रांचीः नियोक्ताओं के बीच ईएसआईसी अधिनियम के प्रावधानों, लाभ और भविष्य के बारे में जागरूक करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसके साथ ही स्टेकहोल्डर्स और कर्मचारियों के फिडबैक प्राप्ति के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम के क्षेत्रीय कार्यालय झारखंड की ओर से गुरुवार को चैंबर भवन में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन हुआ. ईएसआईसी क्षेत्रीय कार्यालय के अपर आयुक्त सह क्षेत्रीय निदेशक रामजीलाल मीणा ने कहा कि नियोक्ताओं की सुविधा के लिए प्रदेश में 17 लाख लाभार्थियों को चिकित्सा मुहैया करा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में 6 मार्च से परिसंवाद, 25 शोध पत्र पढ़े जाएंगे
कार्यशाला में उन्होंने कहा कि झारखंड में अभी ईएसआईसी से 36 अस्पताल टाईअप्स हैं. जिनमें रांची से 12, जमशेदपुर में 5, बोकारो में 5 के अलावा अन्य जिला सम्मिलित है. अस्पताल में किसी प्रकार की कठिनाई होने पर लाभार्थी ईएसआईसी के टाॅल फ्री नंबर-1800182511 के अलावा ई-मेल और सीधे तौर पर शिकायत पदाधिकारी के पूनम बारला के मोबाइल 9471700463 पर संपर्क कर सकते हैं.
ईएसआईसी के स्टेट मेडिकल ऑफिसर डाॅ. ब्रहमदेव ने कहा कि ईएसआईसी लाभार्थियों को चिकित्सा हितलाभ, बीमारी हितलाभ, मातृत्व हितलाभ, वृद्धावस्था चिकित्सा देखभाल, आश्रितजन हितलाभ, अपंगता हितलाभ जैसी सुविधाएं दी जाती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ईएसआईसी केवल चिकित्सा लाभ ही नहीं बल्कि कर्मचारियों को नकद हितलाभ भी देता है. बैठक के दौरान यह बताया गया कि सड़क यातायात दुर्घटना कार्यस्थल पर दुर्घटना से घायल और अन्य प्राणघातक इमरजेंसी में कर्मचारी बीमा निगम के लाभार्थी टाईअप अस्पताल में सीधे भर्ती होकर कैशलेस सुविधा प्राप्त कर सकते हैं. टाईटप अस्पताल शीघ्र इमरजेंसी चिकित्सा प्रदान करेंगे.
वहीं नियोक्ताओं ने कुछ सवाल भी पूछे. जिसका अधिकारियों ने संतोषप्रद जवाब दिया. कुछ मामलों में उनकी कठिनाईयों के शीघ्र समाधान के लिए आश्वस्त किया गया. बैठक के दौरान अधिकारियों ने अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना की भी जानकारी दी गई.
चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा ने ईएसआईसी अस्पताल में लाभार्थियों को दी जा रही सुविधा पर संतोष जताते हुए अस्पताल प्रबंधन की सराहना की. उन्होंने कहा कि नामकुम में निर्माणाधीन अस्पताल के पूरा होने पर कर्मचारियों की सुविधाओं में और भी बढोतरी होगी. उन्होंने यह भी सुझाया कि अस्पताल की तर्ज पर टेस्टिंग के लिए भी विभिन्न लैब से टाईअप किए जाएं, जिससे लाभार्थियों को अधिक लाभ मिलेगा. साथ ही उन्होंने राज्य के अन्य जिलों में भी ईएसआईसी अस्पताल को स्थापित कराने की मांग की.
इसे भी पढ़ें- झारखंड के 43% बच्चे कुपोषित, यूनिसेफ की परिचर्चा में जताई गई चिंता
स्टेट मेडिकल ऑफिसर डाॅ. ब्रहमदेव ने कहा कि ईएसआईसी के प्रावधानों के अनुरूप अस्पताल का विस्तारिकरण किया जाता है. बोकारो में अस्पताल की स्थापना हो, इसके लिए हम प्रयासरत हैं. उन्होंने यह भी अवगत कराया कि जहां बीमित व्यक्तियों की संख्या कम है. वहां प्राइवेट प्रैक्टिशनर्स से एप्रोच करके अस्पताल की ओर से इलाज सुनिश्चित किया जाता है. अस्पताल प्रबंधन के माध्यम से ऐसे 12 जिलों में डाॅक्टर हैं. डाॅक्टर की संख्या बढाने के आग्रह पर उन्होंने कहा कि डाॅक्टर्स की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया है. जल्द ही चतरा, साहिबगंज, लोहरदगा, लातेहार, पाकुड, खूंटी, गुमला में डाॅक्टर की व्यवस्था की जाएगी.
आकस्मिक स्थिति में उपचार के लिए लाभार्थी अपने नजदीकी अस्पताल में चले जाएं. अगर वह अस्पताल ईएसआईसी से टाईअप नहीं है तो वहां रिम्बर्समेंट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. चैंबर के श्रम उप समिति चेयरमैन प्रमोद सारस्वत ने कहा कि जागरूकता के अभाव में नियोक्ताओं के साथ ही काफी संख्या में लाभार्थी सुविधाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. ऐसे में निगम की ओर से नियमित रूप से जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए. उन्होंने व्यापारियों से आग्रह किया कि ईएसआईसी से किसी प्रकार की समस्या होने पर व्यापारी जरूर चैंबर को अवगत कराएं.