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कोरोना ओमिक्रोन के सब वेरिएंट BF7 से सहमी दुनिया, जानिए झारखंड में क्या है तैयारी

चीन में बढ़ते कोरोना के मामलों ने पूरी दुनिया को एक बार फिर से डरा दिया है. चीन में मची तबाही के पीछे कोरोना ओमिक्रोन के सब वेरिएंट BF7 ( Omicron sub variant BF 7) को माना जा रहा है. भारत में भी कोरोना के सब वेरिएंट की पहचान हुई है. इसके बाद सभी राज्यों को अलर्ट कर दिया गया है. झारखंड भी ओमिक्रोन के सब वेरिएंट BF7 को लेकर अलर्ट है.

world afraid of Corona Omicron sub variant BF 7
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Published : Dec 22, 2022, 6:11 PM IST

Updated : Dec 22, 2022, 7:14 PM IST

बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री

रांची: तेजी से फैलने वाले कोरोना ओमिक्रोन के सब वेरिएंट BF7 ( Omicron sub variant BF 7) ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. भारत में ओमिक्रोन के सब वेरिएंट BF7 के कंफर्म केस मिल चुके हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने अलर्ट जारी करते हुए तैयारियां शुरू कर दी हैं. झारखंड में अभी तक वैक्सीन का दूसरा डोज लेने वाले लोगों की संख्या 72 लाख 89 हजार है. ऐसे में सरकार लोगों से अपील कर रही है जल्द से जल्द लोग बूस्टर डोज लें.

ये भी पढ़ें: लोकसभा में मनसुख मंडाविया बोले- कोरोना के केसों को देखते हुए सरकार अलर्ट पर



झारखंड में कोवैक्सीन को छोड़ कर कोविशिल्ड और 12 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों को दिए जाने वाले वैक्सीन कॉर्बेवैक्स की कमी है. इसके अलावा लोगों में टीकाकरण को लेकर कोई उत्साह भी नहीं है. हालांकि इसके बाद भी स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता इस बात का दावा कर रहे हैं कि झारखंड में कोरोना संक्रमण के किसी भी आपात स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी की गई है. बन्ना गुप्ता ने कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में ओमिक्रोन के नए सब वेरिएंट की वजह से संक्रमण बढ़ा है और वे भी इस सब वेरिएंट पर नजदीकी नजर बनाए हुए हैं.



कोरोना से निपटने की झारखंड स्वास्थ्य विभाग की तैयारी: झारखंड में कोरोना से निपटने के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट यानि 3T पर विशेष जोर रहता है. ऐसे में झारखंड में जहां अभी 15 RTPCR टेस्टिंग लैब हैं वहीं, 300 ट्रूनेट मशीन से कोरोना जांच, कोबास 68 मशीन, जीनोम सिक्वेंसीग मशीन की व्यवस्था है. राज्य के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए 120 PSA प्लांट लगे हुए हैं. अभी कोरोना का कोई भी एक्टिव केस नहीं होने के बावजूद 12628 सुरक्षित बेड कोरोना संक्रमितों के लिए रिजर्व रखा गया है.



टीकाकरण में पिछड़ा हुआ है राज्य: कोरोना से बचाव के रूप में टीकाकरण को कवच जैसी उपाधि मिलने के बावजूद राज्य में कोरोना टीकाकरण में झारखंड काफी पिछड़ा हुआ है . राज्य में 12 वर्ष से 14 वर्ष उम्र समूह वाले 15 लाख 94 हजार बच्चों में सिर्फ 05 लाख 31 हजार 786 बच्चों ने वैक्सीन का पहला डोज नहीं लिया है. जबकि 09 लाख 72 हजार 221 बच्चों ने दूसरा डोज ही नहीं लिया है.


इसी तरह 15 वर्ष से 17 वर्ष उम्र समूह के किशोरों में कुल 23 लाख 98 हजार किशोरों में 08 लाख 12 हजार 652 किशोरों ने वैक्सीन का पहला डोज और 13 लाख 07 हजार 917 किशोरों ने वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लिया. 18 प्लस उम्र समूह वाले 02 करोड़ 10 लाख 46 हजार 083 लोगों में से सभी ने पहला डोज तो लिया, लेकिन 50 लाख 09 हजार 600 लोगों ने वैक्सीन का दूसरा डोज ही नहीं लिया.


बूस्टर डोज लेने में भी गंभीरता नहीं: झारखंड में कोरोना से बचाव के लिए दो डोज के अलावा बूस्टर डोज (precautionary dose) की भी निःशुल्क व्यवस्था होने के बावजूद 87 हजार 265 हेल्थ केअर वर्कर(HCW), 01 लाख 96 हजार 224 फ्रंट लाइन वर्कर(FLW) और 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले 28 लाख 82 हजार 937 बुजुर्गों ने वैक्सीन का बूस्टर डोज नहीं लिया है. राज्य में कोरोना के वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र को पत्र भेजा है.

बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री

रांची: तेजी से फैलने वाले कोरोना ओमिक्रोन के सब वेरिएंट BF7 ( Omicron sub variant BF 7) ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. भारत में ओमिक्रोन के सब वेरिएंट BF7 के कंफर्म केस मिल चुके हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने अलर्ट जारी करते हुए तैयारियां शुरू कर दी हैं. झारखंड में अभी तक वैक्सीन का दूसरा डोज लेने वाले लोगों की संख्या 72 लाख 89 हजार है. ऐसे में सरकार लोगों से अपील कर रही है जल्द से जल्द लोग बूस्टर डोज लें.

ये भी पढ़ें: लोकसभा में मनसुख मंडाविया बोले- कोरोना के केसों को देखते हुए सरकार अलर्ट पर



झारखंड में कोवैक्सीन को छोड़ कर कोविशिल्ड और 12 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों को दिए जाने वाले वैक्सीन कॉर्बेवैक्स की कमी है. इसके अलावा लोगों में टीकाकरण को लेकर कोई उत्साह भी नहीं है. हालांकि इसके बाद भी स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता इस बात का दावा कर रहे हैं कि झारखंड में कोरोना संक्रमण के किसी भी आपात स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी की गई है. बन्ना गुप्ता ने कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में ओमिक्रोन के नए सब वेरिएंट की वजह से संक्रमण बढ़ा है और वे भी इस सब वेरिएंट पर नजदीकी नजर बनाए हुए हैं.



कोरोना से निपटने की झारखंड स्वास्थ्य विभाग की तैयारी: झारखंड में कोरोना से निपटने के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट यानि 3T पर विशेष जोर रहता है. ऐसे में झारखंड में जहां अभी 15 RTPCR टेस्टिंग लैब हैं वहीं, 300 ट्रूनेट मशीन से कोरोना जांच, कोबास 68 मशीन, जीनोम सिक्वेंसीग मशीन की व्यवस्था है. राज्य के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए 120 PSA प्लांट लगे हुए हैं. अभी कोरोना का कोई भी एक्टिव केस नहीं होने के बावजूद 12628 सुरक्षित बेड कोरोना संक्रमितों के लिए रिजर्व रखा गया है.



टीकाकरण में पिछड़ा हुआ है राज्य: कोरोना से बचाव के रूप में टीकाकरण को कवच जैसी उपाधि मिलने के बावजूद राज्य में कोरोना टीकाकरण में झारखंड काफी पिछड़ा हुआ है . राज्य में 12 वर्ष से 14 वर्ष उम्र समूह वाले 15 लाख 94 हजार बच्चों में सिर्फ 05 लाख 31 हजार 786 बच्चों ने वैक्सीन का पहला डोज नहीं लिया है. जबकि 09 लाख 72 हजार 221 बच्चों ने दूसरा डोज ही नहीं लिया है.


इसी तरह 15 वर्ष से 17 वर्ष उम्र समूह के किशोरों में कुल 23 लाख 98 हजार किशोरों में 08 लाख 12 हजार 652 किशोरों ने वैक्सीन का पहला डोज और 13 लाख 07 हजार 917 किशोरों ने वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लिया. 18 प्लस उम्र समूह वाले 02 करोड़ 10 लाख 46 हजार 083 लोगों में से सभी ने पहला डोज तो लिया, लेकिन 50 लाख 09 हजार 600 लोगों ने वैक्सीन का दूसरा डोज ही नहीं लिया.


बूस्टर डोज लेने में भी गंभीरता नहीं: झारखंड में कोरोना से बचाव के लिए दो डोज के अलावा बूस्टर डोज (precautionary dose) की भी निःशुल्क व्यवस्था होने के बावजूद 87 हजार 265 हेल्थ केअर वर्कर(HCW), 01 लाख 96 हजार 224 फ्रंट लाइन वर्कर(FLW) और 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले 28 लाख 82 हजार 937 बुजुर्गों ने वैक्सीन का बूस्टर डोज नहीं लिया है. राज्य में कोरोना के वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र को पत्र भेजा है.

Last Updated : Dec 22, 2022, 7:14 PM IST
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