साहिबगंज: इन दिनों झारखंड की सियासत गर्म है. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी सीएम हेमंत सोरेन पर लगातार हमलावर हैं. मुंबई मॉडल प्रकरण को लेकर वो सीएम से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
'मॉडल प्रकरण में महाराष्ट्र डीजीपी को लिखा पत्र'
मॉडल के बाबूलाल मरांडी और निशिकांत दुबे से खतरे वाले ट्वीट पर उन्होंने इस पर जांच करने की मांग की. साहिबगंज में शुक्रवार को बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस मामले में हमने महाराष्ट्र डीजीपी को पत्र लिखा है और कहा है कि पूरे मामले की जांच कर लें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री पर इस तरह का संगीन आरोप लगा हो तो उन्हें पहले इस्तीफा देना चाहिए और जांच में शामिल होना चाहिए.
दलबदल मामले में सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका
वहीं, दलबदल मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने के मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पार्टी विलय करने का अधिकार भारत निर्वाचन आयोग को है. जब जेवीएम भाजपा में विलय हुआ तो भाजपा ने इसकी अनुमति दी. इसके बाद हमने चुनाव आयोग को बताया, जिस पर चुनाव आयोग ने मुहर भी लगाया. पिछले राज्यसभा चुनाव में विधायक होने के नाते हमने वोट भी किया. इसके बाद भी पार्टी विलय को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने नोटिस जारी किया था. इसको लेकर हम झारखंड हाई कोर्ट गए थे. इस मामले में हाई कोर्ट ने भी इसे नकार दिया तो हमें संदेह था कि ये लोग सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं. इसलिय हमने पहले ही कैविएट किया ताकि हमारी बातों को भी वहां सुना जाए.
हेमंत सरकार के एक साल
हेमंत सरकार के एक साल पर बात करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस सरकार के एक साल में कुछ काम नहीं हुआ. केवल कोरोना का रोना रो रहे हैं. झारखंड में जो भी थोड़ा विकास दिख रहा वो केंद्र सरकार के कारण हुआ है. लेकिन पंचायत चुनाव होने के कारण अब ये भी विकास यहां देखने के नहीं मिलेगा. राज्य के लोगों की भलाई कैसे हो इसको लेकर सरकार को कोई चिंता नहीं है.