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रांची: गरीबी और इलाज के अभाव में महिला ने तोड़ा दम, ईंट भट्टे में काम कर लौटी थी घर

रांची के बुढ़मू प्रखंड़ में इलाज के अभाव में एक महिला ने दम तोड़ दिया. जानकारी के अनुसार महिला का नाम बिंदिया देवी था. जो एक ईंट भट्ठा में काम करती थी. हाल ही में

परिजन
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Published : May 27, 2020, 1:59 PM IST

Updated : May 27, 2020, 4:12 PM IST

रांची: जिले के बुढ़मू प्रखंड में इलाज के अभाव में एक महिला ने दम तोड़ दिया. जानकारी के अनुसार महिला का नाम बिंदिया देवी था, जिसने करीब 15 दिन पहले एक ईट भट्ठा में कार्य करने के दौरान एक बच्चे को जन्म दिया था. जन्म के बाद ही बच्चे की मृत्यु हो गई थी और बिंदिया देवी को बुखार हो गया था. जिसके बाद ईट भट्ठा संचालक ने कुछ पैसे देकर बिंदिया देवी को घर भिजवा दिया था.

झोलाछाप डॉक्टर से कराया इलाज

21 मई को गांव के ग्रामीणों से सहयोग लेकर अघनु अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए बुढ़मू आया. जहां एक प्राइवेट क्लीनिक ने इलाज करने से मना कर दिया और सीएचसी बुढ़मू में महिला के लक्षण के आधार पर बगैर जांच (कोरोना के भय के कारण) किए, दवा देकर घर भेज दिया. इधर कहीं इलाज न होने के बाद गांव के झोलाछाप डॉक्टर से बिंदिया देवी का इलाज कराया गया और अंततः 26 मई को दिन में बिंदिया ने दम तोड़ दिया. मामले के बारे में सूचना पाकर पीड़ित के परिजनों से मिलकर जिप उपाध्यक्ष पार्वती देवी ने परिजनों के लिए 100 किलो चावल की व्यवस्था की और परिजनों को सांत्वना दी.

ये भी पढ़ें- लेवी की रकम को लेकर नक्सली संगठन में टूट, NIA के रडार पर रहने के बावजूद सक्रिय हैं टीपीसी के सदस्य

बिंदिया देवी का अपना मकान नहीं है. पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं और न ही राशन कार्ड है. बिंदिया देवी ईट भट्ठा से लौटने के बाद अपने चचेरे भैसूर देवठान गंझू के मकान में अपने पति और तीन छोटी बेटियों के साथ रहती थी. अब अघनु गंझू को यही चिंता सता रही है कि इन बच्चियों की परवरिश कैसे होगी.

रांची: जिले के बुढ़मू प्रखंड में इलाज के अभाव में एक महिला ने दम तोड़ दिया. जानकारी के अनुसार महिला का नाम बिंदिया देवी था, जिसने करीब 15 दिन पहले एक ईट भट्ठा में कार्य करने के दौरान एक बच्चे को जन्म दिया था. जन्म के बाद ही बच्चे की मृत्यु हो गई थी और बिंदिया देवी को बुखार हो गया था. जिसके बाद ईट भट्ठा संचालक ने कुछ पैसे देकर बिंदिया देवी को घर भिजवा दिया था.

झोलाछाप डॉक्टर से कराया इलाज

21 मई को गांव के ग्रामीणों से सहयोग लेकर अघनु अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए बुढ़मू आया. जहां एक प्राइवेट क्लीनिक ने इलाज करने से मना कर दिया और सीएचसी बुढ़मू में महिला के लक्षण के आधार पर बगैर जांच (कोरोना के भय के कारण) किए, दवा देकर घर भेज दिया. इधर कहीं इलाज न होने के बाद गांव के झोलाछाप डॉक्टर से बिंदिया देवी का इलाज कराया गया और अंततः 26 मई को दिन में बिंदिया ने दम तोड़ दिया. मामले के बारे में सूचना पाकर पीड़ित के परिजनों से मिलकर जिप उपाध्यक्ष पार्वती देवी ने परिजनों के लिए 100 किलो चावल की व्यवस्था की और परिजनों को सांत्वना दी.

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बिंदिया देवी का अपना मकान नहीं है. पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं और न ही राशन कार्ड है. बिंदिया देवी ईट भट्ठा से लौटने के बाद अपने चचेरे भैसूर देवठान गंझू के मकान में अपने पति और तीन छोटी बेटियों के साथ रहती थी. अब अघनु गंझू को यही चिंता सता रही है कि इन बच्चियों की परवरिश कैसे होगी.

Last Updated : May 27, 2020, 4:12 PM IST
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