूरत

GST छोड़कर 17 करोड़ पड़ सकता है. रांची मेडिका अस्पताल के डॉक्टर के अनुसार यदि इंजेक्शन नहीं लगा तो यह बालक लगभग 4 साल तक जिंदा रह सकता है.

जीत रक्षित को मिलेगी मदद

ईटीवी भारत की नजर डीसी से गुहार लगाने पहुंचे पिता और पुत्र पर पड़ी और 10 जून को खबर चलाई थी. खबर चलने के बाद खबर का असर भी देखने को मिले लगा. कई संस्थाएं जीत रक्षित की मदद के लिए आगे आईं हैं.

ऐसे ही एक संस्था बेंगलुरु की न्यूज लॉयन के सीईओ संजय पांडे ने ईटीवी भारत के रिपोर्टर शिव शंकर से संपर्क किया और कहा कि इस तरह के बच्चों की मदद मिलाप संस्थान से मिलकर क्राउड फंडिंग जुटाते हैं और बच्चे के मदद की जाती है.

मिलाप संस्थान ने परिवार का इमोशनल वीडियो बनवाया

उन्होंने कई आसपास के जिले में कई दुर्लभ बीमारियों का इलाज का नमूना पेश किया. आज यह संस्थान अपनी टीम पटना से भेजकर बच्चे और परिवार का इमोशनल वीडियो बनवाया और तमाम जानकारी हासिल की ताकि क्राउड फंडिंग जुटाने में मदद मिल सके.

यह संस्थान ईटीवी भारत का श्रेय मानकर इस बच्चे की मदद के लिए आगे बढ़ रहा है. वीडियोग्राफर मोहम्मद शाहरुख खान ने सर्वप्रथम ईटीवी भारत को तहे दिल से धन्यवाद दिया.

कहा इस तरह के बच्चे की खबर पब्लिश की और हमारे संस्थान तक मामला पहुंचा. आज ही ईटीवी भारत की वजह से ही न्यूज लायन और मिलाप जैसी संस्था क्राउड फंडिंग के लिए हाथ आगे बढ़ा रहीं हैं.

ईटीवी से खबर नहीं मिल पाती तो शायद यह बच्चे की बीमारी के बारे में कोई भी जान पाता. पीड़ित जीत रक्षित के पिता मुन्ना रक्षित ने भी ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है कहा कि ईटीवी भारत की पहल से ही अब कुछ आस जगने लगी है.

आज हमें विश्वास हुआ की ईटीवी भारत क्या है आज ईटीवी रिपोर्टर से मुलाकात नहीं होती तो हमारा बच्चा इस दुर्लभ बीमारी से दम तोड़ देता, लेकिन अब आस जगने लगी है.

Last Updated : Jun 19, 2021, 8:25 PM IST

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