रांची: 15 नवंबर 2000 को भारत के मानचित्र पर एक राज्य के रूप में जगह बनाने के बाद से लेकर अब तक का सफर तय करते हुए राजनीतिक और प्रशासनिक लिहाज से झारखंड एक बड़ा राज्य बन चुका है, लेकिन आपको जानकर खुशी होगी कि आने वाले कई दशकों तक झारखंड की सबसे बड़ी आबादी में युवाओं की हिस्सेदारी रहेगी. भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल के हालिया रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है.
2018 के सैंपल पर आधारित एसआरएस रिपोर्ट पर गौर करें, तो झारखंड में 0 से 24 साल आयु वर्ग की कुल आबादी में हिस्सेदारी 51.9 फीसदी है. इस मामले में पड़ोसी राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश थोड़े आगे हैं. बिहार में 25 से नीचे की आयु वर्ग की आबादी 57.2 फीसदी है, जबकि उत्तर प्रदेश में 52.7 फीसदी है.
उम्र के हिसाब से आबादी का आंकड़ा
आयु वर्ग | पुरुष | महिला | कुल |
0-4 | 9.2 | 8.9 | 9.1 |
5-9 | 10.1 | 9.4 | 9.8 |
10-14 | 11.0 | 10.6 | 10.8 |
15-19 | 11.6 | 11.1 | 11.3 |
20-24 | 10.7 | 11.1 | 10.9 |
25-29 | 9.7 | 10.0 | 9.9 |
30-34 | 8.0 | 8.2 | 8.1 |
हालांकि दूसरी तरफ कामकाजी आबादी के मामले में झारखंड दूसरे राज्यों की तुलना में 18वें स्थान पर है. 15-59 साल की कामकाजी आबादी झारखंड में 63.0 फीसदी है. जबकि राष्ट्रीय औसत 66 फीसदी है.
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सरकार के लिए रोजगार देना बड़ी चुनौती
रिपोर्ट में विवाह विच्छेद यानी शादियों के टूटने का भी जिक्र है. झारखंड में कुल आबादी की 2.3 फीसदी जोड़ियां यानी पति-पत्नी एक दूसरे से अलग हो जाते हैं. जबकि बिहार में यह संख्या आबादी की महज 1.7 फीसदी है. खास बात है कि झारखंड में 65 साल के पार बुजुर्गों की आबादी महज 3.9 फीसदी है. 60 साल से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गों की आबादी के मामले में झारखंड 20 राज्यों से पीछे से. इससे साफ है कि झारखंड का भविष्य बेहद सुनहरा है. लंबे समय तक यहां की एक बड़ी आबादी में हिस्सेदारी युवाओं की होगी, लेकिन दूसरे नजरिए से देखें तो आने वाले समय में झारखंड में बनने वाली सरकारों के लिए युवाओं को रोजगार देना एक बड़ी चुनौती भी होगी.