रांची: राजधानी में जमीन विवाद के मामलों को लेकर पुलिस की भूमिका किस तरह की होनी चाहिए इस पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में रांची जिले के सभी थानों के थानेदार शामिल हुए, जमीन मामलों को लेकर कोविड संक्रमण के बाद पुलिस के लिए यह पहली कार्यशाला थी, जिसमे पूरे आठ घंटे तक पुलिस अफसरों को जमीन विवाद को किस तरह से निपटना हो यह बताया गया.
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विवाद रोकने की कवायद: राजधानी रांची में जमीन विवाद को लेकर होने वाले खून खराबे, मारपीट और विवाद पर ब्रेक लगाने के लिए पुलिस अपनी ठोस रणनीति पर काम तो कर ही रही है, इसके तहत भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. साथ ही अब रांची एसएसपी और डीसी की पहल पर राजधानी के सभी थानेदारों को जमीन विवाद का हल किस तरह निकालना है इसकी भी कानूनी पहलुओं की जानकारी देनी शुरू कर दी गई है. इसके पहले चरण में शनिवार को रांची के सभी 42 थानेदारों को जमीन मामलों के विशेषज्ञ के द्वारा कानूनी पहलुओं की जानकारी दी गई. रांची के मोरबाड़ी मैदान स्थित टीआरआई में आयोजित पुलिस कार्यशाला में पुलिस को वह हर गुर बताए गए जो जमीन विवाद में आजमाना है.
गौरतलब है कि जमीन विवाद में पुलिस की भूमिका हो या नहीं भी हो फिर भी अक्सर पुलिस को इस मामलों में बदनाम किया जाता है. ऐसे में जरूरी है कि पुलिस सिर्फ वैसे मामलों में ही पड़े जिसमें कानून व्यवस्था की स्थिति के खराब होने की संभावना हो. यही वजह है कि शनिवार को रांची जिला के सभी थाना प्रभारी/आरक्षी निरीक्षक/उपआरक्षी निरीक्षक भूमि विवाद से संबंधित मामलों के नियमानुसार आवश्यक प्रक्रिया अपनाते हुए यथाशीघ्र निष्पादन के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान की गई.
एसएसपी और डीसी ने भी साझा की जानकारी: रांची डीसी राहुल कुमार सिन्हा और रांची एसएसपी किशोर कौशल ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित पुलिस पदाधिकारियों को भूमि विवाद से संबंधित मामलों की जटिलताओं और तकनीकी पहलू के बारे में बारीकी से जानकारी दी. एसएसपी के अनुसार जमीन से संबंधित किसी तरह के विवाद को लेकर लोग थाना पहुंचते हैं, मामले के निष्पादन को लेकर संबंधित पदाधिकारी लोगों को समझाकर आवश्यक और उचित प्रक्रिया की जानकारी दे सकें इस उद्देश्य से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि वर्कशॉप में पुलिस पदाधिकारियों ने भूमि विवाद से संबंधित कई मामलों में अपने अनुभव भी साझा किये हैं. इस तरह के आयोजन से फ्रेशनेस के साथ डिलीवरी मेकैनिज्म भी शार्प होता है. जमीन से संबंधित मामलों के निपटारे के लिए पुलिस पदाधिकारी को उचित जानकारी दी गई ताकि आम लोगों को सहूलियत हो सके.