साहिबगंज: जिले के कई प्रखंड आदिवासी बाहुल्य हैं, जिसमें बरहेट, बोरियों, मंडरो, बरहरवा, पतना शामिल हैं. मानव तस्कर यहां के लोगों को बरगला कर साथ ले जा रहे हैं और भोले भाले आदिवासी युवक और युवतियां दलाल के चंगुल में फंस रहे हैं. तस्कर इतने शातिर होते हैं कि इन बच्चों को अपना नाम तक सही नहीं बताते हैं और अपना मोबाइल नंबर बदल देते हैं, जिसकी वजह से जब बच्चियों को रेस्क्यू किया जाता है तो वे इन दलालों का सही नाम तक नहीं बता पातीं. इससे दलाल कार्रवाई से बच जाते हैं.
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बाल संरक्षण पदाधिकारी ने कहा कि इन आदिवासी गांव में जागरूकता अभियान चलाएंगे. इनके बीच शिक्षा की अलख भी जलाएंगे, ताकि वे अपने अधिकार और कर्तव्य को समझ सकें. जब तक आदिवासी बच्चियां जागरूक नहीं होंगी, तब तक दलाल इनका फायदा उठाते रहेंगे.