साहिबगंज: 14 मई को झारखंड में पंचायत चुनाव के प्रथम चरण का मतदान होगा लेकिन उससे पहले ही साहिबगंज के पतना प्रखंड में एक मुखिया और 70 वार्ड सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो जाएंगे. इनके खिलाफ किसी उम्मीदवार के द्वारा नॉमिनेशन नहीं करने के बाद 29 अप्रैल को प्रखंड परिसर में जीत का प्रमाण पत्र दिया जाएगा. इस प्रखंड में कुल 13 पंचायत तथा 163 वार्ड हैं. यानी 13 मुखिया व 163 वार्ड सदस्य का चुनाव होना था. जिसमें से 70 वार्ड सदस्य और एक मुखिया के निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद 12 मुखिया 93 वार्ड सदस्यों के लिए चुनाव होगा.
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अर्जुनपुर पंचायत में मुखिया निर्विरोध निर्वाचित: अर्जुनपुर पंचायत में मुखिया पद के लिए प्रमोदिनी मुर्मू व सरिता हांसदा ने नामांकन किया था. सरिता हांसदा का नामांकन रद्द कर दिया गया है. बताया जाता है कि वह जल सहिया के पद पर कार्यरत हैं. नामांकन से पूर्व उसे त्यागपत्र देना था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया.इसी वजह से उसका नामांकन रद कर दिया गया है.
70 वार्ड सदस्य निर्विरोध निर्वाचित: जिन पंचायतों में वार्ड सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं उनमें आमडंडा संथाली पंचायत के मैसी पहाड़िन, सोना मुर्मू, सोना किस्कू, बघराय मुर्मू, गुहियी पहाड़िन, जोहन मालतो, गांगी पहाड़िन, विमला पहाड़िन, तालाबिटी टुडू, शहरी क्षेत्र में लखी मोहली, शांति मीनी किस्कू, आशा तुरी, सुभद्रा देवी, आनंद मालतो, अर्जुनपुर में दुलारी हांसदा, सिमती सोरेन, नरेन बेसरा, दुलारी देवी, रोबिन मुर्मू, कोर्नेलियस बेसरा, सुशीला मुर्मू, मदन मालतो, छोटा रांगा पंचायत में मरकुस मुर्मू, संगीता देवी, पिंकी मुर्मू, पलटन सोरेन, इसी तरह धरमपुर में 4, तालझारी में 4 लखीपुर में 5 शिवापहाड़ में 6 केंदुआ में 7 बड़ा दिग्घी में 9 विशनपुर में 1 मोदीकोला में 2 कटहलबाड़ी में 6 वार्ड सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं.
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बाहरी राज्यों के लोग नहीं लड़ सकेंगे चुनाव: झारखंड सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों के लिए कुछ नियम तय किए हैं. इस नियम के मुताबिक महिला प्रत्याशी झारखंड को छोड़ किसी अन्य राज्य की रहने वाली है तो वो चुनाव के लिए नामांकन नहीं करा सकती हैं. निर्देश में साफ साफ बताया गया कि जिन महिला का माइके बिहार और बंगाल या किसी अन्य राज्य में है. या फिर किसी दूसरे राज्य में जन्म हुआ हो तो झारखंड सरकार उसे स्थायी निवासी नहीं मानती है. झारखंड सरकार के इस नियम का असर जिले के 9 पंचायत के पहले निर्वाचित हो चुकी पंचायत मुखिया पर असर पड़ा है. नए नियम के तहते वे अब इस बार चुनाव नहीं लड़ सकेंगी.
किस-किस पंचायत की वर्तमान मुखिया नहीं लड़ सकेंगी चुनाव
- हाजीपुर पश्चिम की ज्योति देवी
- हाजीपुर उत्तर की आशा देवी
- गंगा प्रसाद पश्चिम मध्य की सुनीता देवी
- सकरीगली स्थित रामपुर सुलेखा देवी
- रामपुर टोपरा, मंजू देवी
- किशन प्रसाद, सरोजनी देवी
- मखमल उत्तर, कमलेश्वरी देवी
- गंगा प्रसाद पश्चिम, सनक टुड्डु
हाईकोर्ट में चुनौती: पंचायत हाजीपुर उत्तर की मुखिया आशा देवी ने कहा कि झारखंड सरकार की गलत नीति की वजह से यह दिन देखना पड़ रहा है. दो बार किस नियम पर हमें चुनाव लड़ने का आदेश दिया गया. उन्होंने कहा पिछले चुनाव में जीतने पर सरकार ने माला पहनाकर स्वागत किया था, आज हमे बिहारी और बंगाली कहकर हमारे हक को छिना जा रहा है. यदि सरकार अब भी नहीं सुनी तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर हो जाएगें. इसी मामले को लेकर सभी मुखिया उपायुक्त से मिलकर अपनी फरियाद सुनाएगी.