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इंस्टेंट अमीर बनने की चाहत में गुमराह हो रहे युवा, खुद का गैंग बना दे रहे आपराधिक वारदात को अंजाम

रांची में जमीन कारोबारी अल्ताफ हत्याकांड की गुत्थी सुलझने के बाद जो सच्चाई सामने आयी है वो झारखंड पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गई है. इस हत्याकांड से राजधानी में युवाओं के ऐसे गैंग का पता चला है, जो पैसे लेकर बड़ी आसानी से बड़े-बड़े वारदातों का अंजाम देता है. झारखंड में युवाओं के अपराध की ओर बढ़ते कदम को लेकर झारखंड पुलिस चिंतित है.

gangs of ranchi
गैंग्स ऑफ रांची
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Published : Jul 25, 2021, 2:20 PM IST

Updated : Jul 25, 2021, 8:05 PM IST

रांची: राजधानी में जमीन कारोबारी अल्ताफ हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने 3 दिनों के भीतर सुलझाते हुए कांड में शामिल 10 अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, लेकिन इस वारदात ने रांची पुलिस को चिंता में डाल दिया है. दरअसल राजधानी में युवाओं का एक ऐसा गिरोह तैयार हो रहा है जो पैसे के लिए कुछ भी कर सकता है. अल्ताफ की हत्या को भी उन युवाओं के गिरोह ने ही अंजाम दिया था जो बहुत जल्द अमीर बनने की चाहत रखते हैं. यह हाल सिर्फ राजधानी रांची का ही नहीं है, बल्कि राज्य में कई ऐसे जिले हैं. जहां के युवा पैसे की चाह में गिरोह बनाकर अपराध की वारदात को अंजाम देने से पीछे नहीं हट रहे हैं.

ये भी पढ़ें- 12 अपराधियों ने मिलकर की थी जमीन कारोबारी अल्ताफ की हत्या, 10 अपराधी गिरफ्तार

पैसे और रुतबे के लिए अपराध

राजधानी रांची की अगर बात करें तो हाल के दिनों में हत्या, लूट हो या कोई और जुर्म इसे अंजाम देने वाले 16 साल से लेकर 35 साल तक की उम्र वाले अपराधी ही थे. ये युवा झारखंड में सक्रिय अलग-अलग गिरोह के गैंगस्टर और उनके गुर्गों की कमाई और रुतबे को देख कर इस तरफ आकर्षित हो रहे हैं. इसके अलावे ऐसो आराम, लग्जरी लाइफ स्टाइल, महंगे मोबाइल, बाइक्स, लैपटॉप जैसी कई सुविधाएं आसानी से और कम समय में ये युवा पाना चाहते हैं. गर्लफ्रेंड्स को महंगे गिफ्ट देकर इंप्रेस करने की चाहत, और साथ में पढ़ रहे अमीर लड़कों की बराबरी करने के चक्कर में भी युवा अपराध का शॉर्टकट चुन रहे हैं. कई बार ये साथियों से बड़ी रकम उधार ले लेते हैं और पैसे न चुका पाने की स्थिति में अपराध की ओर कदम बढ़ा देते हैं.

देखें वीडियो

जमीन माफिया जम कर रहा इस्तेमाल

राजधानी रांची में जमीन विवाद को लेकर हत्याएं आम बात है. दरअसल विवादित जमीन पर कब्जा करवाने के लिए पहले जमीन माफिया कुख्यात अपराधियों की मदद लेते थे. कुख्यात अपराधी भी विवादित जमीन पर खुद कब्जा न कर, कब्जे के लिए छोटे अपराधियों की सहायता लेते थे. जिसके एवज में इन कम उम्र के अपराधियों को अच्छी खासी रकम मिल जाती थी. पैसे की चाहत में इन अपराधियों ने खुद का गिरोह बना लिया और जमीन पर कब्जा करने के लिए हत्या की वारदातों को अंजाम देने लगे.

ये भी पढ़ें- अल्ताफ हत्याकांड में साजिशकर्ता अली के चार भाई भी शामिल, लातेहार से किया गया गिरफ्तार

जेल जाने का खौफ नहीं

अल्ताफ हत्याकांड में 10 युवा अपराधियों की गिरफ्तारी हुई थी. इन अपराधियों को जेल जाने से किसी तरह का भय नहीं लगता है. जिस समय पुलिस अल्ताफ हत्याकांड में शामिल अपराधियों की तलाश कर रही थी. उस दौरान एक अपराधी अपने घर के आस-पास ही घूम रहा था और लोगों को यह बता रहा था कि वह 2 साल के लिए अपने ससुराल जाने वाला है. यह इस बात ताकीद करता है कि युवा अपराधी जेल जाने से नहीं डरते हैं.

youth of jharkhand towards crime
अपराध पर एनसीआरबी के आकंड़ें


अवैध हथियारों का शौक

राजधानी में अवैध हथियार रखने के शौक में भी युवा अपराधी बनते जा रहे हैं. पुलिस ने कई ऐसे युवकों को जेल भेजा है, जो वाहन चेकिंग में हथियार के साथ पकड़े गए हैं. उन्होंने हथियार से कोई भी अपराध नहीं किया था, लेकिन हथियार के शौक में वे जेल पहुंच गए. पुलिस ने पिछले दो साल में 560 लोगों को आर्म्स एक्ट के तहत जेल भेजा, जिनमें ज्यादातर आरोपी अवैध हथियार के साथ पकड़े गए. इनमें दो सौ से अधिक युवक ऐसे हैं, जो पहली बार जेल गए हैं.


अपराध के आंकड़े भी दे रहे हैं गवाही

राज्य के युवा कदम अपराध की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. इस संबंध में एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) की रिपोर्ट चौंकाने वाली है. राज्य भर के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो जेलों में बंद कैदियों में आधे से ज्यादा कैदी ऐसे हैं, जिनकी उम्र 18 से 30 साल के बीच है. इस उम्र के अपराधियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. बहुत जल्द अमीर बनने की चाहत में युवा लगातार अपराध की तरफ अपना रुख कर रहे हैं.

क्या कहती है NCRB की रिपोर्ट

एनसीआरबी के 2019 के आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में 52.3 प्रतिशत से ज्यादा अंडर ट्रायल अपराधी हैं ऐसे हैं जो 18 से 30 साल के हैं. 39.5 फीसदी 30 से 50 साल की उम्र के हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में झारखंड में अंडर ट्रायल अपरधियों की संख्या 12 हजार 759 थी, इनमें 18 से 30 साल के बीच के युवाओं की संख्या 6 हजार 672 यानी 52.3 प्रतिशत थी. 2019 के बाद से एनसीआरबी के ताजा आंकड़े अब तक जारी नहीं हुए हैं, अनुमान लगाया जा रहा है कि जब भी आंकड़े जारी होंगे तब यह आंकड़ा और भी बड़ा होगा.

नकेल कसने की तैयारी

आए दिन युवाओं के अपराध की दुनिया में कदम रखने की वजह से पुलिस के सामने भी कानून व्यवस्था की स्थिति संभालने में मुश्किलें खड़ी हो रही हैं. रांची के सीनियर एसपी के अनुसार युवा अवस्था संभलने और बिगड़ने का समय होता है. इस समय में सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है. गलत संगति और नशे की लत में युवा बिगड़ रहे हैं. युवाओं को बिगड़ने से बचाने के लिए परिजनों को विशेष तौर पर उनकी स्थिति को समझने और अच्छी राह दिखाने की जरूरत है. पुलिस भी अपने तरफ से उन्हें समझाने की कोशिश लगातार कर रही है. युवाओं को जागरूक करने के लिए कुछ एनजीओ की मदद भी ली जा रही है.

गैंगस्टर भी युवाओं को बनाते हैं अपराधी

बड़े अपराधियों की नजर हमेशा युवाओं पर रहती है. वे उनसे आपराधिक वारदातों को अंजाम दिलवाते हैं. पुलिस की तफ्तीश में यह बात सामने आई थी कि कुख्यात गैंगस्टर अमन साव जो कि अभी जेल में बंद है. फेसबुक के माध्यम से युवाओं को दोस्त बनाता था फिर उन्हें अपराध की दुनिया में धकेल देता था. धनबाद जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा भी जेल में रहकर भी युवाओं को अपने गिरोह में जोड़ता है, उनसे आपराधिक वारदातों को अंजाम दिलवाता है.

युवाओं का अपराध की दुनिया में आना चिंता का विषय

झारखंड पुलिस के आईजी अभियान सह पुलिस प्रवक्ता अमोल वी होमकर के अनुसार युवाओं का अपराध की दुनिया में आना निश्चित रूप से चिंता का विषय है. आईजी के अनुसार पुलिस मुख्यालय की तरफ से वैसे युवा जो अपराध की तरफ रुख कर रहे हैं, उन पर विशेष नजर रखी जा रही है, साथ ही वैसे बड़े गिरोह जो युवाओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, उन पर भी नकेल कसा जा रहा है. पुलिस मुख्यालय की कोशिश है कि अपराधियों को इतनी कड़ी सजा दी जाए कि जो नए लोग अपराध की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं उनका हश्र देखकर उल्टे कदम वापस लौट जाएं.

रांची: राजधानी में जमीन कारोबारी अल्ताफ हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने 3 दिनों के भीतर सुलझाते हुए कांड में शामिल 10 अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, लेकिन इस वारदात ने रांची पुलिस को चिंता में डाल दिया है. दरअसल राजधानी में युवाओं का एक ऐसा गिरोह तैयार हो रहा है जो पैसे के लिए कुछ भी कर सकता है. अल्ताफ की हत्या को भी उन युवाओं के गिरोह ने ही अंजाम दिया था जो बहुत जल्द अमीर बनने की चाहत रखते हैं. यह हाल सिर्फ राजधानी रांची का ही नहीं है, बल्कि राज्य में कई ऐसे जिले हैं. जहां के युवा पैसे की चाह में गिरोह बनाकर अपराध की वारदात को अंजाम देने से पीछे नहीं हट रहे हैं.

ये भी पढ़ें- 12 अपराधियों ने मिलकर की थी जमीन कारोबारी अल्ताफ की हत्या, 10 अपराधी गिरफ्तार

पैसे और रुतबे के लिए अपराध

राजधानी रांची की अगर बात करें तो हाल के दिनों में हत्या, लूट हो या कोई और जुर्म इसे अंजाम देने वाले 16 साल से लेकर 35 साल तक की उम्र वाले अपराधी ही थे. ये युवा झारखंड में सक्रिय अलग-अलग गिरोह के गैंगस्टर और उनके गुर्गों की कमाई और रुतबे को देख कर इस तरफ आकर्षित हो रहे हैं. इसके अलावे ऐसो आराम, लग्जरी लाइफ स्टाइल, महंगे मोबाइल, बाइक्स, लैपटॉप जैसी कई सुविधाएं आसानी से और कम समय में ये युवा पाना चाहते हैं. गर्लफ्रेंड्स को महंगे गिफ्ट देकर इंप्रेस करने की चाहत, और साथ में पढ़ रहे अमीर लड़कों की बराबरी करने के चक्कर में भी युवा अपराध का शॉर्टकट चुन रहे हैं. कई बार ये साथियों से बड़ी रकम उधार ले लेते हैं और पैसे न चुका पाने की स्थिति में अपराध की ओर कदम बढ़ा देते हैं.

देखें वीडियो

जमीन माफिया जम कर रहा इस्तेमाल

राजधानी रांची में जमीन विवाद को लेकर हत्याएं आम बात है. दरअसल विवादित जमीन पर कब्जा करवाने के लिए पहले जमीन माफिया कुख्यात अपराधियों की मदद लेते थे. कुख्यात अपराधी भी विवादित जमीन पर खुद कब्जा न कर, कब्जे के लिए छोटे अपराधियों की सहायता लेते थे. जिसके एवज में इन कम उम्र के अपराधियों को अच्छी खासी रकम मिल जाती थी. पैसे की चाहत में इन अपराधियों ने खुद का गिरोह बना लिया और जमीन पर कब्जा करने के लिए हत्या की वारदातों को अंजाम देने लगे.

ये भी पढ़ें- अल्ताफ हत्याकांड में साजिशकर्ता अली के चार भाई भी शामिल, लातेहार से किया गया गिरफ्तार

जेल जाने का खौफ नहीं

अल्ताफ हत्याकांड में 10 युवा अपराधियों की गिरफ्तारी हुई थी. इन अपराधियों को जेल जाने से किसी तरह का भय नहीं लगता है. जिस समय पुलिस अल्ताफ हत्याकांड में शामिल अपराधियों की तलाश कर रही थी. उस दौरान एक अपराधी अपने घर के आस-पास ही घूम रहा था और लोगों को यह बता रहा था कि वह 2 साल के लिए अपने ससुराल जाने वाला है. यह इस बात ताकीद करता है कि युवा अपराधी जेल जाने से नहीं डरते हैं.

youth of jharkhand towards crime
अपराध पर एनसीआरबी के आकंड़ें


अवैध हथियारों का शौक

राजधानी में अवैध हथियार रखने के शौक में भी युवा अपराधी बनते जा रहे हैं. पुलिस ने कई ऐसे युवकों को जेल भेजा है, जो वाहन चेकिंग में हथियार के साथ पकड़े गए हैं. उन्होंने हथियार से कोई भी अपराध नहीं किया था, लेकिन हथियार के शौक में वे जेल पहुंच गए. पुलिस ने पिछले दो साल में 560 लोगों को आर्म्स एक्ट के तहत जेल भेजा, जिनमें ज्यादातर आरोपी अवैध हथियार के साथ पकड़े गए. इनमें दो सौ से अधिक युवक ऐसे हैं, जो पहली बार जेल गए हैं.


अपराध के आंकड़े भी दे रहे हैं गवाही

राज्य के युवा कदम अपराध की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. इस संबंध में एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) की रिपोर्ट चौंकाने वाली है. राज्य भर के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो जेलों में बंद कैदियों में आधे से ज्यादा कैदी ऐसे हैं, जिनकी उम्र 18 से 30 साल के बीच है. इस उम्र के अपराधियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. बहुत जल्द अमीर बनने की चाहत में युवा लगातार अपराध की तरफ अपना रुख कर रहे हैं.

क्या कहती है NCRB की रिपोर्ट

एनसीआरबी के 2019 के आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में 52.3 प्रतिशत से ज्यादा अंडर ट्रायल अपराधी हैं ऐसे हैं जो 18 से 30 साल के हैं. 39.5 फीसदी 30 से 50 साल की उम्र के हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में झारखंड में अंडर ट्रायल अपरधियों की संख्या 12 हजार 759 थी, इनमें 18 से 30 साल के बीच के युवाओं की संख्या 6 हजार 672 यानी 52.3 प्रतिशत थी. 2019 के बाद से एनसीआरबी के ताजा आंकड़े अब तक जारी नहीं हुए हैं, अनुमान लगाया जा रहा है कि जब भी आंकड़े जारी होंगे तब यह आंकड़ा और भी बड़ा होगा.

नकेल कसने की तैयारी

आए दिन युवाओं के अपराध की दुनिया में कदम रखने की वजह से पुलिस के सामने भी कानून व्यवस्था की स्थिति संभालने में मुश्किलें खड़ी हो रही हैं. रांची के सीनियर एसपी के अनुसार युवा अवस्था संभलने और बिगड़ने का समय होता है. इस समय में सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है. गलत संगति और नशे की लत में युवा बिगड़ रहे हैं. युवाओं को बिगड़ने से बचाने के लिए परिजनों को विशेष तौर पर उनकी स्थिति को समझने और अच्छी राह दिखाने की जरूरत है. पुलिस भी अपने तरफ से उन्हें समझाने की कोशिश लगातार कर रही है. युवाओं को जागरूक करने के लिए कुछ एनजीओ की मदद भी ली जा रही है.

गैंगस्टर भी युवाओं को बनाते हैं अपराधी

बड़े अपराधियों की नजर हमेशा युवाओं पर रहती है. वे उनसे आपराधिक वारदातों को अंजाम दिलवाते हैं. पुलिस की तफ्तीश में यह बात सामने आई थी कि कुख्यात गैंगस्टर अमन साव जो कि अभी जेल में बंद है. फेसबुक के माध्यम से युवाओं को दोस्त बनाता था फिर उन्हें अपराध की दुनिया में धकेल देता था. धनबाद जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा भी जेल में रहकर भी युवाओं को अपने गिरोह में जोड़ता है, उनसे आपराधिक वारदातों को अंजाम दिलवाता है.

युवाओं का अपराध की दुनिया में आना चिंता का विषय

झारखंड पुलिस के आईजी अभियान सह पुलिस प्रवक्ता अमोल वी होमकर के अनुसार युवाओं का अपराध की दुनिया में आना निश्चित रूप से चिंता का विषय है. आईजी के अनुसार पुलिस मुख्यालय की तरफ से वैसे युवा जो अपराध की तरफ रुख कर रहे हैं, उन पर विशेष नजर रखी जा रही है, साथ ही वैसे बड़े गिरोह जो युवाओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, उन पर भी नकेल कसा जा रहा है. पुलिस मुख्यालय की कोशिश है कि अपराधियों को इतनी कड़ी सजा दी जाए कि जो नए लोग अपराध की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं उनका हश्र देखकर उल्टे कदम वापस लौट जाएं.

Last Updated : Jul 25, 2021, 8:05 PM IST
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