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एयरलिफ्ट करके झारखंड वापस लायी जाएंगी मानव तस्करी की शिकार लड़कियां, तैयारी में जुटी सरकार - साहिबगंज में मानव तस्करी की शिकार 60 लड़कियां

झारखंड से मानव तस्करी की शिकार 60 लड़कियों को राज्य सरकार वापस लाने की तैयारी में है. इन्हें अगले कुछ दिनों में दिल्ली से एयरलिफ्ट करके लाया जाना है, बता दें कि इन लड़कियों को नौकरी लगाने का झांसा देकर मानव तस्करों ने दिल्ली में बेच दिया था.

साहिबगंज स्टेशन
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Published : Jul 28, 2020, 6:39 PM IST

साहिबगंज: झारखंड से मानव तस्करी की शिकार 60 लड़कियों को राज्य सरकार वापस लाने की तैयारी में है. इन्हें अगले कुछ दिनों में दिल्ली से एयरलिफ्ट करके लाया जाना है, इन लड़कियों को नौकरी लगाने का झांसा देकर मानव तस्करों ने दिल्ली में बेच दिया था. इन 60 लड़कियों में साहिबगंज की 22 आदिवासी लड़कियां है. दिल्ली सरकार की बाल कल्याण समिति ने अन्य टीम के साथ छापेमारी कर, इन लड़कियों को मुक्त कराते हुए दिल्ली बालिका गृह में रखा है.

देखें पूरी खबर

एयरलिफ्ट से लाया जाएगा रांची

पहली बार झारखंड के महिला विकास विभाग और राज्य संसाधन केंद्र के संयुक्त प्रयास से एयरलिफ्ट से 30 जुलाई तक रांची लाया जाएगा और यहां से सभी को गृह जिला भेजने की कवायद की जाएगी. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी भी अभिभावकों से मिलाने की तैयारी शुरू कर चुकी हैं. इसके लिए अभिभावकों को सूचना दी जा रही है कि इन लड़कियों को आते ही लिखित रूप से संरक्षण में सुपुर्द कर दिया जाएगा. क्योंकि साहिबगंज में बालिका गृह नहीं है.

ये भी पढ़ें-रांचीः रिम्स कैंटीन के 3 कर्मचारियों को हुआ कोरोना, राज्य में रिकवरी रेट में आई 10 प्रतिशत की कमी

यह 22 आदिवासी लड़कियां जिला के बरहेट, बारियो और मंडरो प्रखंड की रहने वाली हैं. गरीबी की वजह से ये युवतियां बाहर जाती है दलाल काम और पैसे के लोभ में दिल्ली ले जाते हैं और इनको बेच देते हैं और इनका शारिरिक शोषण होने लगता है. यह सभी युवतियां अनपढ़ होती हैं और इन सभी का उम्र 12 साल से 20 साल के बीच होती है.

साहिबगंज: झारखंड से मानव तस्करी की शिकार 60 लड़कियों को राज्य सरकार वापस लाने की तैयारी में है. इन्हें अगले कुछ दिनों में दिल्ली से एयरलिफ्ट करके लाया जाना है, इन लड़कियों को नौकरी लगाने का झांसा देकर मानव तस्करों ने दिल्ली में बेच दिया था. इन 60 लड़कियों में साहिबगंज की 22 आदिवासी लड़कियां है. दिल्ली सरकार की बाल कल्याण समिति ने अन्य टीम के साथ छापेमारी कर, इन लड़कियों को मुक्त कराते हुए दिल्ली बालिका गृह में रखा है.

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एयरलिफ्ट से लाया जाएगा रांची

पहली बार झारखंड के महिला विकास विभाग और राज्य संसाधन केंद्र के संयुक्त प्रयास से एयरलिफ्ट से 30 जुलाई तक रांची लाया जाएगा और यहां से सभी को गृह जिला भेजने की कवायद की जाएगी. जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी भी अभिभावकों से मिलाने की तैयारी शुरू कर चुकी हैं. इसके लिए अभिभावकों को सूचना दी जा रही है कि इन लड़कियों को आते ही लिखित रूप से संरक्षण में सुपुर्द कर दिया जाएगा. क्योंकि साहिबगंज में बालिका गृह नहीं है.

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यह 22 आदिवासी लड़कियां जिला के बरहेट, बारियो और मंडरो प्रखंड की रहने वाली हैं. गरीबी की वजह से ये युवतियां बाहर जाती है दलाल काम और पैसे के लोभ में दिल्ली ले जाते हैं और इनको बेच देते हैं और इनका शारिरिक शोषण होने लगता है. यह सभी युवतियां अनपढ़ होती हैं और इन सभी का उम्र 12 साल से 20 साल के बीच होती है.

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