साहिबगंज: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी दो दिवसीय दौरे पर साहिबगंज पहुंचे हैं. शनिवार को बोरियो प्रखंड के तसर हाउस में रात्रि विश्राम कर रविवार को बाबूलाल बाइक रैली में शामिल हुए. इस दौरान बाबूलाल मरांडी ने रोड शो कर तालझारी, पतना सहित दर्जनों गांवों का दौरा कर आदिवासी अधिकारों को लेकर ग्रामीणों को जागरूक किया. बाबूलाल रविवार को पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम आम जनता के साथ सुनेंगे. इसके साथ ही बाइक रैली की समाप्ति हो जाएगी. इसके बाद बाबूलाल मरांडी आम सभा में शामिल होंगे और जनता को संबोधित करेंगे.
झारखंड में भाजपा की सरकार बनी तो एनआरसी लागू किया जाएगाः साहिबगंज में बाबूलाल मरांडी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो संथाल परगना में एनआरसी लागू किया जाएगा. इस दौरान बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कौन यहां कब और कैसे आया, कैसे वोटर कार्ड और आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज बनाए गए, कैसे राशन कार्ड में नाम दर्ज करवाकर जमीन खरीदी गई, कैसे आदिवासी बेटियों से शादी-विवाह कर जमीन हड़पी गई और इतनी तेजी से उधवा सहित अन्य जगह में जनसंख्या कैसे बढ़ रही है इन सभी बातों का पता किया जाएगा. साथ ही यह भी पता चला है कि नए लोग आधार कार्ड बनाते हैं तो जनप्रतिनिधि और अधिकारी अनुशंसा करते है, जिन लोगों ने इन लोगों को बसाने का कार्य किया है, वैसे लोग भी चिन्हित किए जाएंगे और वैसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. इस दौरान बाबूलाल ने दावा करते हुए कहा कि केंद्र में 2024 में फिर से नरेंद्र मोदी बंपर बहुमत से जीतेंगे और भाजपा तीसरी बार सरकार बनाएगी. साथ ही झारखंड में भी एनडीए पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी.
आदिवासी अधिकार यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं बाबूलालः गौरतलब हो कि बाबूलाल मरांडी आगामी चुनावों की तैयारी में जुटे हैं और राजमहल लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के लिए जमीन तलाश रहे हैं. वर्तमान में राजमहल लोकसभा सीट पर झामुमो का कब्जा है. साथ ही बोरियो और बरहेट विधानसभा सीट भी जेएमएम के कब्जे में है. इस बार 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी इन सभी सीटों पर कब्जा जमाने की फिराक में है. बताते चलें कि शुक्रवार को देर शाम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी साहिबगंज पहुंचे थे और शनिवार को सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट से अमर शहीद सिदो कान्हू की प्रतिमा का माल्यापर्ण कर आदिवासी अधिकार यात्रा की शुरुआत की थी.
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